बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध कैलेंडर के अनुसार सबसे पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन को भारत में वैसाक या विसाख पूजा के रूप में भी जाना जाता है, जबकि थाईलैंड में इस दिन को विशाखा बुका, इंडोनेशिया में वैसाक और श्रीलंका और मलेशिया में वेसाक कहा जाता है।
बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा लीप वर्ष को छोड़कर मई में पहली पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। और इस वर्ष 130 साल बाद 5 मई 2023 को बुद्ध पूर्णिमा चंद्र ग्रहण के दिन मनाई जा रही है। आज के इस लेख में हम आपके लिए बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर 10 लाइन लेकर आएं है।
बुद्ध पूर्णिमा पर 10 लाइनें| 10 Lines on Buddha Purnima 2023
1. बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के बीच एक प्रमुख त्योहार है, जिस दिन वे गौतम बुद्ध की जयंती, पुण्यतिथि और ज्ञान प्राप्ति का जश्न मनाते हैं।
2. गौतम बुद्ध सबसे सम्मानित आध्यात्मिक शिक्षकों में से एक थे, जिन्होंने 'बौद्ध धर्म' नामक एक नए धर्म की स्थापना की थी।
3. ज्ञान प्राप्त करने से पहले गौतम बुद्ध को सिद्धार्थ के नाम से जाना जाता था।
4. वैसे तो गौतम बुद्ध की वास्तविक जन्मतिथि के बारे में कोई नहीं जानता लेकिन इतिहासकारों के अनुसार इनका जन्म 563 ई.पू. हुआ था।
5. गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी, कपिलवस्तु, नेपाल में एक बहुत ही समृद्ध और सम्मानित परिवार में हुआ था। उनके पिता कपिलवस्तु के शासक थे।
6. गौतम बुद्ध का विवाह 'यशोधरा' से हुआ था, जिनसे उनका 'राहु' नाम का एक बच्चा भी हुआ। लेकिन वे घर-परिवार सभी को पीछे छोड़कर सत्य की खोज में हिमालय चले गए थे।
7. हिमालय पहुंचने के बाद गौतम बुद्ध ने 12 वर्षों तक एक बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान किया। यह हिस्सा उनके जीवन का सबसे अहम हिस्सा है। इस ध्यान ने उनका जीवन बदल दिया।
8. गौतम बुद्ध को हिमालय पर आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त हुई। और जिस पेड़ के नीचे वे ध्यान करते थे उस पेड़ के नाम के कारण इन्हें 'हे गॉट बोधि' कहा जाता है। बोधि का अर्थ है आत्मज्ञान या कोई आध्यात्मिक शक्ति जो सामान्य लोगों के पास नहीं होती।
9. बोधगया बौद्ध लोगों के लिए सबसे बड़े तीर्थों में से एक है। उनके लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण स्थान लुंबिनी, सारनाथ, कुशीनगर आदि हैं।
10. बुद्ध पूर्णिमा भारत, नेपाल समेत पूरी दुनिया में मनाए जाने वाला एक बहुत बड़ा उत्सव है जिसे लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।