मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन जूलॉजी 1 साल की अवधि का पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च स्तर का कोर्स है। एम.फिल इन जूलॉजी, मास्टर्स और डॉक्टरेट के बीच की एक इंटरमीडिएट डिग्री है। इस कोर्स का उद्देश्य उम्मीदवार को जूलॉजी में अपना खुद का शोध बनाने के लिए उचित उपकरण प्रदान करना है। बता दें कि जूलॉजी- जीव विज्ञान की एक शाखा है जो जानवरों के साम्राज्य के अध्ययन से संबंधित है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एम.फिल इन जूलॉजी से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर जूलॉजी में एम.फिल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में जूलॉजी में एम.फिल करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन जूलॉजी
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च
• कोर्स की अवधि- 1 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 20,000 से 50,000 तक
• अवरेज सैलरी- 3.50 लाख
• जॉब फिल्ड- चिड़ियाघर, वन्यजीव सेवाएं, वनस्पति उद्यान, संरक्षण संगठन, राष्ट्रीय उद्यान, प्रकृति भंडार आदि।
• जॉब प्रोफाइल- जू क्यूरेटर, असिस्टेंट रिसर्चर, प्रोफेसर आदि।
एम.फिल जूलॉजी: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास केमेस्ट्री से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• एम.फिल इन केमेस्ट्री में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
एम.फिल जूलॉजी: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एम.फिल जूलॉजी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एम.फिल जूलॉजी के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एम.फिल जूलॉजी में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एम.फिल जूलॉजी के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, यूजीसी सीएसआईआर नेट, एनबीएचएम एंट्रेंस एग्जाम आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एम.फिल जूलॉजी का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एम.फिल जूलॉजी: सिलेबस
सेमेस्टर I
- रिसर्च मेथेडलॉजी
- डिसर्टेशन I
- कमेंसमेंट
- बेसिक रिसर्च डिजाइनिंग, अध्ययन के उद्देश्यों की स्थापना और परीक्षण की जाने वाली परिकल्पनाएं।
सेमेस्टर II
- फिजियोलॉजी और न्यूरोबायोलॉजी
- समुद्री जीव विज्ञान
- पारिस्थितिकी और व्यवहार
- वन्यजीव और उसका प्रबंधन
- डिसर्टेशन II
- अवधारणाएं और अध्ययन
- समुद्र या अन्य समुद्री प्रजातियों में जीवों का गहन अध्ययन।
- पारिस्थितिक दबावों के कारण पशु व्यवहार के विकासवादी आधार का अध्ययन
- अवधारणाएं और अनुप्रयोग
- मूल्यांकन
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि मास्टर पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
एम.फिल जूलॉजी: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), दिल्ली- फीस 30,000
- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, हरियाणा- फीस 50,000
- लोयोला विश्वविद्यालय चेन्नई, तमिलनाडु- फीस 48,000
- एवीवीएम श्री पुष्पम कॉलेज तंजावर, तमिलनाडु- फीस 45,000
- अन्नामलाई विश्वविद्यालय कुड्डालोर, तमिलनाडु- फीस 38,050
- पंजाब विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़- फीस 37,000
- बरहामपुर विश्वविद्यालय, ओडिशा- फीस 40,000
- बर्धमान विश्वविद्यालय, बर्धमान, पश्चिम बंगाल- फीस 40,000
- डॉ. सी वी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर, छत्तीसगढ़- फीस 40,000
- राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश- फीस 35,000
एम.फिल जूलॉजी: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- जू क्यूरेटर- सैलरी 3.50 लाख
- असिस्टेंट रिसर्चर- सैलरी 4 लाख
- प्रोफेसर- सैलरी 5.45 लाख
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