Independence Day 2021: पहली बार पतंग कब और कहां उड़ाई गई, जानिए इसकी कहानी

स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाने का प्रचालन काफी पुराना है। भारत समेत कई देशों में पतंग महोत्सव मनाया जाता है। पतंग का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि पतंग का इतिहास चीन से जुड़ा हुआ है।

By Careerindia Hindi Desk

स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाने का प्रचालन काफी पुराना है। भारत समेत कई देशों में पतंग महोत्सव मनाया जाता है। पतंग का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि पतंग का इतिहास चीन से जुड़ा हुआ है। करीब 23,000 साल पहले चीन के एक दार्शनिक ने पतंग बनाई थी। दुनिया की पहली पतंग बनाने वाले दार्शिक का नाम 'हुआंग थेग' बताया जाता है। आइये जानते हैं पतंग उड़ने की कहानी।

Independence Day 2021: पहली बार पतंग कब और कहां उड़ाई गई, जानिए इसकी कहानी

चीन
चीन में पतंग को अंधविश्वास से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि चीन में किंन राजवंश के शासन के दौरान अगर कोई पतंग उड़ाकर उसे अज्ञात छोड़ दिया जाता था तो उसे अपशकुन माना जाता था। वहीं अगर कोई पतंग कट कर गिर जाती थी और उसे कोई उठा लेता था तो उसे भी बुरे शकुन माना जाता था।

थाईलैंड
थाईलैंड में पतंग को धार्मिक आस्थाओं से जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि थाइलैंड में हर राजा के पास उनकी एक विशेष पतंग पाई जाती थी। जिसे सर्दी के मौसम में भिक्षु और पुरोहित देश में शांति और खुशहाली की आशा के लिए उड़ाते थे। वहीं थाईलैंड के लोग अपनी प्रार्थना भगवान तक पहुंचाने के लिए पतंग उड़ाया करते थे। यही नहीं दुनिया के कई देशों में 27 नवंबर को फ्लाई ए काइट डे मनाया जाता है।

यूरोप
कहा जाता है यूरोप में पतंग की शुरुआत नाविक मार्को पोलो के आने के बाद हुई। मार्को पूर्व की यात्रा के दौरान मिली पतंग के कौशल को यूरोप में लाया। इसके बाद यूरोप के लोगों और फिर अमेरिका के लोगों ने वैज्ञानिक और सैन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए पतंग का इस्तेमाल किया।

भारत
भारत में पतंग उड़ाने का शौक भी चीन से होते ही पहुंचा है। भारत के कई हिस्सों में पतंग को अच्छे से अपना लिया है और अपने धर्म, मान्यताओं और त्यौहारों पर पतंग को उड़ाते हैं।

राजस्थान में होता है पतंग उत्सव
राजस्थान में तो पतंग उत्सव भी मनाया जाता है। यहां पर्यटन विभाग की ओर से हर साल तीन दिवसीय पतंगबाजी प्रतियोगिता कराई जाती है। जिसमें दुनिया भर के पतंगबाज हिस्सा लेते हैं। इस प्रतियोगिता का आयोजन मकर संक्रांति के दिन किया जाता है।

पतंग से मिलती है प्रेरणा
आपको क्या लगता है कि पतंग उड़ाना महज एक शौक है, ऐसा नहीं है पतंग से हमें जिंदगी जीने की प्रेरणा मिलती है। एक कागज का टुकड़ा खुले आसमान में उड़ता है और गगन को छुने की कोशिश करता है। जब अपनी मंजिल पर जाने की कोशिश करती है तो आसमान में मौजूद अन्य पतंगे उसके लिए बाधा बन जाती है और वो उन सभी के बीच से निकलकर आगे बढ़ने की कोशिश करती है। उसे अपनी डोर पर विश्वास होता है कि वह उसके सहारे आगे बढ़ जाएगी। इसलिए लाइफ में विश्वास होना बहुत आवश्यक है। अगर आपको खुद पर भरोसा है तो आप किसी भी चुनौति का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।

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English summary
The practice of flying kites on Independence Day is very old. Kite Festival is celebrated in many countries including India. The history of kites is very old. The history of kites is believed to be linked to China. A Chinese philosopher made a kite about 23,000 years ago. The name of the philosopher who made the world's first kite is said to be 'Huang Theg'. Let's know the story of kite flying.
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