बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है उसकी सोच वैसे-वैसे बदलती चली जाती है। बपचन में एक बच्चा वही काम करता है जो उसके माता-पिता या उससे बड़े लोग उसे करने के लिए बोलते हैं। लेकिन बड़े होने के साथ-साथ एक बच्चे को 18 साल तक ये समझ आने लगती है कि उसे कानूनी तौर स्वतंत्रता से रहने का अधिकार है।
अब सवाल ये उठता है की स्वतंत्रता क्या होती है, कितने प्रकार की होती है? तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको ये बताते हैं कि आखिरकार स्वतंत्रता क्या होती है और ये कितने प्रकार की होती है।
जैसा कि संविधान में प्रयोग किया गया है, स्वतंत्रता का अर्थ है किसी व्यक्ति पर मनमाने और अनुचित संयम से मुक्ति। संयम से मुक्ति का तात्पर्य केवल शारीरिक संयम से अधिक नहीं है, बल्कि अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता भी है। स्वतंत्रता शब्द के लिए अंग्रेजी में लिबर्टी शब्द का प्रयोग किया जाता है।
स्वतंत्रता कितने प्रकार की होती है
1. राजनीतिक स्वतंत्रता
राजनीतिक स्वतंत्रता का सीधा अर्थ उस स्वतंत्रता से होता है जिसमें की व्यक्तियों को मतदान करके और सार्वजनिक पद धारण करके सरकार में भाग लेने का अधिकार शामिल है।
2. प्राकृतिक स्वतंत्रता
स्मिथ के अनुसार प्राकृतिक स्वतंत्रता का अर्थ- सरकारी प्रतिबंधों को हटाना था ताकि लोग स्वतंत्र होकर अपना जीवन व्यतीत कर सकें और व्यक्तिगत पसंद के अनुसार अपनी संपत्ति का प्रबंधन कर सकें। यह स्वतंत्रता सरकारों पर प्रतिबंध लगाती है और लोगों को नागरिक अधिकार प्रदान करती है।
3. आर्थिक स्वतंत्रता
आर्थिक स्वतंत्रता प्रत्येक मनुष्य का अपने श्रम और संपत्ति को नियंत्रित करने का मौलिक अधिकार है। आर्थिक रूप से मुक्त समाज में, व्यक्ति किसी भी तरह से काम करने, उत्पादन करने, उपभोग करने और निवेश करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
4. नैतिक स्वतंत्रता
नैतिक स्वतंत्रता बाइबिल द्वारा निर्धारित सही काम करने के लिए चुनने की स्वतंत्रता है। नैतिक स्वतन्त्रता व्यक्ति की नैतिक भावनाओं पर आधारित होती है कि व्यक्ति को सत्य, असत्य, नैतिक, अनैतिक, धर्म, अधर्म, उचित, अनुचित आदि में निर्णय करने की स्वतन्त्रता होनी चाहिए।
5. नागरिक स्वतंत्रता
नागरिक स्वतंत्रता "बुनियादी अधिकार और स्वतंत्रता है जो व्यक्तियों को किसी भी मनमानी कार्रवाई या कानून की उचित प्रक्रिया के बिना सरकार के अन्य हस्तक्षेप से सुरक्षा के रूप में गारंटी दी जाती है।"
6. राष्ट्रीय स्वतंत्रता
राष्ट्रीय स्वतंत्रता से तात्पर्य राष्ट्र या देश की स्वतंत्रता से है। जिस तरह एक नागरिक के विकास के लिए स्वतंत्रता जरूरी है उसी तरह एक राष्ट्र की उन्नति के लिए राष्ट्रीय स्वतंत्रता होना आवश्यक है, राष्ट्रीय स्वतंत्रता को अन्य सभी स्वतंत्रता के आधार का स्तंभ माना जाता है।
7. धार्मिक स्वतंत्रता
धार्मिक स्वतंत्रता के दो प्रमुख घटक हैं: पूजा करने और अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता। धार्मिक स्वतंत्रता में लोग अपनी मन की इच्छानुसार किसी भी धर्म को मान सकते है।