भारतीय सेना दिवस 2023: भारत और चीन दोनों ही देश एशिया के सबसे मजबूत देशों के रूप में जाने जाते है। सन् 1962 में जब भारत और चीन का एकमात्र युद्ध हुआ था तब चीन ने भारत पर पीछे से वार कर इस युद्ध में जीत हासिल की थी। जिस वजह से भारत आज तक चीन पर भरोसा नहीं करता है।
यदि बात करें दोनो देशों के वर्तमान संबंधों की तो भारत और चीन के बीच संबंध बिगड़ते जा रहे हैं। हिमालयी क्षेत्र में अपनी विवादित सीमा पर दो विश्व शक्तियां एक-दूसरे के खिलाफ आमने-सामने हैं। जिसका मूल कारण 3,440 किमी (2,100 मील) लंबी एक विवादित सीमा है। दोनों देश इस सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा के रूप में भी जाना जाता है। भारत द्वारा उच्च ऊंचाई वाले हवाई ठिकाने के लिए एक नई सड़क के निर्माण को चीनी सैनिकों के साथ 2020 में घातक संघर्ष के लिए मुख्य ट्रिगर्स में से एक के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि 14 सितंबर 2020 को हुई लोकसभा के दौरान रक्षा मंत्रायल से चीन के साथ सीमा झड़प के दौरान घातक युद्ध हताहत के बारे में सवाल पूछा। जिसके जवाब में उत्तम कुमार नालमदा रेड्डी ने 2014 से 14.9.2020 तक शहीद हुए सैनिकों की संख्या- कुल 20 बताई।
भारत और चीन के बीच सुलगते तनाव में वृद्धि का जोखिम शामिल है और यह विनाशकारी हो सकता है क्योंकि दोनों पक्ष स्थापित परमाणु शक्तियां हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि भारत और चीन के बीच तनाव को रोकने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है क्योंकि दोनों देशों के पास खोने के लिए बहुत कुछ है। दरअसल, चीन भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है और यदि दोनों देशों के बीच और तनाव बढ़ता है दोनों ही देशों में आर्थिक गिरावट भी होगी।
बता दें कि सैन्य गतिरोध बढ़ते राजनीतिक तनाव से परिलक्षित होता है, जिसने भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया है।
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