प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में भारत के विकास को आकार देने, नवाचार को बढ़ावा देने और देश को विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने के उद्देश्य से भविष्य के लक्ष्यों की एक श्रृंखला की रूपरेखा प्रस्तुत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुधारों के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, क्योंकि यह किसी मजबूरी में नहीं बल्कि आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए गहरे विश्वास के परिणामस्वरूप किया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया अब भारत में निवेश करना चाह रही है। 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों का जिक्र किया। इससे उद्यमियों और व्यवसायों को आसान ऋण उपलब्ध हुआ, कौशल विकास और विनिर्माण ने भारत को मोबाइल फोन आयातक से अब निर्यातक बना दिया है।
सामाजिक-राजनीतिक विकास के लिए नीतियों के साथ ये भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा, "2047 तक विकसित भारत सिर्फ एक नारा नहीं है। इसके पीछे कड़ी मेहनत है।" सुधार प्रक्रिया को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि इसने एक के बाद एक सेक्टर खोले हैं, विनियमन को हल्का किया है, आसान ऋण उपलब्ध कराया है और शासन में हस्तक्षेप को कम किया है। उन्होंने कहा कि युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इस रास्ते को चुना गया है।
उन्होंने कहा, "मैं यह आश्वासन देना चाहता हूं कि सुधारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता केवल पिंक पेपर्स (आर्थिक समाचार पत्रों) में अच्छे संपादकीय पाने तक सीमित नहीं है। यह प्रतिबद्धता अल्पावधि में प्रशंसा पाने के लिए नहीं है।" 1991 के आर्थिक सुधारों को शुरू करने वाले संकट के साथ स्पष्ट तुलना करते हुए उन्होंने कहा, "हमारे सुधार किसी मजबूरी से नहीं हैं। सुधार भारत और इसकी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हैं। सुधार विकास के लिए हमारी रूपरेखा हैं।" उन्होंने कहा, "हम राजनीतिक मजबूरियों या किसी राजनीतिक अंकगणित के कारण कुछ नहीं कर रहे हैं। हमारी प्रतिबद्धता राष्ट्र प्रथम है और राष्ट्रीय हित सर्वोच्च है।"
पिछले 10 वर्षों में आर्थिक परिदृश्य को बदलने वाले कुछ सुधारों को सूचीबद्ध करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में सुधार किया गया है, जिससे यह मजबूत हुआ है, जिसने औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है और साथ ही गरीब और मध्यम वर्ग की बैंकिंग जरूरतों को पूरा किया है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित किया। आइए 10 बिन्दुओं से जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन भाषण में क्या क्या कहा और किन मुख्य बिंदुओं पर अपनी बात रखी।
1. जीवन की सुगमता मिशन: प्रधानमंत्री मोदी ने मिशन मोड पर 'ईज आफ लिविंग' यानी जीवन की सुगमता को पूरा करने के अपने दृष्टकोण को रेखांकित किया। उन्होंने एक व्यवस्थित आकलन और बुनियादी ढांचे एवं सेवाओं में सुधार के जरिये शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को बेहतर करने की बात कही।
2. नालंदा का पुनरुद्धार: प्रधानमंत्री ने उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा देते हुए भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित करते हुए प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की भावना को पुनर्जीवित करने की बात कही। यह 2024 में नालंदा विश्वविद्यालय के उद्घाटन पर आधारित है।
3. मेड इन इंडिया चिप-सेमीकंडक्टर उत्पादन: प्रधानमंत्री मोदी ने सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य आयात पर निर्भरता घटाना और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है।
4. स्किल इंडिया: प्रधानमंत्री ने बजट 2024 का उल्लेख करते हुए भारत के युवाओं को प्रशिक्षित करने और भारत को दुनिया की कौशल राजधानी बनाने के लिए सरकार द्वारा घोषित महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला।
4. औद्योगिक विनिर्माण का केंद्र: प्रधानमंत्री मोदी ने देश के व्यापक संसाधनों और कुशल कार्यबल का लाभ उठाते हुए भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की परिकल्पना की।
5. 'भारत में डिजाइन, दुनिया के लिए डिजाइन': प्रधानमंत्री ने स्वदेशी डिजाइन क्षमताओं की सराहना की और ऐसे उत्पाद बनाने का आग्रह किया जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा कर सकें।
6. वैश्विक गेमिंग बाजार में अग्रणी: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को मेड इन इंडिया गेमिंग उत्पाद बनाने के लिए अपनी समृद्ध प्राचीन विरासत और साहित्य का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय पेशेवरों को न केवल खेलने में बल्कि गेम बनाने में भी वैश्विक गेमिंग बाजार का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय गेम्स को दुनिया भर में अपनी पहचान बनानी चाहिए।
7. हरित रोजगार एवं ग्रीन हाइड्रोजन मिशन: प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों में हरित रोजगार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश अब हरित विकास और हरित रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान के साथ-साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रधानमंत्री ने ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने और पर्यावरण संरक्षण एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्र में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
8. स्वस्थ भारत मिशन: प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को 'स्वस्थ भारत' की राह पर चलना चाहिए, जिसकी शुरुआत राष्ट्रीय पोषण अभियान के उद्घाटन के साथ हो चुकी है।
9. राज्य स्तर पर निवेश प्रतियोगिता: प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे निवेश आकर्षित करने, सुशासन का आश्वासन देने और कानून-व्यवस्था की स्थिति में विश्वास बहाली के लिए स्पष्ट नीतियां बनाएं।
10. वैश्विक मानक के तौर पर भारतीय मानक: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की पहचान गुणवत्ता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता के लिए होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय मानकों को अंतर्राष्ट्रीय मानक बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की अन्य मुख्य बिंदुएं
जलवायु परिवर्तन लक्ष्य: प्रधानमंत्री ने 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत जी20 देशों के बीच पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने वाला एकमात्र देश है।
चिकित्सा शिक्षा का विस्तार: प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अगले 5 वर्षों के दौरान चिकित्सा की 75,000 नई सीटें जोड़ने की योजना की घोषणा की। इसका उद्देश्य देश की चिकित्सा शिक्षा क्षमता को बढ़ाना और स्वास्थ्य पेशेवरों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
राजनीति में युवाओं को शामिल करना: प्रधानमंत्री मोदी ने 1 लाख युवाओं को राजनीतिक व्यवस्था में लाने का आह्वान किया, विशेष रूप से उन लोगों को जिनके परिवारों में राजनीति का कोई इतिहास नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य भाई-भतीजावाद एवं जातिवाद की बुराइयों से लड़ना और भारत की राजनीति में युवाओं को शामिल करना है।