Parkash Singh Badal Biography in Hindi: पंजाब के पांच बार सीएम रह चुके प्रकाश सिंह बादल का 25 अप्रैल 2023 को 95 वर्ष की आयु में देहांत हो गया है। वह राजनीति पीढ़ी के अंतिम जीवित सदस्य थे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम देखा था। वह केवल एक राजनेता नहीं बल्कि राजनीति के एक "युग" थें। वे पंजाब के एक ऐसे सेनानी थे, जिन्होंने अपने जीवन काल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
प्रकाश सिंह बादल पहली बार 20 साल की कम उम्र में ही सरपंच बने तो वहीं उन्होंने 43 साल की उम्र में पंजाब के सीएम के तौर पर पदभार संभाला। बादल ने स्वतंत्रता से लेकर आपातकाल और आपातकाल से लेकर पंजाब की राजनीति एक नया मोड़ आते हुए देखा है। राजनीति में अपना नाम शुमार करने वाले बादल भारत के सबसे अमीर 10 लोगों की लिस्ट में भी शामिल थें। उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में कई उपलब्धियां हासिल की। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रकाश सिंह बादल
बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 में अबुल खुराना, पंजाब (ब्रिटिश अधीन भारत) के एक किसान परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम सुंदरी कौर और सरदार रघुराज सिंह था। बादल का विवाह सुरिंदर कौर से हुआ था। उनकी एक बेटी और एक बेटा है। उनका बेटा सुखबीर सिंह बादल वर्तमान समय में पंजाब के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत है।
प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक करियर
भारत के स्वतंत्र होने के बाद 1950 में बादल ने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत की। इसके एक साल के बाद ही 1948 में उन्हें विधानसभा के लिए चुना गया। वर्ष 1969 में वह फिर से विधानसभा के लिए चुने गए। 1969 से 70 तक उन्हें सामुदायिक विकास, पंचायती राज, डेयरी, मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री के रूप में कार्य करने को मिला।
लंबे समय तक विधायक के तौर पर कार्य करने के बाद वह 1970 में पंजाब के पहले सीएम बने और 1970-71 तक कार्य किए। उसके बाद उन्होंने दूसरी बार सीएम के पद पर 1977-80 तक कार्य किया, इसके बाद 1997-2002 तक वह तीसरी बार सीएम बनें। इतना ही नहीं, मोरारजी देसाई की अध्यक्षता वाली केंद्रीय सरकार में केंद्रीय कृषि और सिंचाई मंत्री के तौर पर कार्य कर चुके हैं। अपने समय काल में वह पंजाब के मुख्यमंत्री के पद पर कार्य करने वाले सबसे कम उम्र के राजनेता थे।
प्रकाश सिंह बादल टाइमलाइन
• 1927: पंजाब के अबुल कुराना में जन्म।
• 1947: उन्होंने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत की।
• 1957: वे पहली बार विधान सभा के लिए चुने गए।
• 1969: बादल दोबारा विधान सभा के लिए चुने गए।
• 1969-1970: सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में कार्य किया।
• 1970-1971: पंजाब के मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए।
• 1977-1980: पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पुन: निर्वाचित।
• 1997-2002: उन्हें तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया।
• 2009: बादल की अध्यक्षता में पंजाब कैबिनेट ने सेवानिवृत्ति की उम्र मौजूदा 58 साल से बढ़ाकर 60 साल करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
• 2009: अकाली दल के नेता सेवा सिंह सेखवान को कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल करके बादल ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया।
• 2011: उन्होंने चौथी बार पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
• 2012: उन्हें रिकॉर्ड पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया।
प्रकाश सिंह बादल की उपलब्धियां
- 20 साल की उम्र में बने थे सरपंच।
- 30 साल की उम्र में विधायक।
- 1969 से 70 तक उन्हें सामुदायिक विकास, पंचायती राज, डेयरी, मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री का पद प्राप्त हुआ।
- 43 साल की उम्र में बने पंजाब के सीएम।
- पांच बार पंजाब के सीएम के पद पर विराजमान हो चुके हैं।
- भारत के सबसे अमीर 10 लोगों की श्रेणी में उनका नाम शुमार है।
- पंजाब के सबसे महत्वपूर्ण दलों में से एक शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
- उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों की भूमिका लोगों को समझाई।
- गोवा मुक्ती आंदोलन में अपना जीवन लगाने वाले शहीद मास्टर करनैल सिंह इसरू के शहीदी दिवस पर याद किया।
प्रकाश सिंह बादल की राजनीतिक पारी
• प्रकाश सिंह बादल ने 1952 में बादल गांव के सरपंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
• 1952 में कांग्रेस के टिकट पर मलोट से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
• 1970 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, उस समय देश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।
• 1970-71, 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-17 तक पांच बार मुख्यमंत्री बने।
• 1969, 1972, 1977, 1980 और 1985 में गिद्दड़बाहा से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीते।
• लंबी विधानसभा सीट से लगातार पांच बार 1997, 2002, 2007, 2012 और 2017 में जीते।
• 1995 से 2008 तक शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख रहे
• 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित, जिसे उन्होंने 2020 में वापस कर दिया।
• 2011 में पंथ रतन फ़क़र-ए-कौम (समुदाय के पंथ गौरव का गहना) से सम्मानित।
प्रकाश सिंह बादल के निधन पर दी गई श्रद्धांजली
- बादल के निधन पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया गया।
- बादल के सम्मान में गृह मंत्रालय ने मंगलवार को दो दिवसीय शोक की घोषणा की है।
'पंथ रतन फख्र-ए-कौम' की उपाधि से सम्मानित
प्रकाश सिंह बादल ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन के दौरान शिरोमणि अकाली दल और पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए किए गए योगदान के लिए स्वर्ण मंदिर के मैदान में श्री अकाल तख्त साहिब ने उन्हें 11 दिसंबर 2011 को "पंथ रतन फख्र-ए-कौम" की उपाधि प्रदान की।
दूसरे लंबे समय तक सेवा करने वाले 'कैदी' बने बादल
प्रकाश सिंह बादल नेल्सन मंडेला के बाद दुनिया में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले कैदी बनें। दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी नेता नेल्सन मंडेला ने लंबे समय तक सेवा करने वाले कैदी बने, उसके बाद प्रकाश सिंह बादल दुनिया के सबसे लंबे समय तक राजनीतिक कैदी हैं।
बादल को कैदी नागरिक स्वतंत्रता आंदोलन के लिए पकड़ा गया है। इसमें दौरान उन्होंने 17 साल तक जेल में बिताया था। मंडेला आपातकाल के दौरान और 1980 के समय पर पंजाब के धर्म युद्ध मोर्चा युग के दौरान पंजाब और उसके लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे थे, जिसके दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया था। उस दौरान उन्होंने 27 साल तक जेल की सजा काटी।
प्रकाश सिंह बादल को दी श्रद्धांजली
25 अप्रैल को उनकी मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजली दी।
बादल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया। "श्री प्रकाश सिंह बादल जी के निधन से बेहद दुखी हूं। वह भारतीय राजनीति की एक महान शख्सियत थे, और एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश में बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक रूप से काम किया और महत्वपूर्ण समय में राज्य को सहारा दिया।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक ट्वीट में कहा, "श्री प्रकाश सिंह बादल आजादी के बाद के सबसे बड़े राजनीतिक दिग्गजों में से एक थे। हालांकि सार्वजनिक सेवा में उनका अनुकरणीय करियर काफी हद तक पंजाब तक ही सीमित था, लेकिन देश भर में उनका सम्मान किया जाता था। उनका निधन एक शून्य छोड़ देता है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।"
किसानों के कल्याण में योगदान देने वाले बादल पर मंत्रियों ने क्या कहा देखिए
प्रकाश सिंह बादल ने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने लंबे करियर में, उन्होंने किसानों और समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय योगदान दिए। - राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
पंजाब का सच्चा बेटा
वह पंजाब के सच्चे सपूत थे, जिन्होंने राज्य और उनके लोगों के हितों को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया। मैं बादल के परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। - बनवारीलाल पुरोहित, पंजाब के राज्यपाल
भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति
प्रकाश सिंह बादल का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है और उनका नाम देश की राजनीति के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। - मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के सीएम
कमी लंबे समय तक महसूस होगी
यह न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे राज्य और पूरे देश के लिए क्षति है। बादल की कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी और उनकी कमी को भरना मुश्किल होगा। -कैप्टन अमरिंदर सिंह, भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री
उसे प्यार से याद करेंगे
मैं हमारे जुड़ाव को बड़े प्यार और सम्मान के साथ याद करता हूं। वह (बादल) राजनेताओं के उस वर्ग से ताल्लुक रखते हैं जो तेजी से विलुप्त हो रहा है। - जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री
कमजोर वर्गों के लिए संघर्ष किया
उन्होंने पंजाब के अधिकारों और हितों के लिए लंबा समय जेल में बिताया। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, विशेषकर कमजोर और कृषक समुदाय के हितों के लिए संघर्ष किया। - हरजिंदर सिंह धामी, एसजीपीसी अध्यक्ष