भारत आज अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आजादी के जश्न में पूरा देश सरबोर है। हर तरफ ख़ुशी और उल्लास का माहौल है। ऐसे में छात्रों को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा दिए गए अनमोल विचारों का अनुसरण करना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, स्वतंत्रता दिवस निबंध, स्वतंत्रता दिवस कविता, स्वतंत्रता दिवस शायरी और स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं संदेश गूगल में खूब सर्च किए जा रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस 2021 गूगल ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए, करियर इंडिया हिंदी आपके स्वतंत्रता दिवस पर सबसे प्यारी देशभक्ति कविता लेकर आया है। यकीन मानिए स्वतंत्रता दिवस पर कविता आपको बहुत पसंद आएगी।
स्वतंत्रता दिवस हमारे दिलों को देशभक्ति से भरने और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बहादुर प्रयासों पर गर्व महसूस करने का सही अवसर भी बनाता है। हम आपके लिए अपने मित्रों और परिवार के साथ स्वतंत्रता की खुशी साझा करने के लिए स्वतंत्रता दिवस पर कविता, कोट्स और शुभकामनाएं संदेश लेकर आए हैं।
Happy Independence Day Poem | Swatantrata Diwas Par Kavita #1
न रुके यह रथ विजय का
आज ऐसा काम करदे
तन ये मन जीवन ये अपना
तू वतन के नाम करदे
वीर गाथा देश की
अपने हृदय में अब बसाले
कंटकों पर चल खुशी से
दर्द में भी मुस्कुरा ले
इस धरा की पीड़ हरकर
हर गली को धाम करदे
तन ये मन जीवन ये अपना
तू वतन के नाम करदे
रण में फैले दुश्मनों को
सिंह की दहाड़ दे
शत्रुओं के वक्ष पर जाकर
तिरंगा गाड़ दे
सत्य की कर जीत जग में
शौर्य का पैग़ाम करदे
तन ये मन जीवन ये अपना
तू वतन के नाम करदे
कवी कलिशंकर सोम्य
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Independence Day Poem | Swatantrata Diwas Par Kavita #2
हम होंगे कामयाब,
रखो स्वयं पर विश्वास,
माना वक्त है सख्त,
पर फिर पलटेगा तख्त,
नहीं खोना है आत्मविश्वास,
है जब अपनों का साथ,
हंसते गाते समय कट जाएगा,
खुली हवा में फिर मनुष्य सांस ले पाएगा,
स्थिर तो कुछ नहीं इस दुनिया में,
वक्त का पहिया चलता जाएगा,
है जो अवसाद का वातावरण,
प्रोत्साहन में बदल जाएगा,
आत्मिक शक्ति से,
डर का अंत हो जाएगा,
मन में रखो विश्वास,
हम होंगे कामयाब।
अज्ञात
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Independence Day Poem | Swatantrata Diwas Par Kavita #3
न और कोई कामना
यही है सिर्फ़ याचना
पवित्र मातृभूमि की महानता बनी रहे
स्वतंत्रता बनी रहे ,स्वतंत्रता बनी रहे
शहीद वीर बाँकुरों की आन है स्वतंत्रता
समस्त देश प्रेमियों की शान है स्वतंत्रता
वतन हमारा जिस्म है तो जान है स्वतंत्रता
हवा है ,रौशनी है,आसमान है स्वतंत्रता
यही तृषा-विभेदिनी
यही हमारी मेदिनी
इसी में पंच तत्व की विशेषता बनी रहे!
स्वतंत्रता का अर्थ है कि हम स्वतंत्र स्वर बनें
जहाँ हो मौन दासता वहाँ सदा मुखर बनें
स्वतंत्रता के तीर्थ की सदैव हम डगर बने
सजीव स्वाभिमान से जियें सदा निडर बनें
यही हमारा लक्ष्य हो
स्वतंत्र हर मनुष्य हो
परन्तु हर मनुष्य में मनुष्यता बनी रहे!
उठें कि हम जो सो रहे हैं अब उन्हें झिंझोड़ दें
नवीन क्रान्ति दें,स्वदेश को नवीन मोड़ दें
समस्त भ्रष्ट -दुष्ट मालियों का साथ छोड़ दें
स्वदेश के चरित्र को पवित्रता से जोड़ दें
न छोड़ें मानवीयता
न भूलें भारतीयता
विवेक से अनेकता में एकता बनी रहे!
उर्मिलेश
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Independence Day Poem | Swatantrata Diwas Par Kavita #4
पन्द्रह अगस्त का दिन कहता - आज़ादी अभी अधूरी है।
सपने सच होने बाक़ी हैं, राखी की शपथ न पूरी है॥
जिनकी लाशों पर पग धर कर आजादी भारत में आई।
वे अब तक हैं खानाबदोश ग़म की काली बदली छाई॥
कलकत्ते के फुटपाथों पर जो आंधी-पानी सहते हैं।
उनसे पूछो, पन्द्रह अगस्त के बारे में क्या कहते हैं॥
हिन्दू के नाते उनका दुख सुनते यदि तुम्हें लाज आती।
तो सीमा के उस पार चलो सभ्यता जहाँ कुचली जाती॥
इंसान जहाँ बेचा जाता, ईमान ख़रीदा जाता है।
इस्लाम सिसकियाँ भरता है,डालर मन में मुस्काता है॥
भूखों को गोली नंगों को हथियार पिन्हाए जाते हैं।
सूखे कण्ठों से जेहादी नारे लगवाए जाते हैं॥
लाहौर, कराची, ढाका पर मातम की है काली छाया।
पख़्तूनों पर, गिलगित पर है ग़मगीन ग़ुलामी का साया॥
बस इसीलिए तो कहता हूँ आज़ादी अभी अधूरी है।
कैसे उल्लास मनाऊँ मैं? थोड़े दिन की मजबूरी है॥
दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुनः अखंड बनाएँगे।
गिलगित से गारो पर्वत तक आजादी पर्व मनाएँगे॥
उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से कमर कसें बलिदान करें।
जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें॥
अटल बिहारी वाजपेयी
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Independence Day Poem | Swatantrata Diwas Par Kavita #5
आज़ादी का पर्व, उचित है आज सगर्व मनाएँ हम।
भवन-भवन पर ध्वज लहरा कर गीत विजय के गाएँ हम॥
दीप जलाएँ, नैन मिलाएँ नभ के चाँद-सितरों से।
गूँज उठे धरती का कोना-कोना जय-जयकारों से॥
क्यों न हर्ष हो, जब खोया उत्कर्ष हमें फिर प्राप्त हुआ।
भगी दासता दूर, देश का सुयश विश्व में व्याप्त हुआ॥
पर केवल इससे करना होगा हमको सन्तोष नहीं।
तड़प रहे अरमान अभी हम रह सकते ख़ामोश नहीं॥
देख चमकता सूर्य गगन में, मन में अति उल्लास हुआ।
किन्तु धरा के प्रांगण में है अभी न पूर्ण प्रकाश हुआ॥
हुआ शुभागम हे बसन्त का, पर आ सकी बहार नहीं।
शुष्क लताओं में मधुरस का हुआ अभी संचार नहीं॥
सुमनावलियों के मुख पर है अभी मदिर मुस्कान कहाँ।
गुन-गुन गाते भँवरों को है मिला अभी रसपान कहाँ॥
अभी कंठ में कोकिल के है गूंजे स्वर संगीत नहीं।
अभी बिहंगों के कलरव में मादक मधुमय गीत नहीं॥
बापू के उस रामराज्य का स्वप्न अभी साकार कहाँ।
टूट सकी है दैन्य-दुर्ग की अभी अचल दीवार कहाँ॥
निकल सकी है नाव भँवर से किन्तु किनारा दूर अभी।
क़दम बढ़े हैं आगे कुछ पर लक्ष्य हमारा दूर अभी॥
पथ को ही मंजिल मत समझो और अभी बढ़ना होगा।
दीन-दुखी जर्जरित राष्ट्र का भाग्य स्वयं गढ़ना होगा॥
धीर वीर प्रहरी बन कर करना होगा परित्राण हमें।
अर्द्ध खिले इस उपवन का करना है नवनिर्माण हमें॥
निर्धनता की जंज़ीरों को जड़ से काट गिराना है।
भारत की इस पुण्यभूमि पर नूतन स्वर्ग रचाना है॥
स्नेह-सुधा का हर मानस में निर्मल स्रोत बहाना है।
हर मानव के मन में मानवता का भाव जगाना है॥
सुखी सभी हों, कृषक और श्रमजीवी जन को मान मिले।
उन्नत हों अभिशप्त दीन को वैभव का वरदान मिले॥
साम्य-सलिल की अनुपम धारा बहती विमल विशेष रहे।
शस्य-श्यामला भूमि सदा सम्पन्न हमारा देश रहे॥
स्वाधिकार को प्राप्त करें सब कोई कहीं अभाव न हो।
फूले-फले सुजीवन सबका रंच विषमता भाव न हो॥
व्रत लीें आज सभी मिल कर प्रण पूरा कर दिखलाएंगे।
पंचशील का पाठ पढ़ा कर जग को सुखी बनाएंगे॥
महावीर प्रसाद 'मधुप'
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Happy Independence Day 2021 All Of You