भारत को आजाद हुए 75 वर्ष पूरे हो गए इसी के महा उपलक्ष में भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस वर्ष भारत अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। दिन पर दिन महिलाएं कुछ न कुछ नया कर रहीं है और कामयाबी के नए आयाम छू रही हैं और भारत का नाम दूनिया में उजागर कर रही है। आइए जानते है उन कुछ महिलाओं के बारे में जिन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, न्यूरोसाइंस और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई और सबको एक बार फिर ये साबित कर दिखाया की एक महिला ठान ले तो क्या नहीं कर सकती। ये वो महिलाएं हैं जो ये महिला सशक्त्तिकरण के बारे में बता ही नहीं रही बल्कि कर के दिखा रही है और अपनी पहचान बना रही हैं। आइए जानते है उन 7 महिलाओं वैज्ञानिकों के बारे में-
गगनदीप कांगो
गगनदीप कांगो एक माइक्रोबायलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट है। 2016 से 2020 तक उन्होंने ट्रंसलेशन हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्य किया था। वह मुख्य तौर पर बच्चों में वायरल संक्रमण पर रिसर्च के लिए जानी जाती है। गगनदीप कांगो वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर हैं। इसी के साथ वह पहली महिला है जिन्हें रॉयल सोसाइटी की फेलो चुना गया है।
रितु करिधल श्रीवास्तव
रितु करिधल श्रीवास्तव इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेश में एक वैज्ञानिक हैं। रितु करिधल श्रीवास्तव को भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन के लिए जाना जाता है। इस मिशन में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस मिशन को जिसे मंगलयान के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें इस मिशन के बाद भारत की 'रॉकेट वुमन' भी कहा गया। रितु करिधल श्रीवास्तव ने लखनऊ विश्वविद्यालय से बैचलर और मास्टर इन फिजिक्स किया। पढाई पूरी करने के बाद उन्होंने 2007 में इसरो में ज्वाइन की।
अदिति सेन
अदिति सेन डे हरीश चंद्र रिसर्च इंस्टीट्यूट में कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं। वह क्वांटम इनफार्मेशन एंड कंप्यूटेशन में विशेषज्ञता रखती हैं। 2018 में अदिति सेन डे स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वह इस पुरस्कार के सम्मानित होने वाले पहली महिला फिजिसिस्ट बनीं। उन्हें यह पुरस्कार साइंस एंड टेक्नोलॉजी के लिए मिला। क्वांटम कम्युनिकेशन, क्वांटम इनफार्मेशन एंड मेनी बॉडी फिजिक्स के अपने शोध के लिए उन्होंने एक वैज्ञानिक के रूप में शानदार प्रतिष्ठा अर्जित की।
सुनीता सरावगी
सुनीता सरावगी एक कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं। उन्होंने मुख्य तौर पर "असंरचित डेटा के लिए सूचना निष्कर्षण तकनीकों को विकसित करने में अग्रणी कार्य" के लिए जाना जाता है। उनके इस कार्य उन्हें 2019 में इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी से साथ सुनीता सरवागी आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की इंस्टीट्यूट चेयर प्रोफेसर हैं।
कालिका बाली
कालिका बाली एक लिंग्विस्टिक्स प्रोफेसर से माइक्रोसॉफ्ट में एक रिसर्चर के तौर पर गई। कालिका बाली वर्तमान समय में बेंगलुरु में माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च लैब में एक प्रमुख रिसर्चर हैं। वह वर्तमान समय में प्रोजेक्ट मेलेंज पर काम कर रही है। - "पाठ और भाषण दोनों के लिए कोड-मिश्रित भाषा डेटा को समझने, संसाधित करने और उत्पन्न करने के लिए एक प्रोजेक्ट।
टेसी थॉमस
टेसी थॉमस भारत में मिसाइल प्रोजेक्ट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक हैं। इस नाते टेसी थॉमस को भारत की 'मिसाइल महिला' के नाम से भी जाना जाता है। टेसी थॉमस DRDO में एक वैज्ञानिक हैं जिन्होंने अग्नि IV और V मिसाइलों के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया। मिसाइल के री-एंट्री सिस्टम के विकास में टेसी थॉमस काम महत्वपूर्ण था। टेसी थॉमस के विज्ञान में उल्लेखनीय करियर को कई सम्मानों और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। जिसमें सबसे मुख्य पुरस्कार कुछ इस प्रकार है- 2008 में 'डीआरडीओ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर', 2012 में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार और वुमेन इन साइंस एंड इंजीनियरिंग कि तरफ से उत्कृष्ट महिला अचीवर पुरस्कार।