बचपन से ही बहुत से छात्रों का शौक होता है कि बड़े होकर विदेश में पढ़ाई करने जाए। लेकिन अक्सर विदेश में पढ़ाई का नाम सुनते ही छात्रों और उनके माता-पिता के मन में तमाम प्रकार के प्रश्न उठने लगते हैं कि उन्हें किस कोर्स की पढ़ाई करनी चाहिए, ग्रेजुएशन करने के बाद वे क्या कर सकते हैं, विदेश में पढ़ाई के स्कॉलरशिप मिलती है या नहीं, कौन से उन्हें पढ़ाई करनी चाहिए, आदि। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपके इन्हीं सवालों के जवाब देने की कोशिश करते हैं कि भारतीयों छात्रों के लिए यूके में पढ़ाई करना कितना फायदेमंद है।
आप जिस भी व्यक्ति से मिलते हैं, उसकी अपनी राय होती है कि आपको क्या करना चाहिए। जिसके लिए आपने कहावत सुनी ही होगी 'सुनो सब की और करो अपने मन की'। विदेश में पढ़ाई करने जाना आज भी लोगों के लिए कोई आम बात नहीं है। इसलिए इस फैसला आपको अपनी परिवार की सलाह और खुद के विचारों के अनुसार करना चाहिए। सलाह के साथ आपको वहां पढ़ने जाने के लिए बहुत सी बातों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना होता है।
मुझे किस कोर्स की पढ़ाई करनी चाहिए?
अधिकांश छात्रों को यही मालूम नहीं होता है कि उनकी रुचि क्या है, उन्हें किस क्षेत्र में आगे जाना चाहिए, जिस वजह से वे अपने भविष्य का निर्णय स्वयं नहीं ले पाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए आप अपनी काउंसलिंग करा सकते हैं। काउंसलिंग कराने के बाद छात्र अपनी रुचि का क्षेत्र पता चल जाता है। जिसके बाद वें उस क्षेत्र का स्कोप देखकर पता कर सकता है जिस क्षेत्र में उसकी रुचि है उस क्षेत्र में सफल होने के क्या चांस है। यदि आपको अपनी रुचि के अनुसार कुछ करने का मौका दिया जाता है तो उसमें आपके सफल होने के ज्यादा संभावना होती है।
ग्रेजुएशन करने के बाद मेरे पास क्या विकल्प हैं?
अधिकांश छात्र विदेश में काम करने या अंततः विदेश में लंबे समय तक रहने के लिए लंबी अवधि वाले कोर्स का विकल्प चुनते हैं। ग्रेजुएशन करने के बाद छात्रों के पास पीजी के लिए बहुत सारे करियर ऑप्शन होते हैं जिनका चयन कर वे अपना भविष्य बना सकते हैं। करियर विकल्प जानने के लिए छात्र विदेशी विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए आवेदन करते समय कोर्स की सूची बना सकते हैं।
क्या-क्या स्कॉलरशिप उपलब्ध हैं?
बहुत से छात्र अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से पढ़ने की तो इच्छा रखते हैं लेकिन विदेशों में आने-जाने, रहने-खाने और यूनिवर्सिटी की फीस के खर्चों को देखते हुए बहुत से छात्र विदेश जाने का ख्वाब छोड़ देते हैं। लेकिन बहुत सी अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्कॉलरशिप दी जाती है, जिसे प्राप्त करने के बाद छात्र विदेश में जाकर पढ़ाई कर सकते हैं। बता दें कि विदेश में पढ़ाई करने जाने के लिए स्कॉलरशिप इतनी आसानी से नहीं मिलती है बल्कि उसके लिए एक अलग से प्रोसेस होता है जिसमें की एग्जाम पास करना होता है।
क्या यूके में पढ़ाई अन्य देशों से बेहतर है?
यह कहना आसान नहीं होगा की भारतीय छात्रों की हायर स्टडिज के लिए ब्रिटेन ही सबसे बेहतर जगह है। क्योंकि दुनिया के लगभग सभी देशों में आज भारतीयों की पहुंच है और बहुत से ऐसे देश है जहां भारत के बच्चे छात्र बनकर पढ़ाई के लिए जाते हैं। क्योंकि विदेश में पढ़ाई करते समय छात्रों के मानसिक स्तर पर कई तरह का प्रभाव पड़ता है। लेकिन इन सबके बावजूद विभिन्न मंचों पर ऑनलाइन रिसर्च करने से इस सवाल का जवाब मिलता है कि यूके भारतीय बच्चों की पढ़ाई के लिए सबसे अच्छा देश है।
यूके में स्थानीय संस्कृति कैसी है?
बढ़ते वैश्वीकरण और दुनिया भर में आप्रवास के उच्च स्तर के साथ, यूके एक तेजी से बहुसांस्कृतिक और स्वीकार करने वाला देश बन गया है। आप निस्संदेह यूके में कई तरह के लोगों से मिलने की उम्मीद कर सकते हैं, यहां आपको कुछ मिलनसार और मददगार लोग मिल सकते हैं। तो वहीं खुद में रहने वाले लोग भी मिल सकते हैं।
क्या यूके में भारतीयों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है?
यूके में पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों के माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा की बहुत बड़ी चिंता होती है। जिस वजह से बहुत से मां-बाप अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए अनुमति नहीं देते हैं। हालांकि, इस सवाल का कोई निश्चित जवाब नहीं है कि यूके में भारतीयों को कहीं और की तुलना में ज्यादा भेदभाव का सामना करना पड़ता है या नहीं। क्योंकि भारत में भी यहीं के छात्रों को रैगिंग का समाना करता पड़ता है और ये तो दूसरे देश की बात है। भेदभाव से बचने के लिए हर देश में नियम-कानून होते हैं जो कि छात्रों की सुरक्षा की गारंटी देते हैं।
यूके में ग्रेजुएशन कोर्स की अवधि क्या है?
दुनिया के अधिकांश हिस्सों के विपरीत जहां ग्रेजुएशन डिग्री न्यूनतम 4 साल की होती है वहीं यूके के विश्वविद्यालयों द्वारा कई छोटे ग्रेजुएशन कोर्स भी कराए जाते हैं जिन्हें पूरा करने में 1 से 2 साल तक का समय लगता है। यूके में छोटे ग्रेजुएशन कोर्स की उपलब्धता के बावजूद, अधिकांश ग्रेजुएशन कोर्स 3 से 4 साल की अवधि के लिए चलते हैं।
यूके में टॉप 5 यूनिवर्सिटी कौन सी हैं?
कोर्स के साथ-साथ इस बात का भी हमारे भविष्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है कि हमने किस विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है। वर्तमान समय में सभी देशों में अनगिनत सरकारी व प्राइवेट विश्वविद्यालय खुल चुके हैं जिनमें से एक चयन कना बहुत मुश्किल होता है। तो चलिए हम आपको बतातें है कि यूके की टॉप 5 यूनिवर्सिटी कौन सी है।
1. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
2. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
3. इंपीरियल कॉलेज लंदन
4. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन
5. एडिनबर्ग विश्वविद्यालय
यूके के टॉप 5 विश्वविद्यालय किन कोर्स के लिए प्रसिद्ध हैं?
1. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
- कला और मानवता
- जीवन विज्ञान और चिकित्सा
- सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन
- प्राकृतिक विज्ञान
- इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी
2. कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
- कला और मानवता
- इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी
- जीवन विज्ञान और चिकित्सा
- प्राकृतिक विज्ञान
- सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन
3. इंपीरियल कॉलेज लंदन
- विज्ञान
- इंजीनियरिंग
- बिजनेस
- मेडिकल
4. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन
- एजुकेशन
- आर्किटेक्चर
- आर्केलॉजी
- अंर्थोपोलॉजी
- जीवन विज्ञान
- मेडिसिन
- दंत चिकित्सा
5. एडिनबर्ग विश्वविद्यालय
- कला और मानवता
- दवा
- पशु चिकित्सा
- बिजनेस
- इंजीनियरिंग
- अंतरिक्ष विज्ञान
क्या मैं ग्रेजुएट होने के बाद यूके में काम कर सकता हूं?
अंतर्राष्ट्रीय छात्र अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद यूके ग्रेजुएट वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह वीजा छात्रों को यूके में 2 साल तक रहने और काम करने की अनुमति देता है। इस वीजा को 2 साल की अवधि से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।
क्या यूके में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आप्रवासन के लिए कोई रास्ता है?
यूके के विश्वविद्यालयों से स्नातक होने पर, अंतर्राष्ट्रीय छात्र यूके ग्रेजुएट वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसके बाद उन्हें दूसरे लागू वीज़ा पर स्विच करना होगा। यूके में कम से कम 5 वर्षों तक रहने और काम करने के बाद, आप अनिश्चितकालीन अवकाश (पीआर) के लिए आवेदन करने के पात्र हो सकते हैं।