NEET UG Scam 2024: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को बिहार पुलिस से कथित नीट पेपर लीक मामले से जुड़े सबूत एकत्र किए। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) राज्य में जांच संभाल रही थी, जब तक कि केंद्रीय एजेंसी ने गुजरात और राजस्थान में अन्य मामलों के साथ इसे अपने हाथ में नहीं ले लिया।
इस बीच, महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने सोमवार को लातूर से एक जिला परिषद स्कूल के प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया और पेपर लीक मामले के सिलसिले में एक शिक्षक को हिरासत में लिया।
बता दें कि केंद्र ने शनिवार को नीट यूजी में अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंपी और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक को उसके पद से हटा दिया। साथ ही में शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन भी किया।
जिसके बाद, अब ममता बनर्जी ने पीएम को पत्र लिखकर मेडिकल प्रवेश के लिए नीट और राज्य स्तरीय परीक्षाओं को समाप्त करने का सुझाव दिया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नीट यूजी को समाप्त करने और स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षाओं की पिछली प्रणाली को वापस लाने का अनुरोध किया।
मोदी को लिखे दूसरे पत्र में बनर्जी ने अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि तीस्ता नदी के जल बंटवारे और फरक्का संधि पर पश्चिम बंगाल की भागीदारी के बिना बांग्लादेश के साथ कोई चर्चा नहीं की जानी चाहिए।
बनर्जी ने लिखा, "मैं आपसे दृढ़ता से आग्रह करती हूं कि आप इस परीक्षा को राज्य सरकारों द्वारा आयोजित करने की पिछली प्रणाली को बहाल करने और NEET परीक्षा को समाप्त करने के लिए तत्काल कदम उठाने पर विचार करें।" "इससे सामान्य स्थिति बहाल करने और इच्छुक छात्रों का सिस्टम में विश्वास बहाल करने में मदद मिलेगी।"
पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि पेपर लीक, अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने और ग्रेस मार्क्स के आरोपों की गहन, स्वच्छ और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। उन्होंने लिखा, "ऐसी घटनाएं उन छात्रों के करियर और आकांक्षाओं को खतरे में डालती हैं जो इन मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए उत्सुक हैं। ऐसी घटनाएं न केवल चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता करती हैं बल्कि चिकित्सा सुविधाओं और उपचार की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।"
पत्र में यह भी कहा गया है कि 2017 से पहले राज्य और केंद्र अपनी प्रवेश परीक्षाएं खुद ही आयोजित करते थे। बाद में केंद्र सरकार ने विकेंद्रीकृत प्रणाली को बदलकर एकात्मक और केंद्रीकृत परीक्षा प्रणाली बना दी, ताकि राज्यों की किसी भी तरह की भागीदारी के बिना मेडिकल पाठ्यक्रमों में सभी प्रवेशों पर नियंत्रण किया जा सके।
उन्होंने कहा, "मौजूदा व्यवस्था ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है।"
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने भर्तियों में अनियमितताओं को लेकर तृणमूल कांग्रेस सरकार पर परोक्ष हमला करते हुए बनर्जी का मज़ाक उड़ाया। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने पूछा, "वह पुरानी व्यवस्था को वापस लाना चाहती हैं? वह किस पुरानी व्यवस्था की बात कर रही हैं? वह व्यवस्था जिसमें (अयोग्य) उम्मीदवारों की सूची भेजकर उनकी नौकरी पक्की की जाती थी?"
दूसरा पत्र शनिवार को नई दिल्ली में मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद आया है। बनर्जी ने लिखा, "ऐसा लगता है कि बैठक के दौरान गंगा और तीस्ता नदियों से जुड़े जल बंटवारे के मुद्दों पर चर्चा हुई होगी। राज्य सरकार से परामर्श और राय के बिना इस तरह की एकतरफा चर्चा और विचार-विमर्श न तो स्वीकार्य है और न ही वांछनीय है।"
भट्टाचार्य ने कहा, "मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल नहीं बदल सकते। अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय वार्ता दो देशों के प्रमुखों के बीच होती है। केवल संवैधानिक विशेषज्ञ ही बता सकते हैं कि किसी मुख्यमंत्री को विशेष आमंत्रित के रूप में उस बैठक में आमंत्रित किया जाना चाहिए या नहीं। लेकिन ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जिसमें टीएमसी अंतरराष्ट्रीय महत्व की या आंतरिक सुरक्षा से संबंधित ऐसी बैठकों में शामिल हुई हो।"