Career in LLM Corporate Law 2023: एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ में कैसे बनाएं करियर

एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ इन दिनों छात्रों द्वारा चुने गए सबसे लोकप्रिय कानूनी विनिर्देशों में से एक है। एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ उन उम्मीदवारों के लिए 2 साल की पोस्ट-ग्रेजुएट लॉ डिग्री है, जो कॉर्पोरेट लॉ के क्षेत्र में करियर बनाने की ख्वाहिश रखते हैं। इस कोर्स में छात्रों को कंपनी कानून, खरीद कानून आदि सहित विभिन्न कानून विषयों के बारे में सिखाया जाता है ताकि उन्हें क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त हो। साथ ही यह कोर्स कॉर्पोरेट क्षेत्र के भीतर सभी कानूनी मामलों का विस्तृत अध्ययन प्रदान करता है और छात्रों को विभिन्न कानूनी मुद्दों के समाधान खोजने में मदद करता है।

चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी से अवगत कराएंगे कि आखिर कॉर्पोरेट लॉ में एलएलएम करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या होनी चाहिए। इसका एडमिशन प्रोसेस क्या है, इसके लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम कौन से हैं, इसे करने के बाद आपके पास जॉब प्रोफाइल क्या होंगी और उनकी सैलरी क्या होगी। भारत में एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ कोर्स करने के लिए टॉप कॉलेज कौन से हैं और उनकी फीस क्या है।

Career in LLM Corporate Law 2023: एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ में कैसे बनाएं करियर

• कोर्स का नाम- एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ
• कोर्स का प्रकार- पोस्ट ग्रेजुएशन
• कोर्स की अवधि- 2 साल
• पात्रता- एलएलबी, बीए एलएलबी
• एडमिशन प्रोसेस- एंट्रेंस एग्जाम
• कोर्स फीस- 2 से 3 लाख तक
• अवरेज सैलरी- 4 से 10 लाख तक

एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ: पात्रता

  • उम्मीदवारों के पास किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से एलएलबी या बीएएलएलबी में स्नातक की डिग्री होनी चाहिए।
  • उम्मीदवार के स्नातक डिग्री में कुल मिलाकर कम से कम 60% अंक होने चाहिए।
  • उम्मीदवारों को अपनी पसंद के कॉलेजों में सीट सुरक्षित करने के लिए सामान्य प्रवेश परीक्षा जैसे क्लैट, एआईएलईटी, क्यूसैट कैट, एलएसएटी, टीएस लॉसीईटी, एपी लॉसीईटी, इलसैट, एमएचटी सीईटी, सईटी स्लेट, पीयू एलएलबी में किसी एक को भी उत्तीर्ण करना चाहिए।
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में पाठ्यक्रम कार्यक्रम में 5% छूट प्रदान की जाती है।

एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ: प्रवेश प्रक्रिया

किसी भी टॉप यूनिवर्सिटी में एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, उम्मीदवारों को एंट्रेंस एग्जाम देने की आवश्यकता होती है। एंट्रेंस एग्जाम में पास होने के बाद पर्सनल इंट्रव्यू होता है और यदि उम्मीदवार उसमें अच्छा स्कोर करते हैं, तो उन्हें स्कोलरशिप भी मिल सकती है।

एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ के लिए भारत के टॉप कॉलेजों द्वारा अपनाई जाने वाली एडमिशन प्रोसेस निम्नलिखित है

चरण 1: रजिस्ट्रेशन

  • उम्मीदवार ऑफिशयल वेबसाइट पर जाएं।
  • ऑफिशयल वेबसाइट पर जाने के बाद आवेदन फॉर्म भरें।
  • आवेदन फॉर्म को भरने के बाद ठीक तरह से जांच लें यदि फॉर्म में गलती हुई तो वह रिजक्ट हो सकता है।
  • मांगे गए दस्तावेज अपलोड करें।
  • आवेदन पत्र सबमिट करें।
  • क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से ऑनलाइन फॉर्म की फीस जमा करें।

चरण 2: एंट्रेंस एग्जाम

  • यदि उम्मीदवार एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ में एडमिशन लेने के लिए टॉप यूनिवर्सिटी का लक्ष्य रखते हैं, तो उनके लिए एंट्रेंस एग्जाम क्रेक करना अत्यंत आवश्यक है। जिसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरी हो जाने के बाद एडमिट कार्ड जारी किए जाते हैं। जिसमें की एंट्रेंस एग्जाम से संबंधित सभी जानकारी दी जाती है जैसे कि एग्जाम कब और कहां होगा, आदि।
  • बता दें कि एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ के लिए एडमिशन प्रोसेस क्लैट, एआईएलईटी, क्यूसैट कैट, एलएसएटी, टीएस लॉसीईटी, एपी लॉसीईटी, इलसैट, एमएचटी सीईटी, सईटी स्लेट, पीयू एलएलबी आदि जैसे एंट्रेंस एग्जाम पर निर्भर करती है। योग्य उम्मीदवारों का चयन आगे इंट्रव्यू के आधार पर किया जाता है।

चरण 3: एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट
एंट्रेंस एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद उसका रिजल्ट घोषित किया जाता है जिसके लिए, छात्रों को नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइटों और सोशल मीडिया हैंडल की जांच करके खुद को अपडेट रखना चाहिए।

चरण 4: इंट्रव्यू एंड एनरोलमेंट

  • एंट्रेंस एग्जाम में पास होने वाले छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा इंट्रव्यू में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा - या तो ऑनलाइन (स्काइप, गूगल मीट, ज़ूम) या ऑफ़लाइन छात्रों को यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाकर।
  • इस दौरान, अन्य सभी एलिजिबिली क्राइटेरिया को क्रॉस चेक किया जाता है और यदि छात्र इंटरव्यू में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें कॉर्पोरेट लॉ में एलएलएम का अध्ययन करने के लिए एडमिशन दिया जाता है।

एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ: सिलेबस

सेमेस्टर 1

  • कंपनी लॉ
  • कानूनी संदर्भ में डेरिवेटिव
  • वाणिज्यिक बैंकिंग

सेमेस्टर 2

  • अंतर्राष्ट्रीय ट्रस्ट कानून
  • कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी
  • बीमा कानून

सेमेस्टर 3

  • पूंजी बाजार कानून
  • कॉर्पोरेट कानूनी ढांचा
  • कानून का दर्शन

सेमेस्टर 4

  • यूरोपीय खरीद कानून
  • विदेश व्यापार नीतियां
  • अनुसंधान कार्य

एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ: टॉप कॉलेज और उनकी फीस

  • राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, फीस- 2,00,000
  • हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, फीस- 79,000
  • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, फीस- 80,000
  • महात्मा गांधी लॉ कॉलेज- [एमजीएलसी], फीस- 24,100
  • निम्स यूनिवर्सिटी, फीस- 40,000
  • सिद्धार्थ लॉ कॉलेज, फीस- 1, 21, 500
  • विवेकानंद व्यावसायिक अध्ययन संस्थान (वीआईपीएस), फीस- 92.500
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर, फीस-1,63, 900
  • एसवीकेएम का नरसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडी, फीस- 1,25,000
  • मंगलायतन विश्वविद्यालय (एमयू), फीस- 60,000

एलएलएम कॉर्पोरेट लॉ: जॉब प्रोफाइल और सैलरी

  • सिविल जज- सैलरी 6 से 7 लाख तक
  • लीगल एक्सपर्ट- सैलरी 7 से 8 लाख तक
  • कॉर्पोरेट वकील- सैलरी 3 से 5 लाख तक
  • प्रोफेसर- सैलरी 5 से 8 लाख तक
  • लीगल रिसर्चर- सैलरी 3 से 4 लाख तक
  • कॉर्पोरेट इवेंट एसोसिएट- सैलरी 3 से 5 लाख तक
  • मजिस्ट्रेट- सैलरी 6 से 7 लाख तक

यह खबर पढ़ने के लिए धन्यवाद, आप हमारे टेलीग्राम चैनल पर भी जुड़ सकते हैं।

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English summary
LLM Corporate Law is one of the most popular legal specializations chosen by students these days. LLM Corporate Law is a 2 year post-graduate law degree for candidates who aspire to pursue a career in the field of Corporate Law. In this course, students are taught about various law subjects including company law, procurement law etc. so that they get expertise in the field.
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