Yearender 2020 Jobs Trends: साल 2020 में कोरोनावायरस के संक्रमण और लॉकडाउन का असर सबसे नौकरियों के क्षेत्र पर पड़ा है। जिसकी वजह से प्राइवेट सेक्टर में कई लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी। इनमें से कुछ लोग तो ऐसे भी थें। जो काफी सालों से एक ही कंपनी में काम रहे थे। लेकिन फिर भी उन्हें लॉकडाउन के समय पर अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी थी। यदि प्राइवेट सेक्टर की बात की बात करें इसका सबसे ज्यादा हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म सेक्टर पर पड़ा है। आइये जानते हैं साल 2020 कैसा रहा जॉब सेक्टर के लिए...
लॉकडाउन के समय पर होटल और रेस्टोरेंटों को पूरी तरह से बंद कर दिया था। जिसकी वजह से इस सेक्टर को सबसे ज्यादा मंदी का मार झेलनी पड़ी। हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म वह सेक्टर है जहां पर लोगों ने सबसे ज्यादा नौकरियां गंवाई है। भारत की कुछ जगह ऐसी हैं जो टूरिज्म के लिए काफी मशहूर हैं और वहां के लोगों की रोजी रोटी सिर्फ टूरिज्म से ही चलती है और जैसे ही कोरोनावायरस का खतरा बढ़ा और लॉकडाउन लगा उस समय से ही टूरिज्म पूरी तरह ही बंद हो गया और अभी भी इन जगहों पर टूरिस्ट बहुत ही कम आते हैं।
यदि व्यापारियों की बात करें तो इस साल कोरोनावायरस की वजह से व्यापारियों को भी काफी नुकसान हुआ है। जिस समय में पर लॉकडाउन लगा था उस समय पर व्यापरी वर्ग भी सबसे ज्यादा प्रभावित रहा।क्योंकि सरकार ने सिर्फ रोज प्रयोग में लाने वस्तुओं की दुकाने ही खोलने की इज्जात दी थी और जब सरकार ने अनलॉक की प्रक्रिया जारी की उस समय पर भी छोटे व्यापारियों को कुछ ज्यादा लाभ नहीं हो पाया सिर्फ त्योहारों पर ही बाजारों में भीड़ देखने को मिली थी। इसके अलावा छोटे व्यापारी अभी भी नुकसान का ही सामना करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से वह अपने यहां काम करने वाले लोगों को तनख्वाह भी नहीं दे पा रहे हैं और ऐसी स्थिति में उन्हें अपने स्टाफ को भी कम करना पड़ रहा है।
वहीं सरकारी क्षेत्रों की बात करें तो इस साल 2019 के मुकाबले इस साल सरकारी क्षेत्रों में भी बहुत ही कम नौकरियां निकली है। रेलवे भी इस साल 15 फरवरी 2020 को ईस्टर्न रेलवे रीजन कोलकाता में ट्रेड अप्रेंटिस के तहत 2792 पदों के लिए,25 जून 2020 को एक्ट अप्रेंटिस के लिए 2792 पदों के लिए और अगस्त माह में RRB NTPC में 35208 पदों के लिए ही भर्ती निकली थी। जो पिछले सालों के मुकाबले इस साल काफी कम है। वहीं इस साल सरकार ने इस साल रेलवे का निजीकरण भी कर दिया है। लेकिन रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि रेलवे का किसी तरह से निजीकरण नहीं किया जा रहा है वर्तमान में चल रही रेलवे की सभी सेवाएं वैसे ही चलेंगी।
निजी भागीदारी से 109 रूट पर 151 अतिरिक्त आधुनिक ट्रेने चलाई जाएंगी। जिनका कोई प्रभाव रेलवे की ट्रेनों पर नहीं पड़ेगी।बल्कि ट्रेनों के आने से रोजगार सृजन होगा।इसके अलावा जयपुर,गोवाहाटी और तिरुवनंतपुरुम के एयरपोर्टों का भी निजीकरण किया गया है। ऐसा करने पर सरकार के द्वारा कहा गया है कि इन्हें सिर्फ कुछ सालों के लिए किराए के बतौर दिया है और ऐसा करने पर ने केवल देश को फायदा होगा बल्कि लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। इसके अलावा भी सरकार कई क्षेत्रों का निजीकरण करने की मंशा बना रही है।