Childrens Day Shayari In Hindi 2021 देश में हर साल 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बच्चों की शिक्षा पर बहुत जोर दिया, इसलिए जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू ने जोर देकर कहा कि बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने ललित कला अकादमी और साहित्य अकादमी की स्थापना में भी मदद की थी।
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि दुनिया भर में बच्चों की विशाल सेना मौजूद है। यदि आप उन्हें एक साथ लाते हैं, तो वे खेलते हैं या झगड़ा करते हैं, लेकिन उनका झगड़ा भी किसी तरह का खेल है। वे आपस में मतभेद, वर्ग या जाति या रंग या स्थिति के बीच के अंतर के बारे में नहीं सोचते हैं। वे अपने पिता या माता से अधिक बुद्धिमान होते हैं। उनके इस कथन ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया था।
बच्चों के प्रति पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रेम जगजाहिर है। पंडित जवाहरलाल नेहरू को सभी बच्चे प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे, पंडित जी भी बच्चों से बहुत प्यार करते थे। आज जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर करियर इंडिया आपके लिए बाल दिवस पर सबसे प्यारी शायरी लेकर आया है, जिसकी मदद से आप बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं। तो आइये जानते हैं बाल दिवस की टॉप 10 शायरी।
अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गया
घर से चले थे जेब के पैसे गिरा दिए
- नश्तर ख़ानक़ाही
असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझे
कहाँ गया मिरा बचपन ख़राब कर के मुझे
- मुज़्तर ख़ैराबादी
बड़ी हसरत से इंसाँ बचपने को याद करता है
बड़ी हसरत से इंसाँ बचपने को याद करता है
ये फल पक कर दोबारा चाहता है ख़ाम हो जाए
- नुशूर वाहिदी
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे
- निदा फ़ाज़ली
भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे
भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे
बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे
- बेदिल हैदरी
एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर
नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर
- मक़सूद बस्तवी
मेरा बचपन भी साथ ले आया
फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता
जहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता
- अब्बास ताबिश
मेरा बचपन भी साथ ले आया
गाँव से जब भी आ गया कोई
- कैफ़ी आज़मी
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है
- जोश मलीहाबादी
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते
- बशीर बद्र
आप सभी को करियर इंडिया परिवार की तरफ से बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं