भारत में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए कई वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाई जिसके लिए उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। खुदीराम बोस पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें मात्र 18 साल की उम्र में ही फांसी की सजा सुनाई गई थी। उनके बाद फिर अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी की सजा सुनाई जैसे की भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु आदि।
बता दें कि भारत में आज भी फांसी की सजा सुनाई जाती है और हाल ही में निर्भया गैंगरेप के मामले में चार दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी की सजा दी गई थी। लेकिन ध्यान देने योग्य बात ये है कि गुनहगार को ब्रिटिश शासन में भी और आज के समय में भी सुबह यानि की सुर्योदय से पहले ही फांसी क्यों दी जाती है?
चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको ये बताते हैं कि आखिरकार क्यों भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानियों को सुबह 7:33 मिनट पर और निर्भया गैंगरेप के दोषियों को सुबह 5:30 बजे फांसी क्यों दी गई थी? आखिर फांसी के लिए सुबह का समय ही क्यों चुना जाता है?
सुर्योदय से पहले फांसी देने के पीछे दो प्रमुख कारण होते हैं
1. आध्यात्मिक (spiritual)
अध्यात्मिक कारण के अनुसार दोषी को फांसी होने से पहली रात को सुख की नींद दी जाती है ताकि दोषी का मस्तिष्क दिन की अपेक्षा अधिक शांत रहता है और मन में इतने विचार नहीं चलते। जिससे स्ट्रेस का लेवल कैदी के ऊपर कम होता है। इसलिए हमेशा गुनहगारों को सुबह के समय सजा सुनाई जाती है ताकि कैदी को मानसिक दुख का सामना न करना पड़े।
2. कानूनी (legal)
कानून के अनुसार जिस व्यक्ति को जितने समय की सजा निर्धारित की गई है उतनी ही सजा वह जेल में काटे ना तो 1 दिन ज्यादा और ना ही 1 दिन कम। इसीलिए फांसी की सजा सूर्योदय से पहले दी जाती है।
फांसी देने से पहले जल्लाद मुजरिम के कान में क्या कहता है
बता दें कि जब फांसी दी जाने वाली होती है तब फांसी घर में मौजूद दोषी, जल्लाद और जेल अधिकारी सभी खामोश होते हैं और पूरी प्रक्रिया इशारों में संपन्न की जाती है। लेकिन फांसी से ठीक पहले जल्लाद दोषी के पास जाता है और उसके कान में कहता है कि "मुझे माफ कर देना, मैं तो एक सरकारी कर्मचारी हूं. कानून के हाथों मजबूर हूं." इसके बाद अगर दोषी हिंदू है तो जल्लाद उसे राम-राम बोलता है, जबकि दोषी अगर मुस्लिम है तो वह उसे आखिरी दफा सलाम कहता है. इतना कहने के बाद जल्लाद लीवर खींचता है और दोषी को फांसी पर चढ़ा देता है।