Skill Tips For Students Kids Childs In Hindi: बच्चों को स्कूल स्टडीज के साथ कुछ लाइफ स्किल्स को पढ़ाना भी जरूरी है। इससे आगे चलकर उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। जानिए, वो कौन सी लाइफ स्किल्स हैं, जिनको बच्चों को सिखाना जरूरी है। सभी पैरेंट्स की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा पढ़ाई-लिखाई में खूब होशियार हो, स्कूल एक्टिविटीज में ऑलराउंडर हो। उसे ऐसा बनाने के लिए वे हर संभव प्रयास करते हैं, बच्चे की हेल्प करते हैं। लेकिन इस कोशिश में कई बार वे अपने बच्चे को व्यावहारिक जीवन में काम आने वाली छोटी-छोटी बातों या लाइफ स्किल्स को सिखाना भूल जाते हैं। उनकी सोच यही रहती है कि बच्चा बड़ा होकर अपने-आप लाइफ स्किल्स सीख लेगा या जरूरत पड़ने पर उसे सब कुछ आ जाएगा। लेकिन यह सोच सही नहीं है। आपको अपने बच्चों को शुरुआत से ही कुछ लाइफ स्किल्स यानी जीवन के लिए जरूरी पाठ सिखाने चाहिए।
अपने काम करने की आदत
बच्चे को कम उम्र से ही अपने काम खुद करने की आदत डालनी चाहिए। अपने हाइजीन का ख्याल रखना, उन्हें शुरुआत से पैरेंट्स को सिखाना चाहिए। साथ ही उनको खुद की स्टडी टेबल, कमरा ठीक तरह से रखना, अपने खिलौने संभालना जैसे काम भी करने को कहना चाहिए। भले ही इन कामों को करने में उन्हें टाइम लगे, लेकिन उन्हें करने देना चाहिए। हां, पैरेंट्स अपनी गाइडेंस जरूर दे सकते हैं। इस तरह बच्चे को छोटे-छोटे काम सौंपकर आप उन्हें कॉन्फिडेंट, रेस्पॉन्सिबल बना सकती हैं। अगर एक बार बच्चे ने जिम्मेदारी से अपने काम को करना सीख लिया तो यह स्किल जिंदगी भर हर जगह उसके काम आएगी।
कुकिंग स्किल्स
पैरेंट्स खेल-खेल में बच्चों को अपने साथ कुकिंग स्किल्स भी सीखा सकते हैं। जैसे-नाश्ता बनाना, सब्जी काटना, चाय बनाना, रोटी बनाना जैसे काम आसानी से सिखाए जा सकते हैं। इस काम में बच्चों को मजा भी आएगा। कुकिंग, घर की क्लीनिंग की आदत उनमें होगी तो कभी पढ़ाई के लिए दूसरी जगह जाने पर, बच्चों को इससे जुड़ी कोई समस्या नहीं आएगी।
टाइम मैनेजमेंट
बहुत जरूरी है कि कम उम्र से ही बच्चे को टाइम मैनेजमेंट सिखाया जाए। वह अपने टाइम का सही इस्तेमाल करके ही हर काम समय पर पूरा कर पाएगा, सफल हो पाएगा। इसके लिए उसे सुबह स्कूल जाने और दिन भर किए जाने वाले काम की सूची बनाने को कहें। सुबह ठीक समय पर उठने के लिए रात को अलार्म लगाने और खुद उठने की आदत डालें। स्कूल से आने के बाद बच्चे को पढ़ाई करना, फ्री टाइम में गेम्स खेलना या एक्सट्रा एक्टिविटीज का टाइम-शेड्यूल मैनेज करना सिखाएं। आगे चलकर ये आदतें उसके बहुत काम आएंगी।
मनी की इंपॉर्टेंस
अपने बच्चे को पैसे की वैल्यू भी जरूर बतानी-समझानी चाहिए। पॉकेट मनी का सही इस्तेमाल कैसे करना है, यह उन्हें जरूर बताएं। अपने लिए खाने-पीने की हेल्दी चीजों या जरूरी सामान लेने पर खर्च कैसे करना चाहिए, यह भी बताना चाहिए। उन्हें एटीएम से लेकर बैंक रिलेटेड सारी बातों की जानकारी देनी चाहिए। इनका इस्तेमाल करना सिखाना चाहिए।
इमरजेंसी सिचुएशन का सामना
कई बार अनचाही दुर्घटना घटने पर बच्चों को पता नहीं होता कि उससे कैसे निपटना है। ऐसी कंडीशन में बच्चा घबरा जाता है। पैरेंट्स को बच्चे को कम उम्र में ही इमरजेंसी सिचुएशन का सामना करना सिखाना चाहिए। जैसे-शॉट सर्किट की वजह से घर में आग लगने की कंडीशन में बच्चे को सिखाना चाहिए कि आग बुझाने के लिए उस पर पानी नहीं डालना है। इससे करंट लग सकता है, कोई अनहोनी हो सकती है। इसके बजाय उन्हें मेन-मीटर ऑफ करना पता होना चाहिए। इसी तरह बच्चे को सिखाना चाहिए कि भूकंप आने पर, घर के सदस्य की अचानक तबियत खराब होने पर क्या करना है, फस्ट एड बॉक्स यूज कैसे करना है, यह सब सिखाना चाहिए।
सेल्फ डिफेंस की नॉलेज
बच्चे को अपनी एक्टिविटीज या खेलने के लिए अकेले बाहर जाना ही पड़ता है। ऐसे में उनका सामना ऐसे अनजान असामाजिक लोगों से हो सकता है, जिनके इरादे अच्छे नहीं होते हैं। ऐसे में बच्चे को बताना चाहिए कि किसी भी अनजान इंसान से एक लिमिट में ही बात करनी है। अपनी पर्सनल चीजें शेयर नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा अनहोनी से बचने के लिए बच्चे को बचपन से ही सेल्फ डिफेंस टेक्नीक जरूर सिखानी चाहिए।