डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन जियोग्राफी 3 साल की अवधि का फुल टाइम कोर्स है। पीएचडी इन भूगोल एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है जो भूमि, विशेषताओं, निवासियों और पृथ्वी और ग्रहों की घटनाओं के अध्ययन से संबंधित है। बता दें कि इस कोर्स में छात्र भूगोल यानि कि जियोग्राफी से जुड़े किसी एक विषय पर रिसर्च करते हैं।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन जियोग्राफी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर भूगोल में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में जियोग्राफी में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन जियोग्राफी
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 2,000 से 5 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 4 से 8 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- जल संरक्षण विशेषज्ञ, भू-वैज्ञानिक, भू-स्थानिक विश्लेषक, जलविज्ञानी, समुद्र विज्ञानी, भूगोलवेत्ता, प्रोफेसर, शिक्षक आदि।
• जॉब फिल्ड- भूगोल विभाग, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य, देवत्व, होटल और रेस्तरां, बीमा उद्योग, लोक सेवा, अनुसंधान, लोक प्रशासन, खुदरा क्षेत्र के छात्र मामले, शिक्षण आदि।
पीएचडी इन जियोग्राफी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास भूगोल से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन जियोग्राफी में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन जियोग्राफी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन जियोग्राफी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन जियोग्राफी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन जियोग्राफी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन जियोग्राफी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट, गेट, जेएनयू पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम, सिम्बोसिस पीएचडी एंट्रेंस एग्जाम आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर जियोग्राफी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन जियोग्राफी: सिलेबस
फर्स्ट ईयर
- जियोमोरफोलॉजी
- क्लाइमेटोलॉजी
- ओशियनोग्राफी
- बायोजियोग्राफी
- हिस्ट्री ऑफ जियोग्राफिक थोट
- पॉलिटिकल जियोग्राफी
सेकेंड ईयर
- पॉप्यूलेशन जियोग्राफी
- सेंटलमेंट जियोग्राफी
- इकॉनोमिक जियोग्राफी
- एग्रीकल्चर जियोग्राफी
- इंडस्ट्रीयल जियोग्राफी
- जियोग्राफी ऑफ ट्रांसपोर्ट एंड ट्रेड
- कल्चरल जियोग्राफी
थर्ड ईयर
- जियोग्राफी ऑफ इंडिया
- कार्टोग्राफी
- स्टेटिस्टिकल मैथेड
- रिसर्च
- सोशल जियोग्राफी
- रिजनल प्लेनिंग
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन जियोग्राफी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी- फीस 3,806
- जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता- फीस 8,000
- कलकत्ता विश्वविद्यालय- फीस 3,395
- जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली- फीस 13,870
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय- फीस 9,285
- भारती विद्यापीठ, पुणे- फीस 30,000
- मुंबई विश्वविद्यालय- फीस 1,931
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय औरंगाबाद- फीस 22,231
पीएचडी इन जियोग्राफी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- जियोग्राफिकल इंफॉर्मेशन सिस्टम ऑफिसर- सैलरी 5 लाख
- एनवायरमेंटल कंस्लटेंट- सैलरी 9 लाख
- कार्टोग्राफर- सैलरी 8 लाख
- नेचर कंसर्वेशन ऑफिसर- सैलरी 7 लाख
- ह्यूमन रिसोर्स स्पेशलिस्ट- सैलरी 7 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 8 लाख
साइकोलॉजी में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Psychology)
इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में पीएचडी कैसे करें (Career in PHD Information Technology)