No-Non Veg Day: उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय शिक्षाविद् साधु टीएल वासवानी की जयंती के उपलक्ष्य में 25 नवंबर को "नो नॉन-वेज डे" मनाने की घोषणा की है। सीएम योगी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस दिन राज्य की सभी मांस की दुकाने और बूचड़खाने बंद रहेंगे।
यूपी सरकार ने आधिकारिक नोटिस जारी करते हुए कहा कि "जैसे कि हम अपने देश के महापुरुषों की जयंती- महावीर जयंती, बुद्ध जयंती, गांधी जयंती को 'अहिंसा' दिवस के रूप में मनाते हैं। उसी प्रकार अब हम साधु टीएल वासवानी जयंती को "नो नॉन-वेज डे" के रूप में मनाएंगे और इस दिन सभी बूचड़खाने बंद रहेंगे। और इस आदेश का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
कौन थे साधु टीएल वासवानी? यहां जानें उनके बारे में...
साधु थानवरदास लीलाराम वासवानी, जिन्हें साधु टीएल वासवानी के नाम से जाना जाता है, का जन्म 25 नवंबर, 1879 को हैदराबाद के एक सिंधी परिवार में हुआ। टीएल वासवानी ने 1899 में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से बीए और 1902 में एमए की पढ़ाई पूरी की। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कई पद संभाले और विभिन्न महाविद्यालयों में शैक्षणिक भूमिका निभाई।
अपनी माँ की मृत्यु के बाद साधु टीएल वासवानी ने शैक्षणिक भूमिकाएं छोड़ दी और फिर उन्होंने 1910 में बर्लिन में वेल्ट कांग्रेस में भाग लिया। जहां उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया और शांति और एकता की वकालत की।
वासवानी ने देश में महिलाओं की शिक्षा और मुक्ति के लिए आवाज उठाई। उन्होंने 1933 में लड़कियों के लिए मीरा स्कूल की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया। स्कूल ने बाद में 'शिक्षा में मीरा आंदोलन' की शुरुआत की। एक प्रतिभाशाली वक्ता और लेखक, वासवानी ने शाकाहारी जीवन शैली की भी वकालत की।
वासवानी का 16 जनवरी 1966 को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 1986 में साधु वासवानी मिशन के तत्कालीन आध्यात्मिक प्रमुख दादा जेपी वासवानी ने प्रस्ताव दिया था कि 25 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय मांस रहित दिवस के रूप में मनाया जाए।