मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन कंप्यूटर साइंस 1 साल की अवधि का पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च स्तर का कोर्स है। कंप्यूटर साइंस में एमफिल मास्टर्स और डॉक्टरेट के बीच की एक इंटरमीडिएट डिग्री है। यह उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो कंप्यूटर विज्ञान और सूचना विज्ञान में एक व्यापक पृष्ठभूमि प्राप्त करना चाहते हैं। ये कोर्स कंप्यूटर विज्ञान और आईटी, अनुसंधान पद्धति और नवीनतम कंप्यूटर विज्ञान प्रवृत्तियों में दार्शनिक दृष्टिकोण की व्यापक समझ और विशेषज्ञता क्षेत्र की गहरी समझ पर केंद्रित है।
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको एम.फिल इन कंप्यूटर साइंस से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर कंप्यूटर साइंस में एम.फिल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में कंप्यूटर साइंस में एम.फिल करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।
• कोर्स का नाम- मास्टर ऑफ फिलॉसफी इन कंप्यूटर साइंस
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च
• कोर्स की अवधि- 1 साल
• एलिजिबिलिटी- मास्टर डिग्री
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 2,000 से 70,000 तक
• अवरेज सैलरी- 2 से 15 लाख तक
• जॉब प्रोफाइल- कंप्यूटर साइंस टेक्निकल ऑफिसर, प्रोग्राम मैनेजर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट मैनेजर, कंप्यूटर साइंटिस्ट, सिस्टम एनालिस्ट या नेटवर्क एनालिस्ट, आईटी प्रोजेक्ट लीडर, प्रोफेसर आदि।
• जॉब फिल्ड- इंफोसिस लिमिटेड, ओरेकल कॉर्प, कॉग्निजेंट, एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स कॉर्प, इक्लिनिकलवर्क्स एलएलसी, एक्सेंचर आदि।
एम.फिल कंप्यूटर साइंस: एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
• इच्छुक उम्मीदवार के पास कंप्यूटर साइंस से संबंधित विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
• एम.फिल इन कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवार के पास मास्टर डिग्री में न्यूनतम 55% अंक होना आवश्यक है।
• आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 5% अंकों की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
• इसके साथ ही, उम्मीदवार को एंट्रेंस एग्जाम में भी विश्वविद्यालय के मानकों तक स्कोर करना होता है, जो या तो विश्वविद्यालय द्वारा स्वयं या यूजीसी-नेट जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं द्वारा आयोजित की जाती हैं।
एम.फिल कंप्यूटर साइंस: एडमिशन प्रोसेस
किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एम.फिल कंप्यूटर साइंस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।
एम.फिल कंप्यूटर साइंस के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है
चरण 1: रजिस्ट्रेशन
- उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
- ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
- आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
- मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन पत्र सबमिट करें।
- क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।
चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम
- यदि उम्मीदवार एम.फिल कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
- बता दें कि एम.फिल कंप्यूटर साइंस के लिए एडमिशन प्रोसेस यूजीसी नेट, यूजीसी सीएसआईआर नेट, गेट, स्लेट आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।
चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।
चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट
- एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
- इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें एम.फिल कंप्यूटर साइंस का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।
एम.फिल कंप्यूटर साइंस: सिलेबस
पेपर I: अनुसंधान पद्धति
पेपर II: कंप्यूटर साइंस में कॉन्सेप्ट्स
पेपर III: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और विशेषज्ञ प्रणाली
पेपर IV: सिमुलेशन और मॉडलिंग
पेपर V: ग्रिड कंप्यूटिंग
पेपर VI: डाटा माइनिंग
पेपर VII: वायरलेस नेटवर्क और सुरक्षा
पेपर VIII: ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड डेटाबेस सिस्टम्स
पेपर IX: आर्टिफिशल न्यूरल नेटवर्क
कॉलेज फक्लटी आमतौर पर छात्रों को उनके स्वतंत्र शोध कार्य में सहायता करते हैं, जबकि अधिक अनुभव प्राप्त करने के लिए छात्र सहायक के रूप में अपने प्रोफेसरों के अधीन काम करना चुन सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें इस बात की बेहतर समझ होगी कि मास्टर पूरी करने के बाद अगर वे प्रोफेसर बनना चाहते हैं तो उन्हें किस तरह का काम करना होगा।
एम.फिल कंप्यूटर साइंस: टॉप कॉलेज और उनकी फीस
- जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली- फीस 13,870
- भारथिअर विश्वविद्यालय, कोयंबटूर- फीस 9,400
- केरल विश्वविद्यालय, तिरुवनंतपुरम- फीस 9,000
- चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़- फीस 70,000
- कालीकट विश्वविद्यालय, कालीकट- फीस 6,575
- मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई- फीस 20,395
- गोवा विश्वविद्यालय- फीस 12,390
- अन्नामलिया विश्वविद्यालय, चिदंबरम- फीस 34,060
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर- फीस 60,000
- निम्स विश्वविद्यालय, जयपुर- फीस 60,000
एम.फिल कंप्यूटर साइंस: जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- कंप्यूटर साइंटिस्ट- सैलरी 18,00,000
- रिसर्च एनालिस्ट- सैलरी 4,00,000
- असिस्टेंट प्रोफेसर- सैलरी 4,50,000
- आईटी प्रोजेक्ट लीडर- सैलरी 13,00,000
- सिस्टम एनालिस्ट और नेटवर्क एनालिस्ट- सैलरी 4,00,000
- कंप्यूटर साइंस टेक्नीकल ऑफिसर- सैलरी 6,00,000
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