डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन 3 साल की अवधि का डॉक्टरेट लेवल का कोर्स है। पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स फुल टाइम और पार्ट टाइम दोनों मोड से किया जा सकता है। इस कोर्स का मुख्य फोकस अनुसंधान या शिक्षण पेशे में प्रवेश करना है। पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स के मुख्य विषय विज्ञापन सिद्धांत, संस्कृति और मीडिया का सिद्धांत, अनुसंधान पद्धति, संचार की नैतिकता आदि हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट
• कोर्स फीस- 4,000 से 1,20,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3 लाख से 9 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- फ्री लांस राइटर, लेक्चरर और प्रोफेसर, जर्नलिस्ट, एडिटर, रिसर्चर, कम्युनिकेशन एंड ब्रांड प्रमोशन एग्जीक्यूटिव, मार्केटिंग एंड कम्युनिकेशन एसोसिएट।
• टॉप रिक्रूटर्स- हिंदुस्तान टाइम्स, ज़ी टीवी नेटवर्क, एनडीटीवी नेटवर्क, बीबीसी, और टाइम्स ऑफ़ इंडिया, द हिंदू, द प्रिंट, द वायरइन आदि।
पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन या उससे संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी सीएसआईआर नेट, यूजीसी नेट, बीएचयू एंट्रेंस एग्जाम, एएमयू एंट्रेंस एग्जाम आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है, और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: सिलेबस
- रिसर्च मैथेडलॉजी 1
- रिसर्च मैथेडलॉजी 2
- कम्युनिकेशन थ्योरी
- रिसर्च राइटिंग एंड एथिक्स
- जर्नलिज्म स्टडिज
- स्पेशलाइज्ड एंड एनालिटिक्ल जर्नलिज्म
- एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन रिसर्च
- एनालाइजिंग मीडिया, मैसेज एंड ऑडियंस
- इश्यू इन मीडिया इकोनॉमी
- कम्युनिकेशन एंड डेवलेपमेंट इश्यू
- हिंदी सिनेमा स्टडीज
- मीडिया, यूथ एंड पार्टिसिपेटरी गवर्नमेंट
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय- फीस 10,000
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा- फीस 50,000
- आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम- फीस 7,000
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर- फीस 1,20,000
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई- फीस 8,005
- मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर- फीस 35,740
- भारथिअर विश्वविद्यालय, कोयंबटूर
पीएचडी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- जर्नलिस्ट- सैलरी 8,00,000
- राइटर- सैलरी 5,00,000
- इवेंट मैनेजर- सैलरी 7,00,000
- प्रोफेसर- सैलरी 11,00,000