डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स 3 से 5 साल तक की अवधि का कोर्स है। पीएचडी बायोइंफॉर्मेटिक्स एक शोध-आधारित डॉक्टरेट लेवल का डिग्री कोर्स है। बता दें कि बायोइंफॉर्मेटिक्स मूल रूप से विज्ञान का एक क्षेत्र है जिसमें जैविक जानकारी की उचित समझ के लिए गणित, कंप्यूटर विज्ञान, सांख्यिकी और इंजीनियरिंग शामिल हैं। यह कोर्स छात्रों को कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी और बायोइनफॉरमैटिक्स के क्षेत्र में शोध के अवसर प्रदान करता है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर बायोइंफॉर्मेटिक्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में बायोइंफॉर्मेटिक्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 से 5 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम/ मेरिट बेस्ड
• कोर्स फीस- 40 हजार से 3 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 3 से 15 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- प्रोफेसर, बायोइनफॉरमैटिक्स ट्रेनी, मेडिकल कोडर, एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट, बायोइनफॉरमैटिक्स एनालिस्ट, क्लिनिकल बायोइनफॉरमैटिशियन, एप्लीकेशन साइंटिस्ट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइंटिस्ट, डोमेन एक्सपर्ट आदि।
• जॉब फिल्ड- कॉलेज और विश्वविद्यालय, चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, कृषि क्षेत्र, फार्मास्युटिकल उद्योग, अनुसंधान केंद्र, आदि।
पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास बायोइंफॉर्मेटिक्स से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी बायोइंफॉर्मेटिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी बायोइंफॉर्मेटिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, सीएसआईआर यूजीसी नेट, एनबीएचएम एंट्रेंस एग्जाम आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर बायोइंफॉर्मेटिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स: सिलेबस
- बेसिक कंसेप्ट ऑफ कंप्यूटर
- बायोस्टेटिक्स
- क्वांटिटेटिव टेक्निक
- साइंटिफिक राइटिंग
- टेक्नीक इन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी
- रिसर्च टेक्नीक
- जीयोनॉमिक्स
- प्रोटीन डाटाबेस
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा- फीस 1,00,000
- अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद- फीस 1,50,000
- मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल- फीस 38,600
- करुणा प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान, कोयंबटूर- फीस 76,000
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 85,000
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर- फीस 95,200
- अंतर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद- फीस 71,700
- जेपी सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सोलन- फीस 50,000
- वीईएलएस विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उन्नत अध्ययन संस्थान, चेन्नई- फीस 50,000
पीएचडी इन बायोइंफॉर्मेटिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- बायोइंफॉर्मेटिक्स सॉफ्टवेयर डेवलेपर- सैलरी 9 लाख
- असोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट- सैलरी 15 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 2.50 लाख
- मेडिकल कॉडर्स- सैलरी 2.36 लाख
- बायोइंफॉर्मेटिक्स ट्रेनी- सैलरी 1.08 लाख
- क्लिनिकल बायोइंफॉर्मेटिशियन- सैलरी 2 लाख