स्टैटिस्टिक्स में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD in Statistics)

डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन स्टैटिस्टिक्स 2 साल की अवधि का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी स्टैटिस्टिक्स मूल रूप से एक डॉक्टरेट लेवल की डिग्री है जो संख्यात्मक डेटा के संग्रह, विश्लेषण, व्याख्या और प्रस्तुति से संबंधित है। इस कोर्स का उपयोग माप प्रणालियों की परिवर्तनशीलता, डेटा को संक्षिप्त करने के लिए नियंत्रण प्रक्रियाओं और डेटा-संचालित विकल्प बनाने के लिए किया जा सकता है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर स्टैटिस्टिक्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में स्टैटिस्टिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

स्टैटिस्टिक्स में पीएचडी कैसे करें

• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन स्टैटिस्टिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम या मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 10,000 से 1.5 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- अर्थशास्त्री, आर्टिकल राइटर, सहायक प्रोफेसर, बायोस्टैटेशियन, डेटा विश्लेषक, अनुसंधान विश्लेषक, अनुसंधान विद्वान, सांख्यिकीविद्, समाजशास्त्री, प्रोफेसर आदि।

पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास स्टैटिस्टिक्स से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंक की छूट मिलती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

पीएचडी इन स्टैटेटिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी स्टैटिस्टिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार पीएचडी स्टैटिस्टिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस सीएसआईआर-यूजीसी/जेआरएफ/नेट/स्लेट/गेट/ बीएचयू एंट्रेंस एग्जाम आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर स्टैटिस्टिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स: सिलेबस

  • रिसर्च मेथेडलॉजी
  • एडवांसड ट्रेंड्स इन स्टैटिस्टिक्स
  • स्पेशलाइजेशन
  • लौंगटिट्यूडनल डाटा एनालिसिस
  • स्टॉकास्टिक मॉडल्स इन क्यूयिंग थ्योरी
  • एडवांसड क्यूयिंग सिस्टम
  • लाप्लेस डिस्ट्रिब्यूशन
  • सर्कुलेयर डिस्ट्रिब्यूशन
  • लिमिट थ्योरम एंड स्टेबिलिटी ऑफ रैंडम सम्स
  • डिसर्टेशन एंड वाइवा-वोक
  • सेमिनार
  • प्रोजेक्ट

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय- फीस 13,900
  • हैदराबाद विश्वविद्यालय- फीस 11,200
  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय- फीस 9,285
  • एमिटी यूनिवर्सिटी- फीस 1,00,000
  • वनस्थली विद्यापीठ- फीस 1,44,500
  • पांडिचेरी विश्वविद्यालय- फीस 23,283
  • मुंबई विश्वविद्यालय- फीस 21,720
  • उत्कल विश्वविद्यालय- फीस 9,500
  • अन्नामलाई विश्वविद्यालय- फीस 25,010

पीएचडी इन स्टैटिस्टिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • डाटा एनालिस्ट- सैलरी 4 लाख
  • इकॉनोमिस्ट- सैलरी 6.5 लाख
  • स्टैटेटिशयन- सैलरी 3.5 लाख
  • इंयूमेटर्स- सैलरी 6 लाख
  • बायोस्टेटिशयन- सैलरी 7.5 लाख
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English summary
Doctor of Philosophy in Statistics is a full time course of 2 years duration. PhD Statistics is basically a doctoral level degree that deals with the collection, analysis, interpretation and presentation of numerical data. This course can be used to explore the variability of measurement systems, control procedures to compress data, and make data-driven choices.
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