भारत स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के जशन में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। भारतीय इस वर्ष अपना 76वां स्वतंत्रता दिसव मनाने की तैयारी में जोरो-शोरो से लगा हुआ है। इसी के साथ भारतीय सरकार ने हर घर तिरंगा मुहिम की भी शुरूआत की है। जिसके तरह भारत सरकार ने सभी देश वासियों से 13 से 15 अगस्त के बीच अपने अपने घरों में तिरंगा फहराने की अपील की है। इसी के साथ कल्चरल मिलिस्ट्री ने तिरंगे को फरहराने आदि को लेकर एक दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत का सम्मान है जिसकी गरीमा को बनाए रखान हमारे कर्तव्यों का एक हिस्सा है जिसके अनुसार हम सभी भारत वासियों को राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना है उसकी गरीमा को बनाए रखना है। भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस के महाउपलक्ष में आज इस लेख के माध्य से हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी कुछ अन्य जानकारी देने जा रहें हैं। आईए जानते हैं की पहली बार अंतरीक्ष में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कब ले जाया गया। राष्ट्रीय ध्वज को लेकर हाल ही में क्या संशोधन किए गए आदि के बारे में।
1947 से अब तक तिरंगे का सफर
1). भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का सबसे पहला संस्करण पिंगली वेंकय्या ने किया था। इस संस्करण पर अब भारत का राष्ट्रीय ध्वज आधारित है। पिंगली वेंकय्या भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे।
2). 22 जुलाई 1947 में संविधान सभा की बैठक के दौरान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) को उसके वर्तमान स्वरूप में अपनाया गया।
3). 29 मई 1953 में एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्ग ने एवरेस्ट की चढ़ाई पर पहली बार विजय हासिल की तो उन्होंने यूनियन जैक, नेपाल और संयुक्त राज्य के झंडे के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को भी वहां फहराया।
4). 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा अपने पहली अंतरिक्ष उड़ान के दौरान वह भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को बाहरी अंतरिक्ष में लेक गएं।
5). 21 अप्रैल 1996 में स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को उत्तरी ध्रुव पर फहराने वाले पहले भारतीय बने।
6). 2004 में 23 दिसंबर को सर्वोच्चय न्यायालय ने इस बात को माना कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (A) के तहत राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान और पूर्ण गरीमा के साथ स्वतंत्र रूप से फहराने का अधिकार नागरिक का मौलिक अधिकार है। लेकिन इसी के साथ यह भी माना गया कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का मौलिक अधिकार एक पूर्ण अधिकार नहीं है। यह एक योग्य अधिकार है। जिसे अनुच्छेद 19 (2) के तहत कुछ सीमाओं और प्रतिबंधों के अधिन किया गया है।
7). प्रतीक और नाम अधिनियम 1950 और राष्ट्रीय सम्मान के अपमान अधिनियम 1971, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के उपयोगों को सिमित करता है।
8). साल 2014 में 7 दिसंबर को करीब 50,000 लोगों ने मिलकर एक मानव भारतीय राष्ट्रीय ध्वज बनाया। जो कि दुनिया में सबसे बड़ा मानव ध्वज था। इसे गिनीज रिकॉर्ड में शामिल किया गया।
9). 23 जनवरी 2016 में 293 फुट लंबे खंभे पर सबसे ऊंचा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। राष्ट्रीय ध्वज का माप 99×66 फीट था।
10). 18 फरवरी 2016 में एमएचआरडी (MHRD) ने एक फैसला सुनाया जो राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ा था। उन्होंने फैसले में कहा की भारत के सभी केंद्र प्रायोजित विश्वविध्यालों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। जिसे कम से कम 207 फीट ऊंचे खंभे पर लगया जाएगा।
11). 30 दिसंबर 2021 में इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन किया गया जिसमें कपास, ऊन, रेशम और खादी के अलावा मशीन से बने पॉलिस्टर झंडे, हाथ से कटे और बुने झंडे बनाने की अनुमति दी गई।
12). 20 जुलाई 2022 को एक आदेश के माध्यम से संशोधन करके भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को गरीमा और सम्मान के साथ दिन रात नागरिकों के घरों में खुले में फहराने की अनुमती दी गई। इससे पहले राष्ट्रीय ध्वज को सूर्य उदय होने से सूर्य के अस्त होने तक ही फहराया जा सकता था। लेकिन इस बार संशोधन के माध्यम से दिन-रात नागरिकों के घरों में खुले में राष्ट्रीय ध्वज यानी की तिरंगा फहराने की अनुमति दे दी गई है।