Happy Birthday Bhajji: हरभजन सिंह, जिन्हें प्यार से 'भज्जी' के नाम से जाना जाता है, भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रतिष्ठित और सफल स्पिन गेंदबाजों में से एक हैं। उनका जन्म 3 जुलाई 1980 को जालंधर, पंजाब में हुआ था। हरभजन ने अपने करियर में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कई महत्वपूर्ण और यादगार प्रदर्शन किए हैं।
चलिए आज के इस लेख में आपको हरभजन सिंह के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर उनके करियर, पारिवारिक जीवन, उपलब्धियां और रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं। साथ ही हम उनके पढ़ाई-लिखाई के बारे में भी बताएंगे कि हरभजन सिंह की एजुकेशन क्वालिफिकेशन क्या है?
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प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
हरभजन सिंह का जन्म एक मध्यम वर्गीय सिख परिवार में हुआ। उनके पिता, सरदार संतोख सिंह प्लाहा, एक व्यवसायी थे। हरभजन ने कम उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर स्थानीय क्रिकेट में जल्दी ही पहचान बना ली। उनके कोच, चंद्रकांत पंडित, ने उनकी गेंदबाजी की प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हरभजन ने घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलते हुए अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया।
एजुकेशन क्वालिफिकेशन
हरभजन सिंह ने अपनी शिक्षा की शुरुआत पंजाब के जालंधर में की थी। हालांकि, उनका अधिकांश समय क्रिकेट खेलने में ही बीता, जिसके कारण उनकी औपचारिक शिक्षा सीमित रही। क्रिकेट करियर की वजह से वे उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और क्रिकेट में उत्कृष्टता के जरिए नाम कमाया।
हरभजन ने अपने करियर की शुरुआत से ही क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित किया और अपने खेल के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने 10वीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की है, इसके बाद उन्होंने क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए पढ़ाई छोड़ दी।
अंतरराष्ट्रीय करियर
हरभजन सिंह ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की। हालांकि उनके शुरुआती कुछ साल संघर्षपूर्ण रहे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से टीम में अपनी जगह पक्की की।
1. 2001 का ऑस्ट्रेलिया दौरा:
हरभजन के करियर का निर्णायक मोड़ 2001 में आया जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर आई थी। कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए ऐतिहासिक टेस्ट मैच में हरभजन ने हैट्रिक ली और कुल 13 विकेट चटकाए। उनकी इस प्रदर्शन ने भारत को मैच जीतने में मदद की और यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास के सबसे यादगार मैचों में से एक बन गया। इस सीरीज में हरभजन ने कुल 32 विकेट लिए और मैन ऑफ द सीरीज बने।
2. अन्य महत्वपूर्ण प्रदर्शन:
हरभजन सिंह ने अपने करियर में कई अन्य महत्वपूर्ण मैचों में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए टेस्ट मैच में 5 विकेट लिए और भारत को जीत दिलाई। 2008 में सिडनी टेस्ट में उनके और एंड्रयू सायमंड्स के बीच विवाद ने भी काफी सुर्खियां बटोरीं।
3. वनडे और टी20 करियर:
हरभजन ने वनडे क्रिकेट में भी अपनी जगह बनाई और 2003 विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे। उन्होंने 2011 के विश्व कप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां भारत ने खिताब जीता। टी20 में भी उन्होंने 2007 में भारत के पहले टी20 विश्व कप जीतने में अहम योगदान दिया।
उपलब्धियां और रिकॉर्ड
हरभजन सिंह ने अपने करियर में कई रिकॉर्ड बनाए और तोड़े हैं। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 400 से अधिक विकेट हैं, जिससे वह इस मुकाम को हासिल करने वाले पहले भारतीय ऑफ-स्पिनर बने। वनडे क्रिकेट में भी उन्होंने 250 से अधिक विकेट लिए हैं।
हरभजन सिंह का पारिवारिक जीवन
हरभजन सिंह ने 2015 में गीता बसरा से शादी की, जो एक बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। इस दंपति की एक बेटी और एक बेटा है। हरभजन का व्यक्तित्व मैदान के बाहर भी बहुत लोकप्रिय है। वह अपने मस्तमौला स्वभाव और हंसमुख व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं।
विवाद और आलोचना
हरभजन सिंह का करियर विवादों से भी अछूता नहीं रहा है। 2008 के सिडनी टेस्ट में एंड्रयू सायमंड्स के साथ उनका विवाद काफी चर्चित रहा। इसके अलावा, 2008 में ही आईपीएल के दौरान श्रीसंत को थप्पड़ मारने की घटना ने भी काफी सुर्खियां बटोरीं।
वर्तमान जीवन और योगदान
हरभजन सिंह ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कमेंट्री और टीवी शो में भी हाथ आजमाया है। वह क्रिकेट विश्लेषक के रूप में भी कार्य करते हैं और युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हैं। आईपीएल में उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए भी खेला है।
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हरभजन सिंह का क्रिकेट करियर संघर्ष, मेहनत और उपलब्धियों से भरा हुआ है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को कई गौरवमयी पल दिए हैं और अपनी गेंदबाजी के जादू से दुनियाभर के बल्लेबाजों को परेशान किया है। उनकी कहानी युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हरभजन सिंह ने अपनी मेहनत और जुनून से यह साबित कर दिया कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।