Independence Day 2022: आखिर 15 अगस्त को ही अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्र करने का फैसला क्यों लिया?

भारत 15 अगस्त को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस यानि की आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए तैयार है। देश भर में 'हर घर तिरंगा' मुहिम चलाई जा रही है जिसके चलते पीएम मोदी ने भारतवासियों से अपील की है सभी लोग 13 अगस्त से 15 अगस्त तक अपने घर पर तिरंगा जरूर फहराए।

15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की लगभग 200 साल गुलामी सहने के बाद आजाद हुआ। इस दिन हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करते हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुती दी थी। आजादी पाने के लिए भारत के सभी लोगों ने एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। लेकिन ध्यान देने योग्य ये बात है कि अंग्रेजों ने भारत को आजाद करने के लिए 15 अगस्त का ही दिन क्यों चुना?

आखिर 15 अगस्त को ही अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्र करने का फैसला क्यों लिया?

भारत के पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 15 अगस्त, 1947 को दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। जिसके बाद से हर साल भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री 15 अगस्त को लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं, साथ में राष्ट्र के नाम संबोधन भी करते हैं। तिरंगा फहराने का अर्थ ये है कि आसमान में जब तिरंगा फहराता है, तो यह दर्शाता है कि हम अब स्वतंत्र है और एक स्वतंत्र भारत में रहते हैं।

तो चलिए अब हम आपको ये बताते हैं की आखिर 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में क्यों चुना गया और अंग्रेजों ने भारत को आजाद करने के लिए यही दिन क्यों चुना?

स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कई वर्षों और महीनों के संघर्ष, कठिनाई और अहिंसा आंदोलनों के बाद, ब्रिटिश संसद ने आखिरकार लॉर्ड माउंटबेटन को 30 जून, 1948 तक सत्ता हस्तांतरित करने का जनादेश दिया था। लेकिन, माउंटबेटन ने तारीख को आगे बढ़ा दिया और 15 अगस्त 1947 को सत्ता हस्तांतरण की तिथि के रूप में निर्धारित किया।

सी राजगोपालाचारी - स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल थे - जिन्होंने बताया कि दिन को स्थगित करने का निर्णय इसलिए किया गया क्योंकि माउंटबेटन यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कोई रक्तपात या दंगा न हो। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि, "अगर उन्होंने (लॉर्ड माउंटबेटन) जून 1948 तक इंतजार किया होता, तो स्थानांतरण की कोई शक्ति नहीं बची होती।"
इसलिए, 4 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय स्वतंत्रता विधेयक पारित किया गया था। विधेयक, जिसने भारत में ब्रिटिश शासन का अंत सुनिश्चित किया और तत्कालीन देश को भारत और पाकिस्तान में विभाजित करने का आह्वान किया, एक पखवाड़े में पारित हो गया।

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के प्रावधान, जिसने विधायी संप्रभुता को भारतीय संविधान सभा में स्थानांतरित कर दिया, 15 अगस्त, 1947 को लागू हुआ। लॉर्ड माउंटबेटन फ्रीडम, जैसा कि फ्रीडम एट मिडनाइट में उद्धृत किया गया था, ने बताया था कि उन्होंने भारत के स्वतंत्रता दिवस की तारीख के रूप में 15 अगस्त को क्यों चुना?

लॉर्ड माउंटबेटन फ्रीडम ने बताया कि "मैंने जो तारीख चुनी वह ब्लयू से निकली है। मैं यह दिखाने के लिए दृढ़ था कि मैं पूरे आयोजन का मास्टर था। जब उन्होंने पूछा कि क्या हमने कोई तारीख तय की है, तो मुझे पता था कि यह जल्द ही होना है। मैंने तब ठीक से काम नहीं किया था - मुझे लगा कि यह अगस्त या सितंबर के बारे में होगा और मैं फिर 15 अगस्त के लिए घोषण की। क्यों? क्योंकि यह जापान के आत्मसमर्पण की [द्वितीय विश्व युद्ध में] दूसरी वर्षगांठ थी।"

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English summary
On 15 August 1947, India became independent after suffering almost 200 years of slavery of the British. On this day we also remember the freedom fighters who sacrificed their lives for the freedom of the country. To get freedom, all the people of India unitedly fought against the British. But it is worth noting that why did the British choose August 15 as the day to liberate India?
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