डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन नैनोटेक्नोलॉजी 3 साल की अवधि का डॉक्टरेट लेवल की फुल टाइम डिग्री कोर्स है। पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी कोर्स मुख्य रूप से नैनो स्तर पर होने वाले रसायनों और सामग्रियों पर केंद्रित है। इस कोर्स का फोक्स माइक्रोसिस्टम्स, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक सर्किट और ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स के डिजाइन और निर्माण पर है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर नैनोटेक्नोलॉजी में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में नैनोटेक्नोलॉजी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन नैनोटेक्नोलॉजी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 15 हजार से 3 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 10 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल-ऑप्टिकल इंजीनियर, प्रोडक्ट मार्केटिंग मैनेजर, रिसर्च साइंटिस्ट, एप्लीकेशन इंजीनियर, मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर, टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर आदि।
पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास नैनोटेक्नोलॉजी से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 60% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी नैनोटेक्नोलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी नैनोटेक्नोलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर नेट, आईसीएमआर जेआरएफ, गेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर नैनोटेक्नोलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी: सिलेबस
सेमेस्टर 1
- मैनेजिरियल इकॉनोमिक्स
- ऑर्गेनाइजेशनल बिहैवियर
- क्वांटिटेटिव तकनीक
- बिजनेस कम्युनिकेशन
- मैनेजमेंट प्रोसेस एंड प्रर्सपेक्टिव
- टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट
- मैनेजमेंट अकाउंटिंग
- कंप्यूटर एडिड मैनेजमेंट
सेमेस्टर 2
- बिजनेस लॉ
- रिसर्च मेथेडलॉजी
- मार्केटिंग मैनेजमेंट
- ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट
- बिजनेस एथिक्स
- प्रोडक्शन एंड ऑपरेशन मैनेजमेंट
- इकॉनोमिक एनवायरमेंट ऑफ बिजनेस
- फाइनेंशियल मैनेजमेंट
सेमेस्टर 3
- नैनो- फिजिक्स
- नैनो- केमेस्ट्री
- नैनो- रिसर्च
- नैनो- कंप्यूटर
- नैनो टेक स्पेशलाइजेशन
- नैनो- बायोलॉजी
- नैनो- इलेक्ट्रॉनिक्स
सेमेस्टर 4
- मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम
- स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट
- लॉजिस्टिक एंड स्पलाई चैन मैनेजमेंट
- मैनेजमेंट कंट्रोल सिस्टम
- कॉर्पोरेट गवर्नेंस
- एंटरप्रन्योरशिप डेवलेपमेंट
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
सेमेस्टर 5
- इंजीनियरिंग इकॉनोमिक्स एंड मैनेजमेंट
- नैनो- फोटोनिक्स
- नैनो- टॉक्सीकोलॉजी
- माइक्रो एंड मेक्रो फ्लयूडिक्स
सेमेस्टर 6
- स्पीनट्रोनिक्स
- थिन फिल्म टेक्नोलॉजी
- सर्फेस एंड इंटरफेस
- करेक्टराइजेशन टेक्नीक
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- जामिया, नई दिल्ली- फीस 13,870
- आईसीटी, मुंबई- फीस 64,500
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 10,970
- नेहु, शिलांग- फीस 13,350
- वीटीयू, बेलगाम- फीस 74,100
- बीएएमयू, औरंगाबाद- फीस 8,000
- एसयू, ग्रेटर नोएडा- फीस 50,000
- सीयूटीएम, परलखेमुंडी- फीस 80,000
- एमिटी यूनिवर्सिटी, गुड़गांव- फीस 80,000
पीएचडी इन नैनोटेक्नोलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- एप्लीकेशन इंजीनियर- सैलरी 4,82,000
- ऑपटिक्ल इंजीनियर- सैलरी 3,77,000
- रिसर्च साइंटिस्ट- सैलरी 5,47,000
- टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर- सैलरी 18,30,000
- प्रोडक्ट मार्केटिंग मैनेजर- सैलरी 7,80,000