Budget 2020 Expectations India / बजट हाइलाइट्स 2020 भारत: बजट 2020 की चर्चा (Budget 2020 Highlights) शुरू हो गई है और बजट विशेषज्ञों के अनुसार इस साल शिक्षा बजट 2020 (Education Budget 2020) में सुधार होने की पूरी उम्मीद है। जॉब सेक्टर (Job Sector) भी काफी तेजी से बढ़ने की संभावनाएं बताई जा रही है। केंद्रीय बजट 2020 (Union Budget 2020 Date) को 1 फरवरी 2020 (1 February) को पेश किया जाएगा। सभी लोगों को इस साल बजट से काफी उम्मीदें हैं। सभी की निगाहें अभी सरकार पर हैं, जहां हर क्षेत्र के लिए बजट आवंटित किया जाएगा। इसी कड़ी में शिक्षा का क्षेत्र (Education Sector) भी अपने हिस्से के बजट आवंटन (Budget Allocation) की उम्मीद लगाए बैठा है। लेकिन केंद्रीय बजट 2020-21 (Union Budget 2020-21) पेश होने से पहले बजट विशेषज्ञों ने शिक्षा क्षेत्र के लिए सरकार काफी उम्सेमीदें लगाई हुई हैं।
शिक्षा के बजट को बढ़ाना, शैक्षणिक सुविधाओं में सुधार, अधिक नौकरियों का सृजन और ऑनलाइन शिक्षा के लिए जीएसटी की दरों को कम करना जैसे मामलों पर विशेषज्ञों की पूरी पेनी नजर बाई हुई है। शिक्षा क्षेत्र के लिए आम बजट 2020 (Aam Budget 2020) को लेकर विशेषज्ञ मोदी सरकार से क्या अपेक्षा करते हैं, आइये जानते हैं इनके बारे में।
नेक्सस एजुकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक और सीईओ, श्री ब्यास देव रल्हन के अनुसार, "अंतरिम बजट 2019 ने राष्ट्रव्यापी शैक्षणिक विकास के लिए शिक्षा बजट में 10 प्रतिशत की वृद्धि, कुल 93,847.64 करोड़ रुपये की घोषणा की। इस वर्ष, यह उम्मीद है कि शिक्षा के लिए अधिक वित्तीय सहायता का वादा किया जाएगा।
जबकि फ्यूचरिस्टिक स्कूल शेमफोर्ड ग्रुप के वाइस चेयरमैन और एमडी अमोल अरोड़ा का मानना है कि शिक्षा-रोजगार की खाई को कम किया जाना चाहिए और विश्व स्तरीय कुशल कर्मचारियों को विकसित किया जाना चाहिए। यह एक दम सही समय है जब सरकार को आगामी केंद्रीय बजट को सही दिशा देनी है। यह भी उम्मीद है कि समकालीन और उभरते रुझान को NEP 2020 के साथ पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
कैटलिस्ट ग्रुप्स के सीईओ और संस्थापक अखंड स्वरूप पंडित का मानना है कि स्मार्ट काउंसलर, आधुनिक प्रयोगशालाओं, अनुसंधान सुविधाओं, पुस्तकालयों आदि की स्थापना के माध्यम से संस्थानों में सुविधाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और साथ ही प्रशिक्षित काउंसलर के साथ छात्र परामर्श शुरू करना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें यह भी उम्मीद है कि सरकार ऑनलाइन शैक्षिक पाठ्यक्रमों पर और बेहत काम करे ताकि एड-टेक क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके और व्यापक क्षेत्र विकसित हो सके।
वहीं विशेषज्ञ रोहित मांगलिक, सीईओ, एडुआगोरिला ने अनुसार ऑनलाइन शिक्षा के लिए जीएसटी दरों (लाइव कक्षाएं 18% से 5% तक) को कम करने पर जोर देना चाहिए। इससे बच्चों में पढ़ने की कला को और बल मिलेगा, स्टूडेंट्स की स्किल्स मजबूत होगी, जो एजुकेशन सेक्टर को काफी आगे ले जायेगा। प्राथमिक शिक्षा के लिए एक अच्उछा ख़ासा बजट पेश किया जाना चाहिए ताकि शिक्षक प्रशिक्षण के साथ-साथ बुनियादी ढांचे में सुधार हो सके और ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों में सीखने की कला विकसित हो सक। अगर ऐसा बजट आता है तो यह एजुकेशन सेक्टर को एक नई पहचना देगा।