Vishwakarma Puja 2024: विश्वकर्मा पूजा कब है? जानिए तिथि, मुहूर्त, इतिहास और महत्व क्या है?

Vishwakarma Puja 2024: हिंदू धर्म में 16 कोटि देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है। अर्थात हर महीने कोई ना कोई पूजा, व्रत या त्योहार मनाया जाता है। हिंदू धर्म में वास्तुकार और शिल्पकार के दिव्य स्वरूप के रूप में भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाती है।

विश्वकर्मा पूजा कब है? विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है? जानिए तिथि, मुहूर्त, इतिहास और महत्व

प्रत्येक वर्ष भारत के विभिन्न प्रांतों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा अक्सर 16 से 18 सितंबर के बीच मनाया जाता है। विश्वकर्मा दिवस मुख्य रूप से भारतीय महीने भादो के आखिरी दिन मनाया जाता है।

इस दिन को विश्वकर्मा पूजा, विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा दिवस भी कहा जाता है। विश्वकर्मा जयंती के दिन कई राज्यों में विभिन्न कार्यस्थलों में छुट्टी होती है। भगवान विश्वकर्मा को समर्पित विश्वकर्मा पूजा के दिन विशेष रूप से उद्योग स्थलों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। क्योंकि भगवान विश्वकर्मा को हिंदू धर्म में वास्तुकार और शिल्पकार के स्वरूप में पूजा जाता है। इसलिए विनिर्माण श्रमिक, इंजीनियर, वास्तुकार, मैकेनिक और कारीगरों के लिए इस दिन का महत्व सबसे अधिक होता है।

विश्वकर्मा पूजा कब है?

देश भर में विश्वकर्मा जयंती या विश्वकर्मा दिवस एक महत्वपूर्ण उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भक्त विश्वकर्मा पूजा के दौरान बेहतर भविष्य, कार्यक्षेत्र में सुरक्षा और अपने विशेष क्षेत्रों में समृद्धि बढ़ाने जैसे आशीर्वाद के लिए भगवान विश्वकर्मा की प्रार्थना करते हैं। अपने काम की सफलता और उत्पादकता को बनाए रखने के लिए, भक्त कार्यक्षेत्र के उपकरणों और औजारों के सुचारू और प्रभावी संचालन के लिए भी प्रार्थना करते हैं।

इस वर्ष 2024 में विश्वकर्मा पूजा सोमवार 16 सितंबर को मनाई जायेगी। यह त्यौहार विशेष रूप से शिल्प कौशल, कौशल और नवाचारों के महत्व का प्रतीक है। इस दिन आधुनिक समाज के निर्माण में कारीगरों और श्रमिकों के योगदान को सम्मानित करने के रूप में भी मनाया जाता है।


विश्वकर्मा पूजा 2024 तिथि और समय

तिथि: सोमवार, 16 सितंबर 2024
पूजा मुहूर्त: विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति के साथ मनाई जाती है। इसे बंगाली कैलेंडर में भद्रा संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को है। द्रिक पंचांग के अनुसार, संक्रांति का समय शाम 7:53 बजे से शुरू होता है।

विश्वकर्मा पूजा का इतिहास

भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का वास्तुकार, दिव्य शिल्पकार माना जाता है। हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के लिए शानदार महलों, शहरों और हथियारों का निर्माण किया। उन्हें महाकाव्य महाभारत में कौरवों और पांडवों की राजधानी हस्तिनापुर और भगवान कृष्ण की स्वर्ण नगरी द्वारका के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव के त्रिशूल और भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र जैसे पवित्र हथियारों को डिजाइन करने का काम भी विश्वकर्मा ने ही किया था।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

यह त्यौहार मुख्य रूप से शिल्पकारों, वास्तुकारों, इंजीनियरों, औद्योगिक श्रमिकों और कारीगरों द्वारा मनाया जाता है जो भगवान विश्वकर्मा को अपना दिव्य मार्गदर्शक मानते हैं। यह दिन मशीनों, औजारों और शिल्प से जुड़े पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि वे अपने काम में सफलता, समृद्धि और सुरक्षा के लिए भगवान विश्वकर्मा से आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। विश्वकर्मा दिवस को कारखानों, कार्यशालाओं और निर्माण स्थलों पर अनुष्ठान और पूजा का आयोजन किया जाता है और श्रमिक अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। बता दें कि ये वस्तुएं विश्वकर्मा पूजा के दिन सम्मान के प्रतीक के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है।

विश्वकर्मा पूजा कैसे मनाई जाती है?

विश्वकर्मा पूजा के दिन कारखानों, औद्योगिक क्षेत्रों, कार्यशालाओं और कार्यालयों की सफाई और सजावट की जाती है। औजारों, मशीनरी और उपकरणों की पूजा की जाती है। भगवान विश्वकर्मा की एक प्रतिमा या छवि स्थापित की जाती है और फूल, मिठाई और नारियल जैसे प्रसाद के साथ अनुष्ठान किए जाते हैं।

कई समुदायों द्वारा इस दिन भव्य पूजा का आयोजन भी किया जाता हैं और श्रमिक समृद्ध वर्ष के लिए आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की जाती है। विश्वकर्मा दिवस के दिन श्रमिक और उनके परिवार अक्सर अपने नियोक्ताओं या स्थानीय समूहों द्वारा आयोजित उत्सव के भोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।

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English summary
Vishwakarma Puja 2024 will be celebrated on September 16. Discover the date, puja timings, history, significance, and important details about Vishwakarma Jayanti in Hindi.
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