Jayaprakash Narayan Biography in Hindi: जयप्रकाश नारायण कैसे बनें भारत के लोकतांत्रिक आंदोलन के मार्गदर्शक

Jayaprakash Narayan Biography in Hindi: जयप्रकाश नारायण के विशाल और विराट व्यक्तित्व के बावजूद अक्सर प्यार से लोग उन्हें जेपी कह कर पुकारा करते थे। भारतीय राजनीति में एक महान व्यक्तित्व और देश के लोकतांत्रिक आंदोलन के प्रमुख वास्तुकार के रूप में लोकनायक जयप्रकाश नारायण पहचाने जाते हैं।

जयप्रकाश नारायण कैसे बनें भारत के लोकतांत्रिक आंदोलन के मार्गदर्शक

11 अक्टूबर, 1902 को बिहार के सिताब दियारा गांव में जन्मे जेपी की जीवन यात्रा भारत में स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई का पर्याय बन गई। अपने जीवनकाल में उन्होंने भारत के भविष्य के निर्माण के लिए राजनीति और समाज कल्याण कार्यों में अपना बहुमुल्य योगदान दिया। जयप्रकाश नारायण को उनके सामाजिक विचारधारा और मानवतावादी प्रगति के लिए विशाल दृष्टिकोण रखने के लिए पहचाना जाता था। उन्होंने अपना पूरा जीवन विभिन्न संघर्ष में बिताया।

जेपी के पिता का नाम हरसु दयाल श्रीवास्तव और माता का नाम फूल रानी देवी था। वे अपने माता-पिता के चौथे संतान थें। शिक्षा पूरी करने के बाद, 1920 में उनका विवाह प्रभावती देवी से हुआ। वे एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, सिद्धांतकार, समाजवादी और राजनीतिक नेता थे। 1970 के दशक के मध्य में उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए याद किया जाता है। उस दौरान सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उन्होंने "संपूर्ण क्रांति" का आह्वान किया था।

जयप्रकाश नारायण द्वारा समाजिक कार्यों के लिए वर्ष 1999 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनकी सामाजिक सेवा की मान्यता के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 1965 में सार्वजनिक सेवा के लिए उन्हें मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं, भारत के लोकतांत्रित आंदोलन के मार्गदर्शक कैसे बनें जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan Biography in Hindi)। साथ ही उनकी शिक्षा, प्रारंभिक जीवन, राजनीतिक आंदोलन, सामाजिक सुधार एवं कार्य आदि के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस लेख की सहायता से आप जयप्रकाश नारायण पर निबंध, भाषण, क्विज आदि की भी तैयारी कर सकते हैं। जानें आंदोलनकारी लोकमान्य जयप्रकाश नारायण उर्फ जेपी को थोड़ा और करीब से-

जयप्रकाश नारायण की प्रारंभिक शिक्षा (Educational Qualification Of Jayaprakash Narayan)

बिहार के एक छोटे से गांव सिताबदियारा में जन्म के बाद जेपी का पालन-पोषण एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा महात्मा गांधी की शिक्षाओं और अहिंसा और सामाजिक सुधार के सिद्धांतों पर आधारित थी। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी आगे की शिक्षा पूरी की, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से समाजशास्त्र में डिग्री हासिल की और बाद में आयोवा और विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया।

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जेपी के जीवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का प्रभाव

अपनी पूरी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत लौटने पर, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी के लिए महात्मा गांधी के आह्वान से जेपी बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने गांधी जी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और अहिंसक प्रतिरोध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए ख्याति अर्जित की।

सामाजिक सक्रियता और स्वतंत्रता के बाद का युग

1947 में भारत को आज़ादी मिलने के बाद, जेपी ने खुद को सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता में डुबो दिया। उन्होंने भूमि सुधार, सभी के लिए शिक्षा और संसाधनों के समान वितरण की वकालत की। लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय में उनके अटूट विश्वास ने उन्हें पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया, जो भारत में नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए समर्पित संगठन है।

1970 के दशक में, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाए जाने के साथ भारत को राजनीतिक अशांति का सामना करना पड़ा। इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान, जेपी एक मजबूत विपक्षी नेता के रूप में उभरे, जिन्होंने सत्तावादी शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट किया। उनका स्पष्ट आह्वान, "संपूर्ण क्रांति", पूरे देश में गूंजा, जिसने लाखों लोगों को लोकतंत्र की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

भारत के लोकतांत्रिक आंदोलन और जेपी की भूमिका

जेपी की भूमिका भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने में गहराई से रची-बसी है। एक न्यायपूर्ण और समतावादी समाज का उनका दृष्टिकोण, जहां प्रत्येक नागरिक के अधिकार सुरक्षित हों, पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। भारतीय राजनीति में उनका योगदान केवल वैचारिक नहीं बल्कि व्यावहारिक था, जिससे देश में महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन हुए।

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1929 के अंत में नारायण अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद एक मार्क्सवादी के रूप में अमेरिका से भारत लौटे। जवाहरलाल नेहरू के आमंत्रण पर जेपी ने 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया। उस दौरान वे महात्मा गांधी को अपना गुरु मानते थे। वे गांधी के साथ कई आंदोलन में शामिल हुए और सक्रिय रूप से आंदोलन में भाग लिया। 1930 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ सविनय अवज्ञा के लिए जेल जाने के बाद नारायण को नासिक जेल में कैद किया गया। जेल में बिताये दिनों में उनकी मुलाकात राम मनोहर लोहिया, मीनू मसानी, अच्युत पटवर्धन, अशोक मेहता, बसावन सिंह, यूसुफ देसाई, सीके नारायणस्वामी और अन्य राष्ट्रीय नेताओं से हुई। जेल से मुक्त होने के बाद, जेपी ने कांग्रेस के भीतर एक वामपंथी समूह कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी या (सीएसपी) का गठन किया गया। आचार्य नरेंद्र देव इस समूह के अध्यक्ष और जयप्रकाश नारायण इसके महासचिव बनें।

अपने बाद के वर्षों में, जेपी सक्रिय राजनीति से हट गए लेकिन राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर एक प्रभावशाली आवाज बने रहें। दुःख की बात है कि अपने 77वें जन्मदिन से कुछ ही दिन पहले 8 अक्टूबर, 1979 को बीमारी के कारण उनका निधन हो गया। उनकी भौतिक अनुपस्थिति के बावजूद, उनके आदर्श और सिद्धांत कायम हैं, जो एक बेहतर, अधिक न्यायपूर्ण भारत के लिए प्रयास करने वालों के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में काम कर रहे हैं। जयप्रकाश नारायण का जीवन अटूट दृढ़ संकल्प, निस्वार्थता और सत्य की निरंतर खोज की भावना का प्रतीक है। उनकी विरासत लाखों लोगों के दिलों में जीवित है, जो दुनिया को लोकतांत्रिक आदर्शों की शक्ति और परिवर्तनकारी परिवर्तन की अलख जगाने की एक व्यक्ति की क्षमता की याद दिलाती है।

जयप्रकाश नारायण को प्राप्त पुरस्कारों की सूची

1. भारत के 2001 के टिकट पर जयप्रकाश नारायण की तस्वीर
2. 1999 (मरणोपरांत) सामाजिक कार्यों के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित
3. एफआईई फाउंडेशन , इचलकरंजी का राष्ट्रभूषण पुरस्कार से सम्मानित
4. वर्ष 1965 में सार्वजनिक सेवा के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित

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English summary
Jayaprakash Narayan Biography in Hindi- Let us know through this article, how Jayaprakash Narayan became the guide of India's democratic movement. We will also know in detail about his education, early life, political movement, social reforms and work etc. From this article, you can also prepare for essay, speech, quiz etc on Jayaprakash Narayan. Know the all about Lokmanya Jaiprakash Narayan alias JP a little more.
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