फिजिक्स में एम.फिल कैसे करें (Career in M.Phil Physics)

मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन फिजिक्स 2 साल की अवधि का पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च स्तर का कोर्स है। एमफिल फिजिक्स मास्टर्स और डॉक्टरेट के बीच की एक इंटरमीडिएट डिग्री है। इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों को विज्ञान-आधारित कैरियर के लिए संभव आधारभूत ज्ञान प्रदान करना है। फिजिक्स का अध्ययन अन्य विज्ञानों जैसे रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भूविज्ञान, खगोल विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और कई अन्य विज्ञानों को समझने में मदद करता है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एम.फिल इन फिजिक्स से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर फिजिक्स में एम.फिल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में फिजिक्स में एम.फिल करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

फिजिक्स में एम.फिल कैसे करें

• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन फिजिक्स
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 4,000 से 1,00,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 6 लाख तक
• जॉब फिल्ड- बैंक, बिजनेस हाउस, कंसल्टेंसी, शैक्षिक संस्थान, अग्निशमन विभाग, आर्थिक विकास, निर्यात कंपनियां, विदेशी मामले, फील्ड रिसर्च फर्म आदि।
• जॉब प्रोफाइल- कंटेंट डेवलपर, ट्रेजरी प्रबंधन विशेषज्ञ, गुणवत्ता नियंत्रण प्रबंधक, सांख्यिकीविद्, रेडियोलॉजिस्ट आदि।

एम.फिल फिजिक्स: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास फिजिक्स से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• एम.फिल इन फिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।

एम.फिल फिजिक्स: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एम.फिल फिजिक्स कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

एम.फिल फिजिक्स के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार एम.फिल फिजिक्स में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि एम.फिल फिजिक्स के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, यूजीसी सीएसआईआर नेट, गेट, स्लेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एम.फिल फिजिक्स का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

एम.फिल फिजिक्स: सिलेबस

  • रिसर्च मैथेड
  • टेक्नीक इन थ्योरिटिकल फिजिक्स
  • टेक्नीक इन एक्सपेरिमेंटल फिजिक्स
  • एनर्जी

कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि मास्टर पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।

एम.फिल फिजिक्स: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली- फीस 13,870
  • भारथिअर विश्वविद्यालय, कोयंबटूर- फीस 9,400
  • केरल विश्वविद्यालय, तिरुवनंतपुरम- फीस 9,000
  • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 70,000
  • कालीकट विश्वविद्यालय, कालीकट- फीस 6,575
  • मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई- फीस 20,395
  • गोवा विश्वविद्यालय- फीस 12,390
  • अन्नामलिया विश्वविद्यालय, चिदंबरम- फीस 34,060
  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 60,000
  • निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 60,000

एम.फिल फिजिक्स: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • कंटेंट डेवलेपर- सैलरी 3 से 4 लाख तक
  • ट्रेजरी मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट- सैलरी 2 से 3 लाख तक
  • क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर- सैलरी 9 से 10 लाख तक
  • स्टेटेशियन- सैलरी 2 से 3 लाख तक
  • रेडियोलॉजिस्ट- सैलरी 2 से 3 लाख तक
  • रिसर्च हेड- सैलरी 3 से 4 लाख तक
  • प्रोफेसर- सैलरी 9 से 10 लाख तक

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English summary
Master of Philosophy in Physics is a post graduate research level course of 2 years duration. The aim of this course is to provide students with the basic knowledge possible for a science-based career. The study of Physics helps in understanding other sciences such as chemistry, biology, geology, astronomy, medical science, environmental science and many other sciences.
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