राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि सरकार आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों को मजबूत करने और आवश्यकता के अनुसार उनकी संख्या बढ़ाने का लक्ष्य बना रही है। संसद के संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि पहले भारतीय भाषाओं में पढ़ने वाले छात्रों को अनुचित स्थिति का सामना करना पड़ता था, लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन के साथ अन्याय दूर हो गया है।
मुर्मू ने 18वीं लोकसभा को अपने पहले संबोधन में कहा, "पिछले 10 वर्षों में 7 नए आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 15 नए एम्स, 315 मेडिकल कॉलेज और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं। सरकार का प्रयास है कि इन संस्थानों को और मजबूत किया जाए और आवश्यकता के अनुसार उनकी संख्या बढ़ाई जाए।"
अटल टिंकरिंग लैब्स, स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "अटल टिंकरिंग लैब्स, स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने देश के युवाओं की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद की है। इन प्रयासों के कारण ही आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बन गया है।" उन्होंने कहा कि सरकार इस देश के युवाओं के लिए बड़े सपने देखने और उन सपनों को साकार करने के लिए सक्षम वातावरण बना रही है।
मुर्मू ने कहा, "पहले, भारतीय भाषाओं में अध्ययन करने वाले छात्रों को अनुचित स्थिति का सामना करना पड़ता था। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के साथ, मेरी सरकार इस अन्याय को दूर करने में सक्षम हुई है। अब छात्र भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम कर सकते हैं।" मुर्मू ने प्रमाणपत्रों के स्व-सत्यापन और सरकारी नौकरी की भर्ती की कुछ श्रेणियों के लिए साक्षात्कार को समाप्त करने को सरकार की प्रमुख सुशासन पहलों के रूप में उद्धृत किया।
ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के पदों पर भर्ती
राष्ट्रपति ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में हमारे युवाओं के लिए परेशानी का सबब बनने वाली हर बाधा को दूर कर दिया गया है। पहले युवाओं को अपने प्रमाण पत्रों को सत्यापित कराने के लिए दर-दर भटकना पड़ता था। अब उनका स्व-सत्यापन ही पर्याप्त है। केंद्र सरकार के ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार को समाप्त कर दिया गया है।"
Reform, Perform और Transform का संकल्प
उन्होंने संसद के संयुक्त बैठक में अपनी बातों को रखते हुए कहा, Reform, Perform और Transform के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है। बीते 10 साल में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर पांचवें नंबर पर पहुंचा है। साल 2021 से लेकर साल 2024 के बीच भारत ने औसतन 8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास किया है। और ये ग्रोथ सामान्य समय में नहीं हुई है।
राष्ट्रपति ने कहा बीते वर्षों में हमने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा देखी है। वैश्विक महामारी के कालखंड और विश्व के अलग-अलग कोनों में चल रहे संघर्षों के बावजूद भारत ने ये विकास दर हासिल की है। ये बीते 10 साल के रिफॉर्म्स और राष्ट्रहित में लिए गए बड़े फैसलों के कारण संभव हुआ है। आज भारत अकेले ही दुनिया की ग्रोथ में 15 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। अब मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरे नंबर की इकॉनॉमी बनाने में जुटी हुई है। इस लक्ष्य की प्राप्ति विकसित भारत की नींव को भी मजबूत करने का काम करेगी।