Raksha Bandhan Fest 2023: रक्षाबंधन की शुरुआत कैस हुई थी, क्या है परम्परा और इससे जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं

Raksha Bandhan 2023: असल में देखा जाए तो भाई-बहन का नाम सुनते ही दिमाग में टॉम एंड जेरी वाला कैरेक्टर आ जाता है। क्योंकि हमेशा ही इनके बीच छोटी-मोटी लड़ाई देखने को मिल ही जाती है। देखने में ऐसा लगता है जैसे ये एक-दूसरे से हद से ज्यादा नफरत करते हैं लेकिन जब इन दोनों में किसी एक का भी चेहरा उतरा हुआ हो तो दूसरा तुरंत उनके बारे में पूछना शुरू कर देता है। उस दौरान इनका प्यार देखने लायक होता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि इस खास पर्व की शुरुआत कब और कैसे हुई?

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन की शुरुआत कैस हुई थी, क्या है परम्परा और इससे जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं

रक्षाबंधन की शुरुआत

रक्षाबंधन का पर्व न सिर्फ हमारे देश में बल्कि कई देशों में मनाया जाता है। प्राचीन काल से मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर कई कहानियां व कथाएं प्रचलित हैं। तो आइए जानते हैं कैसे हुई रक्षाबंधन की शुरुआत और क्या है इनसे जुड़ी पौराणिक कथाएं..

1. राजा बलि और भगवान विष्णु के वामन अवतार वाली कहानी तो आपने सुनी ही होगी कि कैसे 2 पग में ही पूरी धरती और आकाश को नाप दिया था। फिर जैसे ही तीसरे पग की बारी आई तो राजा बलि ने भगवान विष्णु के चरणों में अपना सिर रख दिया और उनसे एक वरदान मांगा कि वह सोते-उठते-बैठते हमेशा ही उन्हें देख सकें। ऐसे में भगवान विष्णु राजा बलि के साथ रहने लगे। इससे माता लक्ष्मी काफी परेशान हुई और अपनी सारी समस्या नारद जी को बताया। ऐसे में नारद जी ने राजा बलि को राखी बांधने की सलाह दी। फिर माता लक्ष्मी राजा बलि के पास पहुंची और उन्हें राखी बांधते हुए राजा बलि से भगवान विष्णु को मुक्त करने का वचन लिया और तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाए जाने लगा।

2. मान्यता है कि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने 100 गाली देने पर राजा शिशुपाल का सुदर्शन चक्र से वध कर दिया था, इस दौरान उनकी उंगली से खून बहने लगा था। इस पर वहां मौजूद द्रौपदी ने अपने साड़ी को फाड़ा और उसका एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली में बांध दिया, इसके बाद श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को हर संकट से बचाने का वचन दिया। तभी से रक्षाबंधन का पर्व मनाए जाने लगा।

क्या है परम्परा?

रक्षाबंधन के पर्व के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर धागा बांधती हैं, जिसे रक्षासूत्र भी कहा जाता है। इस दौरान भाई अपनी बहन को उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। यह त्योहार भारत के सबसे प्रसिद्ध व प्रमुख त्योहारों में से एक है। भाई-बहन को समर्पित और उनके अटूट रिश्ते को दर्शाती यह पर्व एक रक्षा सूत्र से दोनों को जोड़ने का काम करती है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर जो रक्षासूत्र बांधती हैं, उसे हम राखी भी कहते हैं। इस दिन बहनें अपने भाईयों के लिए सुबह से व्रत रखती हैं और राखी बांधने के बाद ही अपना व्रत तोड़ती है।

रक्षाबंधन से जुड़ी ऐतिहासिक घटना

रक्षाबंधन से इतिहास से भी काफी गहरा नाता रहा है। दरअसल, चित्तौड़ पर गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने आक्रमण कर दिया था। ऐसे में चित्तौड़ की रानी कर्णवती ने इस आक्रमण से अपने राज्य की रक्षा के लिए सम्राट हुमायूं को एक पत्र लिख राखी साथ रखकर भेजा और रक्षा करने का अनुरोध किया। ऐसे में हुमायूं ने रानी कर्णवती के पत्र और उनकी राखी को स्वीकार करते हुए रानी कर्णवती की रक्षा के लिए चित्तौड़ रवाना हो गए। हालांकि, हुमायूं के पहुंचने से पहले ही रानी कर्णवती ने आत्महत्या कर ली थी। तब से ही रक्षाबंधन के इस पर्व की शुरुआत मानी जाती है।

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English summary
Raksha Bandhan 2023: The biggest festival of Hinduism, which reflects the love of brother and sister. But at least few people know about how this day started and who did it. There are many mythological stories about Raksha Bandhan, about which we will tell through this article today. Let's find out...
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