Ram Vilas Paswan Jayanti: राम विलास पासवान भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नेता थे। उनका जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में हुआ था। पासवान का राजनीतिक सफर और सामाजिक योगदान उन्हें भारतीय राजनीति में एक अद्वितीय स्थान दिलाता है।
![कौन थे राम विलास पासवान? यहां जानें उनके करियर, शिक्षा और निधन के बारे में.. कौन थे राम विलास पासवान? यहां जानें उनके करियर, शिक्षा और निधन के बारे में..](https://images.careerindia.com/hi/img/2024/07/ramvilaspaswan2-1720076420.jpg)
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
राम विलास पासवान का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, लेकिन पासवान ने अपनी शिक्षा में कभी कोई कमी नहीं आने दी। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
राजनीतिक करियर
राम विलास पासवान का राजनीतिक करियर 1969 में शुरू हुआ जब वे संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से बिहार विधानसभा के सदस्य बने। इसके बाद वे 1974 में लोकदल में शामिल हुए और 1977 में जनता पार्टी से पहली बार लोकसभा के सदस्य बने। उनकी सबसे बड़ी पहचान 1977 के आम चुनावों में बनी जब उन्होंने हाजीपुर लोकसभा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की।
मंत्री के रूप में कार्यकाल
राम विलास पासवान ने विभिन्न सरकारों में महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। उन्होंने पहली बार 1989 में वीपी सिंह सरकार में श्रम और कल्याण मंत्री का पद संभाला। इसके बाद उन्होंने विभिन्न समयों पर रेल, दूरसंचार, कोयला, खनन, इस्पात और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाला।
उनके कार्यकाल में, पासवान ने कई महत्वपूर्ण नीतियों और सुधारों की शुरुआत की। उन्होंने रेल मंत्री के रूप में कई नई ट्रेन सेवाएं शुरू कीं और रेल नेटवर्क के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपभोक्ता मामलों के मंत्री के रूप में उन्होंने उपभोक्ता संरक्षण कानूनों को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए।
सामाजिक योगदान
राम विलास पासवान हमेशा से दलित और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्षरत रहे। उन्होंने दलितों और अन्य कमजोर वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कई प्रयास किए। पासवान का मानना था कि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर और अधिकार मिलने चाहिए।
व्यक्तिगत जीवन
राम विलास पासवान का निजी जीवन भी कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा। उनकी दो शादियां हुईं। पहली पत्नी राजकुमारी देवी से उनके दो बेटियां हैं। बाद में उन्होंने रीना शर्मा से विवाह किया, जिससे उनके एक बेटा चिराग पासवान और एक बेटी है। चिराग पासवान भी राजनीति में सक्रिय हैं और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष रहे हैं।
निधन
राम विलास पासवान का निधन 8 अक्टूबर 2020 को नई दिल्ली में हुआ। उनके निधन पर देशभर में शोक की लहर दौड़ गई और उन्हें एक सच्चे जननेता के रूप में याद किया गया।
राम विलास पासवान का जीवन और करियर भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण अध्याय हैं। उन्होंने न केवल एक राजनीतिज्ञ के रूप में बल्कि एक समाज सुधारक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और भारतीय राजनीति में उनकी भूमिका को हमेशा सराहा जाएगा। पासवान की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने समाज के सबसे कमजोर वर्गों की आवाज को न केवल उठाया, बल्कि उनके जीवन में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास किए। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी कठिनाई को पार कर समाज और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है।