इंजीनियरिंग भारत के सबसे प्रसिद्ध कोर्स में से एक है। इंजीनियरिंग का क्षेत्र एक बहुत बड़ा क्षेत्र है जिसमें कई विषयों में स्पेशलाइजेश उपलब्ध है। छात्र अपनी रूची के अनुसार इंजीनियरिंग के कोर्स में प्रवेश लेते हैं। अगर इसके किसी एक परंपरागत कोर्स की बात करें तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन सिविल इंजीनियरिंग के बारे में बताएंगे। इसे शॉर्ट में बीटे इन सिविल इंजीनियरिंग भी कहा जाता है। ये कोर्स परिवह इंजीनियरिंग, रोड टेक्नोलॉजी, कंस्ट्रक्शन और स्ट्रक्चुअल से संबंधित है। इस कोर्स में छात्रों को एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग, जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग, कंकरीट टेक्नोलॉजी, स्ट्रक्चरल एनालिसिस, वॉटर रिसोर्सेस इंजीनियरिंग, सॉलिड मैकेनिक्स आदि जैसे कई विषयों के बारे विस्तार से पढ़ाया जाता है।
भारत के टॉप आईआईटी और एनआईटी संस्थानों के साथ कई प्राइवेट संस्थानों द्वारा भी ये कोर्स ऑफर किया जाता है, और साथ ही आपतो बता दें कि इन संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों को प्लेसमेंट भी दिया जाया है। इन संस्थानों में बीटेक इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स की फीस की बात करें तो 50 हजार से 4 लाख तक जा सकती है। कोर्स की फीस संस्थान की रैंकिंग और उसके सरकारी और प्राइवेट होने पर निर्भर करती है।
बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स 4 साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है जिसे कक्षा 12वीं के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स को केवल साइंस स्ट्रीम का छात्र कर सकता है। कोर्स की 4 साल की अवधि को सेमेस्टर सिस्टम के तहत 8 सेमेस्टर में बांटा गया है। हर सेमेस्टर के बाद सेमेस्टर परीक्षा का आयोजन किया जाता है। सेमेस्टर सिस्टम के माध्यम से छात्रों के लिए कोर्स को आसान बनाने का प्रयत्न किया गया है।
इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र यदि नौकरी करने की इच्छा रखता है तो वह साल का 3 से 7 लाख रुपये भारत की अच्छी और बड़ी कंपनियों मे काम करके कमा सकता है और वह यदि आगे उच्च शिक्षा के लिए जाने की इच्छा रखता है तो छात्र एमटेक और एमबीए जैसे कोर्स भी कर सकता है। आइए आपको इस लेख के माध्यम से कोर्स की योग्यता, कॉलेज,जॉब, वेतन और करियर ऑप्शन आदि से संबंधित अन्य जानकारी दें।
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : योग्यता
- किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से साइंट स्ट्रीम में कक्षा 12वीं पास छात्र इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
- कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाला छात्र भी कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
- साइंस स्ट्रीम में छात्रों के पीसीएम विषय यानी फिजिस्क, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स मुख्य विषय के तौर पर होने चाहिए। साथ ही अंग्रेजी विषय का ज्ञान भी आवश्यक है।
- कोर्स के लिए आवेदन करने के लिए छात्र के कक्षा 12वीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए।
- आरक्षित श्रेणी के छात्रों के कक्षा 12वीं में कम से कम 40 प्रतिशत अंक होने चाहिए तभी वह बीटेक इन सिविल इंजीनियरिंग कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- आपको बता दें कि इंजिनीयरिंग के क्षेत्र में यदि किसी छात्र ने कक्षा 12वीं के बाद डिप्लोमा किया है वह छात्र बीटेक इन सिविल इंजीनियरिंग के दूसरे साल में मेरिट और मैनेजमेंट कोर्टे के आधार पर भारत के कुछ संस्थानों में प्रवेश ले सकता है। ये संस्थान की प्रवेश प्रक्रिया पर निर्भर करता है।
छात्रों को बता दें कि बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी इन सिविल इंजीनिरिंग में प्रवेश लेने के लिए उन्हें प्रवेश परीक्षा में शामिल होनो होगा। मेरिट बेस पर प्रवेश उपलब्ध नहीं है। प्रवेश परीक्षा की लिस्ट नीचे दी गई है।
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : प्रवेश परीक्षा
1. जेईई मेंस
2. जेईई एडवांस
3. डब्ल्यूबीजेईई
4. एमएचटी सीईटी
5. बीआईटीसीएटी
6. एआईईईई
बीटे इंजीनियरिंग में प्रवेश लेने के लिए भारत में राज्य के स्तर पर और नेशनल स्तर पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसमें सबसे प्रमुख परीक्षा के जेईई की होती है। इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाला परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन के अनुसार उन्हें रैंक प्राप्त होती है जिसके माध्यम से काउंसलिंग प्रक्रिया में छात्रों को कॉलेज अलॉट किए जाते है।
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : भारत के टॉप कॉलेज और फीस
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास
फीस - 75,116
एनआईआरएफ रैंकिंग - 1
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली
फीस - 2,24,900
एनआईआरएफ रैंकिंग - 2
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे
फीस - 2,11,400
एनआईआरएफ रैंकिंग - 3
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर
फीस - 2,15,600
एनआईआरएफ रैंकिंग - 4
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर
फीस - 82,070
एनआईआरएफ रैंकिंग - 5
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की
फीस - 2,21,700
एनआईआरएफ रैंकिंग- 6
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी
फीस - 2,19,350
एनआईआरएफ रैंकिंग - 7
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद
फीस - 2,22,995
एनआईआरएफ रैंकिंग - 8
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुचिरापल्ली
फीस - 1,61,250
एनआईआरएफ रैंकिंग - 9
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर
फीस - 2,33,900
एनआईआरएफ रैंकिंग - 10
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : टॉप एनआईटी कॉलेज
1. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुचिरापल्ली
2. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वारंगल
3. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्नाटक, सूरतकल
4. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कालीकट
5. मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद
6. विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर
7. मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जयपुर
8. सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत
9. मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल
10. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र
11. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राउरकेला
12. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर
13. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान दुर्गापुर
14. डॉ बी आर अम्बेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर
15. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जमशेदपुर
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : टॉप प्राइवेट कॉलेज
वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान
फीस - 1,98,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 15
अमृता स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग
फीस - 3,10,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 20
थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
फीस - 3,25,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 29
एमिटी यूनिवर्सिटी
फीस - 3,11,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 32
शनमुघा कला विज्ञान प्रौद्योगिकी और अनुसंधान अकादमी (सस्त्र)
फीस - 1,47,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 37
बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान
फीस - 2,87,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 38
एस.आर.एम. इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
फीस - 2,60,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 41
कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान
फीस - 4,29,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 42
एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
फीस - 50,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 44
मणिपाल प्रौद्योगिकी संस्थान
फीस - 3,35,000
एनआईआरएफ रैंकिंग - 45
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : कोर विषय
फ्लुएड मैकेनिक्स
जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग
एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग
हाइड्रॉलिक मशीनरी
इरिगेशन ऑफ हाइड्रॉलिक्स
ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग
स्ट्रैंथ आफ मैटेरियल्स
कंकरीट टेक्नोलॉजी
कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन
सॉलिड मैकेनिक्स
वॉटर रिसोर्सेस इंजीनियरिंग
स्ट्रक्चरल एनालिसिस
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : सिलेबस
सेमेस्टर 1
फंक्शन ऑफ सेवरल वैरियेबल्स
फिजिक्स 1
फिजिक्स लैब 1
इंट्रोडक्शन टू सिविल इंजीनियरिंग
इंट्रोडक्शन टू प्रोग्रामिंग
इंजीनियरिंग ड्राइंग
इकोलॉजी एंड एनवायरमेंट
लाइफ स्किल्स वन
सेमेस्टर 2
सीरीज एंड मेट्रिक्स
फिजिक्स 2
इंजीनियरिंग मैकेनिक्स
केमिस्ट्री 1
केमिस्ट्री लैब
सीई मैटेरियल्स एंड कंस्ट्रक्शन
लाइफ स्किल्स 2
सेमेस्टर 3
मैथ्स 3
मैकेनिक्स ऑफ मैटेरियल्स
ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग 1
हाइड्रॉलिक इंजीनियरिंग
सर्वेइंग
सेमेस्टर 4
स्ट्रक्चरल एनालिसिस
जियोटेक्निकल इंजीनियर 1
ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग 2
एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग
साइंस इलेक्टिव (मैथ्स,फिजिक्स या केमिस्ट्री)
ह्यूमैनिटीज इलेक्टिव
सेमेस्टर 5
लाइफ साइंस
जियोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग 2
वॉटर रिसोर्सेस इंजीनियरिंग
बेसिक आरसी डिजाइन
हाइड्रोलिक एंड एनवायरमेंट इंजीनियरिंग लैब
कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लैब
सेमेस्टर 6
बेसिक स्टील डिजाइन
कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
ह्यूमैनिटिज इलेक्टिव 2
सेमेस्टर 7
इलेक्टवि 3
सेमेस्टर 8
प्रोफेशनल एथिक्स
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : जॉब प्रोफाइल और वेतन
सिविल इंजीनियर टेक्नीशियन - 3 लाख सालाना
सिविल इंजीनियर - 3.10 लाख सालाना
ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियर - 4.46 लाख सालाना
एनवायरमेंटल इंजीनियर - 4.53 लाख सालाना
स्ट्रक्चरल इंजीनियर - 4.97 लाख सालाना
वॉटर रिसोर्स इंजीनियर - 6.65 लाख सालाना
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : भर्तीकर्ता
इरिगेशन कंपनी
कंस्ट्रक्शन कंपनी
स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कंपनीज
लैंड डेवलपमेंट
अर्बन डेवलपमेंट
बीटेक इन सिवल इंजीनियरिंग : स्कोप
बैचलर इन बीटेक इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद छात्र ऊपर दिए गए पदों पर टॉप कंपनियों में कार्य कर साल का 3 से 7 लाख रुपये कमा सकते हैं। इसके के साथ आपको बता दें की भारत के अधिकतर संस्थान छात्रों को प्लेसमेंट ऑफर करते हैं और इसमें ज्यादातर छात्र कोर्स पूरा करने के पहले नौकरी प्राप्त कर लेते हैं।
इसके अलावा जो छात्र सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद उच्च शिक्षा के इच्छा रखते हैं वह छात्र उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। जिन कोर्स के लिए छात्र आवेदन कर सकते हैं वह कुछ इस प्रकार है-
1. एमटेक इम सिविल इंजीनियरिंग
बीई और बीटेक करने वाले सभी छात्र इस कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते है। एमटेक मास्टर लेवल का प्रोग्राम है और इसकी अवधि 2 साल की होती है।
2. पोस्टग्रेजुएशन डिप्लोमा इन मैनेजमेंट
कई ऐसे छात्र है जो बीटेक या इंजीनिरिंग के क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने के बाद मैनेजमेंट की दिशा में रुख करते हैं, ऐसे छात्र मैनेजमेंट में डिप्लोमा प्रोग्राम कर सकते हैं।
3. एमबीए
मैनेजमेंट में सबस अधिक पसंद किया जाने वाला कोर्स है एमबीए। यदि आपक डिप्लोमा प्रोग्राम नहीं करना चाहते हैं और आप इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद एमबीए में प्रवेश ले सकते हैं।
3. प्रतियोगिता परीक्षा
ग्रेजुएशन लेवल पर आपक कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। मुख्य तौर पर ये परीक्षाएं सरकारी नौकरी के लिए आयोजित की जाती है।
4. पीएचडी
इंजीनियरिंग पढ़ाने वाले शिक्षक के तौर पर कार्य करने के लिए छात्र बैचलर और मास्टर की डिग्री प्राप्त करने के बाद पीएचडी में प्रवेश ले सकते हैं और कोर्स पूरा कर एक प्रोफेसर के तौर पर कार्य कर सकते हैं।
जैसे-जैस छात्र की शिक्षा बढ़ती है उतने की उनके पास करियर ऑप्शन भी बढ़ते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्रों के लिए नए अवसर खुलते है।
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