डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन आर्ट्स एक शोध आधारित डॉक्टरेट स्तर का कोर्स है। पीएचडी आर्ट्स 3 साल की अवधि का कोर्स है जिसे मनोविज्ञान, इतिहास, पत्रकारिता, या संगीत जैसे प्रदर्शन कला या वीडियो, एनिमेशन और फिल्म निर्माण जैसे दृश्य कला जैसे मानविकी विषयों में विशेषज्ञता के लिए डिज़ाइन किया गया है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको पीएचडी इन आर्ट्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर आर्ट्स में पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में आर्ट्स में पीएचडी करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी इन आर्ट्स
• कोर्स का प्रकार- डॉक्टरेट डिग्री
• कोर्स की अवधि- 3 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 15,000 से 2,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 4 लाख
• जॉब प्रोफाइल- शोधकर्ता, कला सलाहकार, कला चिकित्सक, मूर्तिकार आदि।
• जॉब फिल्ड- आर्ट गैलरी, कॉलेज, बुटीक, फैशन हाउस, कपड़ा उद्योग आदि।
पीएचडी इन आर्ट्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास आर्ट्स से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन या एम.फिल की डिग्री होनी चाहिए।
• पीएचडी इन आर्ट्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
पीएचडी इन आर्ट्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में पीएचडी इन आर्ट्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
पीएचडी इन आर्ट्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार पीएचडी इन आर्ट्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि पीएचडी इन आर्ट्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, आईआईएस आरईटी, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा, मंगलायतन विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें डॉक्टरेट स्तर पर आर्ट्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
पीएचडी इन आर्ट्स: सिलेबस
वर्ष I
- भारतीय इतिहास: प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक
- भारतीय संस्कृति और इसकी विरासत
- अनुसंधान क्रियाविधि
- डेटा संग्रह और सर्वेक्षण के तरीके
- औपनिवेशिक साहित्य
- राजनीति मीमांसा
- राजनीतिक इतिहास
- मानव व्यवहार का विकास
वर्ष II
- फोटोग्राफी का इतिहास
- मध्यकालीन भारत के सामाजिक-आर्थिक पहलू
- गद्य कथा
- महिला साहित्य
- बीसवीं सदी में साहित्य
- भारतीय प्रशासन
- मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया
- मनोवैज्ञानिक तरीके
वर्ष III
- भारतीय संगीत का इतिहास
- विश्व इतिहास
- मनोवैज्ञानिक विकारों पर उन्नत अनुसंधान
- अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र: सिद्धांत और नीतियां
- थीसिस लेखन की कला
- रिसर्च आइडिया और वाइवा - वोक
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि पीएचडी पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
पीएचडी इन आर्ट्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- लोयोला कॉलेज, चेन्नई- फीस 10,000 से 50,000 तक
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 50,000
- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज चेन्नई- फीस 10,000 से 50,000 तक
- मीठीबाई कॉलेज ऑफ आर्ट्स, मुंबई- फीस 5,000 से 50,000
- महिला क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई- फीस 27,830
- केजे सोमैया कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, मुंबई- फीस 6,000
- सेंट जेवियर्स कॉलेज, अहमदाबाद
- किशनचंद चेल्लाराम कॉलेज, मुंबई
- रामनारायण रुइया ऑटोनॉमस कॉलेज, मुंबई
- महारानी लक्ष्मी अम्मानी कॉलेज फॉर विमेन, बैंगलोर- फीस 10,000 से 30,000 तक
पीएचडी इन आर्ट्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- आर्ट थेरेपिस्ट- सैलरी 2.80 लाख
- गैलरी मैनेजर- सैलरी 3 लाख
- रिसर्चर- सैलरी 4 लाख
- जर्नलिस्ट- सैलरी 3.5 से 7 लाख तक
- राइटर- सैलरी 3.5 से 5 लाख तक
- हिस्टोरियन- सैलरी 3.5 से 6 लाख तक