डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन फार्मास्युटिक्स 3 साल की अवधि का डेक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएचडी फार्मास्युटिक्स कोर्स छात्रों को ड्रग डिस्पोजल, फॉर्मूलेशन, क्लिनिकल रिस्पांस और डिलीवरी के बीच संबंध का पता लगाने के लिए मार्गदर्शन करता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र दवाओं के क्षेत्र में किसी भी चिकित्सा केंद्र, क्लीनिक या अस्पतालों में काम करने योग्य हो जाते हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी फार्मास्युटिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर फार्मास्युटिक्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में फार्मास्युटिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन फार्मास्युटिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 10,000 से 2,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 15 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- क्लिनिकल फार्मासिस्ट, हॉस्पिटल फार्मासिस्ट, कंसल्टेंट फार्मासिस्ट, हेल्थ केयर यूनिट मैनेजर, आदि।
• टॉप रिक्रूटर्स- एक्सेंचर, नारायण हेल्थ, कास्टिंग नेटवर्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, डॉ लाल पैथलैब्स लिमिटेड, मैक्स हेल्थकेयर, फोर्टिस कैलाश अस्पताल, आदि।
पीएचडी फार्मास्युटिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास फार्मास्युटिक्स या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी फार्मास्युटिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 5% अंकों की छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी फार्मास्युटिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी फार्मास्युटिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी फार्मास्युटिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी फार्मास्युटिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन फार्मास्युटिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस नेट/जेआरएफ/यूजीसी/नीट पीजी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर फार्मास्युटिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी फार्मास्युटिक्स: सिलेबस
- फार्मास्यूटिक्स
- फिजियोलॉजी और ह्यूमन एनाटॉमी
- फार्मास्युटिकल ऑर्गेनिक केमिस्ट्री
- मेडिसिन की जैव रसायन
- फार्मास्युटिकल ऑर्गेनिक
- जीवविज्ञान/रिमेडियल मैथमेटिक्स
- फार्मास्युटिकल माइक्रोबायोलॉजी
- पैथोफिजियोलॉजी
- फाइटोफार्मास्युटिकल्स एंड फार्माकोग्नॉसी
- कम्युनिटी फार्मेसी
- केमिस्ट्री फार्माकोलॉजी- I
- फार्माकोथेरापियूटिक्स-I
- प्रोजेक्ट वर्क्स
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी फार्मास्युटिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, मोहाली- फीस 10,000 - 2,00,000
- यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, चंडीगढ़- फीस 20,000 - 1,50,000
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी- फीस 35,000 - 1,00,000
- रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई- शुल्क 40,000 - 2,20,000
- निम्स यूनिवर्सिटी, जयपुर- फीस 38,000 - 2,05,000
- मणिपाल कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, मणिपाल- फीस 50,000 - 1,00,000
- जेएसएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, उदगमंडलम- फीस 35,000 - 1,20,000
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान वाराणसी- शुल्क 65,000 - 1,00,000
- एलएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी, अहमदाबाद- फीस 80,000 - 2,00,000
- शोभाबेन प्रतापभाई पटेल स्कूल ऑफ फार्मेसी एंड टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट, मुंबई- फीस 88,000 - 2,05,000
पीएचडी फार्मास्युटिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- क्लिनिकल फार्मासिस्ट- सैलरी 5 से 8 लाख तक
- फार्मेसी मैनेजर- सैलरी 5 से 6.5 लाख तक
- प्रोफेसर- सैलरी 7.5 से 8 लाख तक
- फार्मेसी कोऑर्डिनेटर- सैलरी 5 से 6.5 लाख तक