भारत में आईआईटी जेईई को सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। बता दें कि आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी) में एडमिशन लेने के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम- जेईई मेन और जेईई एडवांस एग्जाम देना होता है। ये एग्जाम इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए दिया जाता है जिसमें की पीसीबी विषय के साथ 12वीं कक्षा पास करने वाले छात्र छात्र शामिल हो सकते हैं।
आईआईटी जईई एग्जाम की कब तैयारी शुरू करनी चाहिए?
आमतौर पर माता-पिता अपने बच्चों को कक्षा 9वीं, 10वीं से ही प्रेरित करना शुरू कर देते हैं की आईआईटी में एडमिशन लेने के लिए 11वीं कक्षा में मैथ्स के साथ साइंस स्ट्रीम लेना जरूरी है इसलिए उन्हें मन लगाकर पढ़ाई करने की जरूरत है। लेकिन ऐसा करना आवश्यक नहीं है कुछ छात्रों के माता-पिता 12वीं कक्षा होने के बाद अपने बच्चों का एक साल ड्रोपआउट कराकर भी तैयारी कराते हैं। चाहे बात जईई की हो या किसी अन्य कॉम्पिटेटिव एग्जाम की पेपर की तैयारी आपके बच्चे की क्षमता, ज्ञान, रुचि और समझने की शक्ति पर निर्भर करती है। विशेषज्ञों को कहना हैं कि आप अपने बच्चों का 11वीं कक्षा से मार्गदर्शन करना शुरू कर सकते हैं क्योंकि आईआईटी जेईई में कक्षा 11 और 12 दोनों कक्षाओं के सिलेबस से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।
बैंगलोर में 9वीं कक्षा के एक छात्र के माता-पिता के अनुसार, "आईआईटी जेईई की तैयारी कराने वाले ट्यूटर पहले छात्रों को एनटीएसई, विभिन्न प्रतिभा-आधारित एग्जाम, ओलंपियाड आदि के लिए तैयार करते हैं। इन कॉम्पिटेटिव एग्जाम को देने के बाद छात्र आईआईटी जईई जैसे एग्जाम को फेस करने के लिए तैयार हो जाता है जो कि अच्छी बात होती है।"
आईआईटी रुड़की के पूर्व छात्र नवीन कुमार कहते हैं, "मेरे माता-पिता ने मुझे आईआईटी जेईई चुनने के लिए प्रेरित किया, और मैं उस दिशा में आगे बढ़ गया। मुझे आज खुशी है कि मैंने अपने माता-पिता ने मुझे जो सुझाव दिया था उसे चुना। मुझे उस फैसले पर कभी पछतावा नहीं हुआ।" नवीन आज एक आईईएस अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं।
जबकि आईआईएससी बैंगलोर में पीएचडी स्कॉलर पारुल कहती हैं, "ऐसा नहीं था कि मैं आईआईटी जेईई का एग्जाम नहीं दिया था, मैंने एग्जाम दिया था लेकिन मैं इसे पास नहीं कर पाई। जिसके बाद मुझे एहसास हुआ कि इस एग्जाम को क्रैक करने लिए अधिक मेहनत करनी होगी, और मैं अपने जीवन का एक और वर्ष इस एग्जाम की तैयारी के लिए बर्बाद नहीं करना चाहती थी। और मुझे हमेशा से पता था कि मैं कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल जैसी फील्ड में मैं काम नहीं करना चाहती। मैं कुछ ऐसा करना चाहता था जो जीव विज्ञान और इंजीनियरिंग दोनों को जोड़ती हो। नौकरी मेरी प्राथमिकता नहीं थी। मैं हाई स्टडीज करना चाहती था। मैंने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में एमटेक किया। यहां तक कि मैं बायोइंजीनियरिंग में पीएचडी कर रही हूं। मेरे माता-पिता ने मुझसे पूछा कि क्या मैं एक और प्रयास करना चाहती हूं या नहीं या मुझे कोचिंग की आवश्यकता है । और 12वीं पास करने के बाद की उम्र किसी के भी जीवन का एक बहुत ही संवेदनशील समय होता है, इसलिए मैंने उस समय के अवसर के साथ जाने का फैसला किया। मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे जो कुछ भी करना चाहता था, उसमें मुझे प्रोत्साहित किया।"
कोचिंग या सेल्फ स्टडी, ऑनलाइन या ऑफलाइन?
हमेशा अपने बच्चों से पूछें क्योंकि आखिरकार तैयारी उन्हों ही करनी होगी। वे बेहतर जानते हैं कि कौन से तरीके को अपनाकर वे तैयारी कर सकते हैं। अगर आपका बच्चा सेल्फ स्टडी का विकल्प चुन रहा है, तो यह अच्छा है। और अगर वे कोचिंग ज्वाइन करना चाहते हैं तो संस्थानों को शॉर्टलिस्ट करने और उन्हें फाइनेंस करने में उनकी मदद करें। अब मुख्य संघर्ष ऑनलाइन और ऑफलाइन अध्ययन के बीच चयन करने में आता है।
इन मानदंडों के बारे में सोचकर निर्णय लें- 1. सुलभता 2. शुल्क संरचना 3. सलाह 4. स्वास्थ्य (कोविड -19 और मंकीपॉक्स) 5. शिक्षक 6. आपकी जेब से आईआईटी जेईई कोचिंग के लिए किती लागत लगेगी?
"कितने पैसे" सभी मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए एक बड़ा सवाल है। अधिकांश कोचिंग संस्थान कक्षा 9वीं से आईआईटी जेईई की तैयारी शुरू कराते हैं। आपके चुने हुए कोर्स और कक्षा के आधार पर ऑनलाइन कोचिंग खर्च 80,000 रुपये से 1.8 लाख रुपये तक भिन्न होता है।
हालाँकि, ऑफ़लाइन कोचिंग में, इन खर्चों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है-
1. कोचिंग फीस- आपके द्वारा चुने गए कोर्स, अवधि और कक्षा के आधार पर 1.3 लाख से 2.2 लाख तक भिन्न होता है।
2. रहना और खाना- यह हर शहर में अलग-अलग होता है। (औसतन 12,000 रुपये प्रति माह, जो सालाना 1.4 लाख है)
3. अन्य खर्च- यह भी छात्र से छात्र उनके रहने-खाने के अलावा उनके जीवन जीने के तौर-तरीके पर निर्भर करता है। (जिसमें कि औसतन 8000 रुपये प्रति माह है यानि कि सालाना 96,000 तक खर्च होते हैं।)
बता दें कि कुल मिलकार ऑनलाइन कक्षाओं में आपको 2 लाख तक खर्च करना पड़ सकता है, जबकि ऑफ़लाइन कक्षाओं में आपको 4.5 लाख तक खर्च करना पड़ सकता है।
माता-पिता के लिए टिप्स:
प्रिय माता-पिता, क्या आप अपने बच्चे को आईआईटी जेईई एग्जाम के लिए कोचिंग भेजने की प्लेनिंग बना रहे हैं? हमारा सुझाव है कि आप इन बातों का ध्यान रखें-
1. अपने बच्चे की रुचि को ध्यान में रखें। कई माता-पिता अपने बच्चे की पसंद को नजरअंदाज कर देते हैं। उन्हें फैसला करने दें और उनका सपोर्ट सिस्टम बनें। यह आपके बच्चे को जिम्मेदार बनाएगा।
2. उन्हें अगले कुछ महीनों की कीमत समझाएं क्योंकि शहर, आस-पास, अध्ययन संस्कृति, मित्र मंडली और कई अन्य चीजें उनके लिए नई होंगी।
3. अन्य छात्रों के साथ उनके प्रदर्शन/रैंक की तुलना न करें। इसके बजाय, सफल लोगों की कहानियों को सकारात्मक रूप से बताकर उन्हें प्रेरित करें।
4. अगर आपका बच्चा 12वीं कक्षा के साथ इस परीक्षा में शामिल हो रहा है, तो वह दोहरे दबाव से गुजर रहा है। एक बोर्ड परीक्षा और दूसरी प्रतियोगी परीक्षा। वे आपसे समर्थन की अपेक्षा करते हैं।
5. उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करें क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाएं बहुत तनावपूर्ण क्षण लाती हैं। "उन्हें स्कूल में वह सब कुछ सीखने दें जो वे परीक्षा पास करने के लिए सीखते हैं, लेकिन घर पर, जो शिक्षा आप प्रदान करते हैं, वह ऐसी हो जो उनकी धारणाओं को व्यापक करे और उनकी टेंशन को दूर ले जाए।"
- अभिजीत नस्कर