डायलिसिस कोर्स में छात्रों के लिए कई तरह के प्रोग्राम उपलब्ध हैं जो वह कक्षा 12वीं के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स में छात्र डिग्री कोर्स भी कर सकते हैं और डिप्लोमा कोर्स भी। आज हम आपको बीएससी इन डायलिसिस कोर्स के बारे में बताएं। डायलिसिस में बीएससी 3 साल की अवधि का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है। जिसे करने के लिए छात्र का साइंस पढ़ा हुआ होना अनिवार्य है। इस कोर्स को छात्रों के लिए इस प्रकार से डिजाइन किया गया है जिसमें वह इस विषय से संबंधित सभी पहलुओं और सिद्धांतों के साथ इसके उपचार की प्रक्रिया को भी समझ सकते हैं।
इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को किडनी, डायलिसिस, न्यूट्रिशन, डायलिसिस थेरेपी, मैनेजमेंट ऑफ कॉन्प्लिकेशन, टेक्निक्स, सैनिटेशन , रिनल डिजीज, माइक्रोबायोलॉजी सिस्टम और मशीन आदि जैसे कई विषयों की जानकारी दी जाती है जो आगे आने वाले भविष्य में छात्रों के लिए कारगर साबित होती है। छात्र कोर्स पूरा कर नौकरी के लिए भी जा सकते हैं और उच्च शिक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं, ये पूरी तरह छात्र की प्लानिंग पर निर्भर करता है। आइए आपको कोर्स से संबंधित अन्य बातों की जानकारी दें।
बीएससी इन डायलिसिस : योग्यता
- मान्यता प्राप्त संस्थान से कक्षा 12वीं साइंस स्ट्रीम से पास छात्र कोर्स के लिए आवेदन कर सकता है।
- जिस छात्र ने कक्षा 12वीं की अंतिम परीक्षा दी है और रिजल्ट का इंतजार कर रहा है या अंतिम परीक्षा में शामिल होने वाला है वह छात्र भी कोर्स के लिए आवेदन करने योग्य माना जाता है।
- कक्षा 12वीं में छात्र को कम से कम 50 प्रतिशत प्राप्त करने होंगे।
- आरक्षित श्रेणी के छात्रों को आवेदन के लिए कम से कम 45 प्रतिशत अंकों की आवश्यकता है।
- साइंस में पीसीबी विषयों का पढ़ा हुआ होना आवश्यक है।
- कोर्स में प्रवेश मेरिट और संस्थानों द्वारा आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जा सकता है।
बीएससी इन डायलिसिस : सिलेबस
अंडरग्रेजुएट डायलेसिस प्रोग्राम 3 साल की अवधि का प्रोग्राम है जिसका सिलेबस कुछ इस प्रकार है-
प्रथम वर्ष
• हिस्ट्री एंड टाइप्स ऑफ़ डायलिसिस
• फिजियोलॉजी एंड एनाटॉमी ऑफ़ ह्यूमन किडनी
• वैस्कुलर एक्सेस ऑफ डायलिसिस
• रिनल डिजीज
• प्रिंसिपल ऑफ डायलिसिस
• बेसिक हुमन एनाटॉमी हेमोडायलिसिस मशीन
• एंटीकोगुलेशन
द्वितीय वर्ष
• मेडिकल टर्मिनोलॉजी
• डायलिसिस टेक्नोलॉजी विद फार्मोकोलॉजी
• अप्लाइड फिजियोलॉजी ऑफ डायलिसिस थेरेपी
• कॉन्प्लिकेशन इन डायलिसिस
• कांसेप्ट ऑफ डायलिसिस एंड न्यूट्रिशन
• अप्लाइड एनाटॉमी आफ डायलिसिस थेरेपी
• टेक्निक्स आफ डायलिसिस मैनेजमेंट ऑफ कॉन्प्लिकेशन
तृतीय वर्ष
• सेफ्टी और सैनिटेशन
• अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी आफ डायलिसिस थेरेपी
• डायलिसिस इन माइक्रोबायोलॉजी सिस्टम
• माइक्रोबायोलॉजी एंड पैथोलॉजी
• अप्लाइड पैथोलॉजी आफ डायलिसिस थेरेपी
• फाइनल प्रोजेक्ट
बीएससी इन डायलिसिस : कॉलेज और फीस
आदेश विश्वविद्यालय
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 73,000 रुपये
अंसल विश्वविद्यालय
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 2,50,00 रुपये
असम डाउनटाउन यूनिवर्सिटी
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 1,00,000 रुपये
बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय
प्रवेश - परीक्षा आधारित
कोर्स की फीस - 30,000 रुपये
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज
प्रवेश - परीक्षा आधारित
कोर्स की फीस - 23,280 रुपये
ग्लेनिस इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड एलाइड हेल्थ साइंसेज
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 40,000 रुपये
गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 90,000 रुपये
इम्पैक्ट पैरामेडिकल एंड हेल्थ इंस्टीट्यूट
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 70,000 रुपये
लिंगया विश्वविद्यालय
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 98,500 रुपये
महात्मा गांधी मिशन स्वास्थ्य विज्ञान संस्थान
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स की फीस - 2,87,000 रुपये
शारदा विश्वविद्यालय
प्रवेश - मेरिट आधारित
कोर्स फी फीस - 1,26,000 रुपये
बीएससी इन डायलिसिस : जॉब प्रोफाइल और सैलरी
1. डायलिसिस असिस्टेंट - 3 लाख रुपये सालाना
2. डायलिसिस थैरेपिस्ट - 4 लाख रुपये सालाना
3. मेडिकल लेबोरेटरी असिस्टेंट - 4 लाख रुपये सालाना
4. मेडिकल टेक्नीशियन - 4 लाख रुपये सालाना
5. नेप्रोलॉजिस्ट - 5 लाख रुपये सालाना
6. डायलिसिस टेक्निशियन - 6 लाख रुपये सालाना
बीएससी इन डायलिसिस : भर्तीकर्ता
1. सरकारी अस्पताल
2. प्राइवेट अस्पताल
3. क्लिनिक
4. मेडिकल लेबोरेटरी
बीएससी इन डायलिसिस : स्कोप
डायलिसिस में बीएससी की डिग्री प्राप्त करने के बाद या तो छात्र नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं या फिर वह डायलिसिस में उच्च शिक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। जॉब प्रोफाइल और भर्तीकर्ता संबंधि जानकारी लेख में ऊपर दी गई है।
डायलिसिस में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र बीएससी की डिग्री प्राप्त करने के बाद एमएससी की डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक बार एमएससी की पूरी होने का बाद वह नौकरी के लिए या फिर पीएचडी कर विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के पद पर कार्य कर सालाना 5 से 9 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
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