Career in Tool Engineering: बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाएं

कक्षा 12वीं के बाद जो छात्र इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखते हैं उन्हें बता दें कि आज इंजीनियरिंग गिने चुने पारंपरिक कोर्सों तक ही समित नहीं रह गई है। इसमें कई तरह के कोर्स जुड़े हैं और कई ऐसे कोर्स है जिनकी आवश्यकता है और महत्व के बारे में अब समझा गया है। 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में कौनसा विषय चुने क्या करें आदि जैसे सवालों के साथ छात्र इंटरनेट खंगालने में लगे होते हैं ताकि जान सकें कि उनके लिए इंजीनियरिंग में कौनसा स्पेशलाइजेश कोर्स बेहत हो सकता है।

करियर इंडिया के इस लेख के माध्यम से आज हम आपको टूल इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में आवश्यक सारी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। टूल इंजीनियरिंग में नए उपकरणों का डिजाइन, निर्माण और प्लान शामिल होता है। साथ ही पूराने उपकरणों में आगे किस तरह की टेक्नोलॉजी आदि शामिल करने की आवश्यकता है या किस तरह के सुधार कर उन्हें आने वाले समय के लिए और बेहतर बनाया जा सकता है आदि जैसी जानकारी शामिल होती है। इसके साथ एक टूल इंजीनियर का कार्य होता है कि वह इस तरह के टूल का निर्माण करें जिसके रखरखाव में कम लागत लगे और कम देखभाल की आवश्कता हो। आज से व्यस्त जीवन में सभी लोग ऐसे उपकरणों का प्रयोग करना पसंद करते हैं जो लंबे समय तक चले, किफायती हो, देखभाल की अधिक आवश्यकता न हों और कारगर भी हो। जो एक इंजीनियर का लक्ष्य होता है कि वह खरीदारों के अनुसार उपकरणों का निर्माण करें।

Career in Tool Engineering: बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग में करियर कैसे बनाएं

आजके समय के अनुसार बात करें तो टूल इंजीनियरिंग कोर्स काफी डिमांडिंग कोर्स है साथ ही इस क्षेत्र में अच्छे रोजगार के अवसर भी शामिल हैं। क्योंकि काफि कंपनिया एक अच्छे टूल इंजीनियर को नौकरी प्रदान करने के लिए अच्छा निवेश करती है। भारत के साथ -साथ आप विदेशी कंपनियों में भी नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकते हैं और अपने करियर की एक अच्छी शुरुआत कर सकते हैं। आइए आपको कोर्स के बारे में जानकारी दें और बताएं कोर्स और उसके बाद के करियर ऑप्शन के बारे में -

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग कोर्स

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग कोर्स 4 साल की अवधि का अंडरग्रेजुएशन प्रोग्राम है। जिसे साइंस स्ट्रीम के छात्रों द्वारा किया जा सकता है। कोर्स के 4 साल की अवधि का छात्रों की सहायता के लिए सेमेस्टर सिस्टम में बांटा गया है। हर सेमेस्टर 6 माह की अवधि का होता है, जिसके अंत में परीक्षा का आयोजन किया जाता है। टूल इंजीनियरिंग में बीटेक कोर्स की फीस 70 हजार से 2 लाख तक जा सकती है और इससे अधिक भी हो सकती है। ये कोर्स ऑफर करने वाले संस्थान पर और उसके फीस स्ट्रक्चर पर निर्भर करता है।

कोर्स में प्रवेश छात्र केवल प्रवेश परीक्षा और मेरिट आधार पर प्राप्त कर सकते हैं। भारत के कई संस्थान है जो कोर्स में प्रवेश कक्षा 12वीं के अंकों के आधर पर देते हैं वहीं कई संस्थान ऐसे हैं जो प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं और उसके बाद काउंसलिंग प्रक्रिया का आयोजन किया जाता है।

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग योग्यता

- कक्षा 12वीं पास छात्र या बोर्ड की परीक्षा देने वाला छात्र
- कक्षा 12वीं में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक
- 17 से 23 वर्ष की आयु सीमा
- आरक्षित श्रेणी वाले छात्रों के लिए 5 प्रतिशत अंकों की छूट
- पीसीएम विषयों के साथ अंग्रेजी का ज्ञान

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग प्रवेश

कक्षा 12वीं के बाद छात्र कोर्स में प्रवेश मेरिट और प्रवेश परीक्षा दोनों के आधार पर प्राप्त कर सकते हैं, जिसके लिए छात्रों को प्रमुख परीक्षाओं जेईई मेंस और एडवांस, वीआईटीईईई, एसआरएमजेईई, केईएएम और डब्ल्यूबीजेईई की परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। इंजीनियरिंग के कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा राष्ट्र, राज्य और संस्थान के स्तर पर आयोजित की जाती है। जिसमें जिसके बादा काउंसलिंग और इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू की जाती है। मेरिट के आधार पर प्रवेश देने वाले छात्र कोर्स में प्रवेश कक्षा 12वीं में प्राप्त अंकों के आदर पर भी ले सकते हैं उसके लिए उन्हें संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग कोर्स सिलेबस

थ्योरी विषय

  1. अप्लाइड मैथमेटिक्स
  2. अप्लाइड फिजिक्स
  3. मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस
  4. फंडामेंटल ऑफ कंप्यूटर
  5. ह्यूमन वैल्यूज एंड प्रोफेशनल एथिक्स
  6. अप्लाइड केमेस्ट्री
  7. वर्कशॉप प्रेक्टिस
  8. अप्लाइड मैथमेटिक्स टू
  9. अप्लाइड फिजिक्स टू
  10. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
  11. इंजीनियरिंग मैकेनिकल
  12. एनवायरमेंटल स्टडीज
  13. कम्यूनिकेशन सक्लि
  14. इंट्रोडक्शन ऑफ प्रोग्रामिंग
  15. न्यूमेरिकल एनालिसिस
  16. इलेक्ट्रिकल मशीन
  17. प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी
  18. मैटेरियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी
  19. प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी
  20. स्टैटिसटिकल टेक्निक्स
  21. मेटाएलर्जी
  22. फ्लूड मैकेनिक
  23. मैकेनिक्स ऑफ सॉलिड
  24. थ्योरी ऑफ मैकेनिक्स
  25. मशीन टूल्स
  26. मशीन एलिमेंट्स डिजाइन
  27. थर्मल साइंस
  28. मेटल फॉर्मिंग
  29. मेट्रोलॉजी एंड क्वालिटी एश्योरेंस

लैब विषय

  1. अप्लाइड मैथमेटिक्स लैब
  2. अप्लाइड फिजिक्स लैब
  3. फंडामेंटल ऑफ कंप्यूटर लैब
  4. एप्लाइड केमिस्ट्री लैब
  5. इंजीनियरिंग ग्राफिक लैब
  6. एनवायरमेंटल स्टडीज लैब
  7. इंजीनियरिंग मैकेनिकल लैब
  8. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लैब
  9. प्रोग्रामिंग लैब
  10. अप्लाइड फिजिक्स 2 लैब
  11. स्टैटिसटिकल टेक्निक्स लैब
  12. मैकेनिक ऑफ सॉलिड लैब
  13. मशीन ड्राइंग लैब
  14. इलेक्ट्रिकल मशीन लैब
  15. मशीन ड्रॉइंग लैब
  16. थ्योरी ऑफ मशीन लैब
  17. मेट्रोलॉजी लैब
  18. क्वालिटी एश्योरेंस लैब
  19. मशीन एलिमेंट्स डिजाइन लैब

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग कॉलेज और फीस

दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग - 74,000 रुपये
औसत प्लेसमेंट पैकेज - 3,00,000 रुपये
पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय - 78,000 रुपये
औसत प्लेसमेंट पैकेज - 3,60,000 रुपये
आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग - 1,29,000 रुपये
औसत प्लेसमेंट पैकेज - 6,50,000 रुपये
GGSIPU दिल्ली - गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली - 2,56,000 लाख रुपये
थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (टीआईईटी) - 1,20,000 रुपये
औसत प्लेसमेंट पैकेज - 7,00,000
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टूल इंजीनियरिंग, दिल्ली - उपलब्ध नहीं है

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग करियर ऑप्शन

टूल इंजीनियरिंग में बीटेक कोर्स करने के बाद छात्र टूल डिजाइनर, टूल फिटर, डाइ मेकर, जिग क्रिएटर, मोल्ड मेकर, मकैनिकल डिजाइन इंजीनियर और लेक्चरर के पदों पर कार्य कर सकते हैं और सालाना 2 से 4 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं।

बीटेक इन टूल इंजीनियरिंग के बाद टॉप भर्तीकर्ता

  1. टोयोटा
  2. जीई हेल्थकेयर
  3. ऐस डिजाइनर
  4. बीएमडब्ल्यू
  5. टाटा मोटर्स
  6. महिंद्रा लिमिटेड
  7. बजाज ऑटो
  8. ऑडी
  9. मारुति सुजुकी

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English summary
Tool engineering involves the design, manufacture and planning of new tools. Along with this, information like what kind of technology etc. needs to be included in the old equipment or what kind of improvements can be made to make them better for the coming times, etc. is included. In addition, it is the job of a tool engineer to design a tool that costs less to maintain and requires less care.
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