भारत में हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि शहीद दिवस के रूप में मनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों? दरअसल, भारत में शहीद दिवस 30 जनवरी, 23 मार्च, 21 अक्टूबर, 17 नवंबर और 19 नवंबर को भी मनाया जाता है। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर इन तिथियों को ही शहीद दिवस के रूप में क्यों चिन्हित किया गया है।
भारत में प्रत्येक वर्ष 30 जनवरी को शहीद दिवस के अवसर पर उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर 30 जनवरी को ही क्यों?
क्योंकि इस दिन 30 जनवरी 1948 को बिरला हाउस में शाम की प्रार्थना के दौरान नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की तीन बार गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसलिए, यह दिन उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। इसके अलावा, 30 जनवरी को अहिंसा और शांति के दिन के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके अवसर पर देश भर में विभिन्न समारोहों और कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
इस दिन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, रक्षा मंत्री और तीन सेवा प्रमुखों (सेना, वायु सेना और नौसेना) ने दिल्ली में राज घाट पर उनकी समाधि पर बहुरंगी फूलों से बनी पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। इसके अलावा, 30 जनवरी को पूरे देश में भारतीय शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा जाता है।
ऐसा बताया जाता है कि गांधी जी के अंतिम शब्द "हे राम" थे जबकि उन्होंने अपनी हत्या से कुछ दिन पहले कहा था कि "क्या मुझमें वीरों की अहिंसा है? मेरी मौत ही यह बताएगी। अगर किसी ने मुझे मार डाला और मैं अपने होठों पर हत्यारे के लिए प्रार्थना के साथ मर गया, और भगवान की याद और मेरे दिल के गर्भगृह में उनकी जीवित उपस्थिति की चेतना, तो अकेले ही मुझे बहादुर की अहिंसा कहा जाएगा।
23 मार्च: भारत में 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है ताकि पुरा देश उनके बलिदान को हमेशा याद रखें। बता दें कि 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर जेल में शाम 7.30 बजे फांसी दी गई थी।
21 अक्टूबर: भारत तिब्बत सीमा की सुरक्षा करते हुए 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख में 10 भारतीय सीआरपीएफ के पुलिस जवान शहीद हुए थे। इसलिए दिन को यानि की 21 अक्टूबर को सभी पुलिस विभागों द्वारा शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
17 नवंबर: भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। लाला लाजपत राय की मृत्यु 17 जनवरी 1928 को साइमन कमीशन के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए लाठी-चार्ज के कारण हुई थी। इसलिए भारत में प्रतिवर्ष 17 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें लाला लाजपत राय को पंजाब का शेर यानि की पंजाब केसरी के नाम से भी जाने जाता है।
19 नवंबर: देश के कई हिस्सों में रानी लक्ष्मी बाई की जयंती को भी शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन लोग रानी लक्ष्मी बाई को श्रद्धांजलि देते है, जिन्होंने 1857 के विद्रोह में अपना जीवन त्याग दिया था।
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