राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस थीम, इतिहास और महत्व| National Statistics Day 2024 Date, theme, history

National Statistics Day 2024 Date, Theme, History, Significance: राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाये जाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2007 में लिया गया। भारतीय सांख्यिकी के अग्रणी प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस के योगदान को याद करते हुए हर साल 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। सामाजिक-आर्थिक नियोजन और देश की नीति निर्माण में सांख्यिकी के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस थीम, इतिहास और महत्व| National Statistics Day 2024 Date, theme, history

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस सांख्यिकीय योगदान को पहचानने और सांख्यिकीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस सांख्यिकीविद प्रोफेसर पीसी महालनोबिस के अमूल्य योगदान को याद करते हुए उनके सम्मान में और उन्हें श्रद्धांजलि देते के उद्देश्य से मनाया जाता है। यह दिन हमारे उज्जवल भविष्य को आकार देने में सांख्यिकी की आवश्यक भूमिका को चिह्नित करता है। सांख्यिकीय साक्षरता को बढ़ावा देने, अभिनव अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और उच्च गुणवत्ता वाले डेटा का समर्थन करता है।

यहां इस लेख में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस तिथि, थीम, इतिहास और महत्व का विस्तार से वर्णन किया जा रहा है। यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और भारत में मनाये जाने वाले महत्वपूर्ण दिवसों की विस्तृत जानकारी पर लेख पढ़ना चाहते हैं तो राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पर करियर इंडिया द्वारा पेश किये जा रहे इस लेख को अवश्य पढ़ें।

इस लेख की मदद से आप परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए नोट्स भी बना सकते हैं। वहीं स्कूलों एवं कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस पर आयोजित किये जाने वाले निबंध, भाषण, क्विज प्रतियोगिता की अच्छी तैयारी के लिए इस लेख से सहायता ले सकते हैं। आइए जानें भारत में 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? कौन हैं प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस? और राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस तिथि, थीम, इतिहास और महत्व के बारे में विस्तार से-

National Statistics Day 2024 तिथि और थीम

तिथि: राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 29 जून को प्रोफेसर पी.सी. महालनोबिस की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
थीम 2024: "इस वर्ष, 2024 में, राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस शनिवार, 29 जून को "निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग" थीम के तहत मनाया जायेगा।"

कौन थें प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस?

प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कलकत्ता, अब कोलकाता में हुआ। वे एक भारतीय सांख्यिकीविद थे। उन्होंने महालनोबिस दूरी तैयार की और दूसरी पंचवर्षीय योजना अर्थात वर्ष 1956 से 61 के दौरान औद्योगीकरण के लिए भारत की रणनीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत के पहले योजना आयोग के सदस्यों में से एक, महालनोबिस ने 1931 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विज्ञान में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस की स्थापना भारत सरकार द्वारा 2007 में प्रोफेसर पी सी महालनोबिस के असाधारण योगदान को सम्मानित करने के लिए की गई थी। महालनोबिस को अक्सर "भारतीय सांख्यिकी के जनक" के रूप में जाना जाता है। सांख्यिकी के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व कार्य ने देश में आधुनिक सांख्यिकीय प्रथाओं की नींव रखी। उनके अतुल्य कार्यों में महालनोबिस डिस्टेंस का विकास और भारत की दूसरी पंचवर्षीय योजना तैयार करने में उनकी भूमिका शामिल है।

29 जून का महत्व क्या है?

29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में चुना जाना प्रो प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती मनाई जाती है। भारत में प्रो महालनोबिस की जन्म जयंती के दिन को ही राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है। सांख्यिकी में उनके योगदान और प्रभावी योजना और नीति निर्माण के लिए सांख्यिकीय विधियों का उपयोग करने पर उनके जोर को इस दिन मुख्य रूप से याद किया जाता है।

यहां पढ़ें- National Statistics Day 2024: हर साल 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का महत्व

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस प्रो महालनोबिस समेत भारत के सभी अन्य सांख्यिकीविदों के कार्यों का सराहना करने और सम्मान के लिए मनया जाता है। यह दिन उन सांख्यिकीविदों को समर्पित हैं, जिनके काम ने अर्थशास्त्र, सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। यह सांख्यिकीय विज्ञान और कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका को स्वीकार करता है।

इस दिन का उद्देश्य रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सांख्यिकी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह आम जनता, नीति निर्माताओं और छात्रों के बीच सांख्यिकीय साक्षरता की आवश्यकता पर जोर देता है। इसके साथ ही यह दिन सूचित निर्णय लेने के लिए सांख्यिकीय डेटा के उपयोग को प्रोत्साहित करता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस प्रभावी नीतियों और कार्यक्रमों को तैयार करने में सांख्यिकी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामाजिक-आर्थिक रुझानों को समझने, जरूरतों की पहचान करने और हस्तक्षेपों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए सटीक सांख्यिकीय डेटा आवश्यक है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का यह उत्सव सांख्यिकीय विधियों में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देता है। यह सांख्यिकीविदों को समकालीन चुनौतियों, जैसे जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और आर्थिक उतार-चढ़ाव को संबोधित करने के लिए नई तकनीकों और उपकरणों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस उच्च गुणवत्ता वाले, विश्वसनीय डेटा के संग्रह, विश्लेषण और प्रसारण का भी समर्थन करता है। यह सटीक और विश्वसनीय सांख्यिकीय आउटपुट सुनिश्चित करने के लिए डेटा अखंडता और पारदर्शिता बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस कैसे मनाया जाता है?

1. शैक्षणिक संस्थान, सरकारी एजेंसियाँ और सांख्यिकीय संगठन सांख्यिकीय विज्ञान में प्रगति पर चर्चा करने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और डेटा विश्लेषण में उभरते रुझानों का पता लगाने के लिए सम्मेलन, सेमिनार और कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं।

2. इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उत्कृष्ट सांख्यिकीविदों और शोधकर्ताओं को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। ये मान्यताएँ युवा सांख्यिकीविदों को प्रेरित करती हैं और सांख्यिकीय अनुसंधान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देती हैं।

3. स्कूल और कॉलेजों में छात्रों में सांख्यिकी की समझ को बढ़ाने के लिए व्याख्यान, प्रश्नोत्तरी और निबंध प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य सांख्यिकीय करियर में रुचि बढ़ाना और सांख्यिकीय शिक्षा को प्रोत्साहित करना है।

4. विभिन्न क्षेत्रों में सांख्यिकी की भूमिका को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया पहल, वेबिनार और प्रदर्शनियों सहित जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इन अभियानों का उद्देश्य सांख्यिकी को रहस्य से मुक्त करना और रोज़मर्रा के निर्णय लेने में इसकी प्रासंगिकता को बढ़ावा देना है।

5. सरकारी एजेंसियां अक्सर इस दिन प्रमुख सांख्यिकीय रिपोर्ट और प्रकाशन जारी करती हैं। ये रिपोर्ट जनसांख्यिकीय, आर्थिक और सामाजिक रुझानों के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान करती हैं। यह नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं की सहायता करती हैं। चुनौतियों और सामाजिक-आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में मदद करती हैं।

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English summary
National Statistics Day is celebrated in India every year on June 29. The day honors the contributions of statistics in various fields and commemorates the birth anniversary of Prof. Prasanta Chandra Mahalanobis, a pioneer in the field of statistics. Here's an overview of the date, theme, history, and significance of National Statistics Day 2024.
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