भारत में हर साल बजट सत्र के दौरान केंद्रीय बजट पेश होने से पहले आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है? इसे कौन तैयार करता है? आर्थिक सर्वेक्षण क्यों किया जाता है? आर्थिक सर्वेक्षण के फायदे क्या हैं? यदि नहीं, तो हमारा आज का यह आर्टिकल अवश्य पढ़ें। जिसमें की हमने एक-एक इन सभी सवालों का विस्तार से जवाब दिया है।
भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में केंद्रीय बजट के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया गया था। जिसके बाद 1964 में इसे बजट से अलग कर दिया गया और तब से लेकर अब तक हर साल बजट पेश करने से पहले बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
भारत का आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय, भारत सरकार का एक वार्षिक दस्तावेज है जो कि हर साल संसद में वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट से ठीक पहले प्रस्तुत किया जाता है। इसे भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है। यह दस्तावेज़ बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किया जाता है। सरल शब्दों में, भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण, आम बजट से एक दिन पहले जारी किया जाने वाला दस्तावेज़, वित्त मंत्रालय की प्रमुख वार्षिक रिपोर्ट होती है।
आर्थिक सर्वेक्षण क्यों किया जाता है?
आर्थिक सर्वेक्षण इसलिए किया जाता है ताकि आम लोगों को देश के आर्थिक मामलों की स्थिति से और सरकार के प्रमुख आर्थिक निर्णयों से अवगत कराया जा सके जो उनके जीवन को काफी हद तक प्रभावित करते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण सरकार को नीतिगत बदलावों की भी सिफारिश करता है, जो हालांकि, बाध्यकारी नहीं हैं बल्कि राष्ट्रीय नीतियों को तैयार करने में केवल एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करते हैं। इसमें देश के आर्थिक विकास और प्रक्षेपण को रेखांकित करने वाले कारणों के बारे में पूर्वानुमान शामिल हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण कौन तैयार करता है?
आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार के समग्र मार्गदर्शन में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अर्थशास्त्र प्रभाग द्वारा तैयार किया जाता है और इसे वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित किए जाने के बाद जारी किया जाता है।
आर्थिक सर्वेक्षण के फायदे क्या है?
गौरतलब है कि आर्थिक सर्वेक्षण देश में आर्थिक रुझानों को सामने लाता है और केंद्रीय बजट में संसाधनों को जुटाने और उनके आवंटन की बेहतर सराहना की सुविधा प्रदान करता है। यह सर्वेक्षण कृषि और औद्योगिक उत्पादन, बुनियादी ढांचे, रोजगार, धन की आपूर्ति, कीमतों, आयात, निर्यात, विदेशी मुद्रा भंडार और अन्य प्रासंगिक आर्थिक कारकों के रुझानों का विश्लेषण करता है जो बजट को प्रभावित करते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण द्वारा यह आकंलन किया जाता है कि देश में कहां नुकसान हुआ और कहां फायदा।
बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण क्यों पेश किया जाता है?
बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण इसलिए पेश किया जाता है चूंकि आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था के समग्र प्रदर्शन का विश्लेषण करता है, इसलिए यह केंद्रीय बजट की बेहतर समझ प्रदान करने में मदद करता है। यह अनिवार्य रूप से अगले वित्तीय वर्ष के लिए देश की प्राथमिकता को समझने में मदद करता है और केंद्रीय बजट में किन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज में क्या होता है?
आर्थिक सर्वेक्षण सर्वेक्षण के दस्तावेज दो भाग में होते हैं - एक में देश के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियां शामिल होती हैं जबकि दूसरे ममें पिछले वर्ष की समीक्षा होती है।
क्या आर्थिक सर्वेक्षण पेश करना सरकार के लिए बाध्यकारी है?
नहीं, संविधान में इसका कहीं उल्लेख नहीं है बल्कि यह एक सरकारी प्रथा का हिस्सा है।
आर्थिक सर्वेक्षण कहां मिल सकता है?
यह दस्तावेज़ वित्त मंत्रालय की वेबसाइट finmin.nic.in या विशेष रूप से केंद्रीय बजट के लिए डिज़ाइन की गई वेबसाइट www.indiabudget.gov.in पर पीडीएफ फॉर्म में उपलब्ध है।
क्या भारत एकमात्र देश है जो वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करता है?
नहीं, दुनिया में भारत समेत ऐसे कई देश हैं जो वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करते हैं जैसे कि अमेरिका, स्कैंडिनेवियाई देश और यूरोपीय संघ के देशों आदि।
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