दिलवालों की जान कही जाने वाली दिल्ली अपने कई स्मारकों के लिए फेमस है। इसमें से एक स्मारक है इंडिया गेट जिसका निर्माण भारत की आजादी से काफि वर्ष पहले ही हो गया था। भारत की स्वतंत्रता के बाद इस स्मारक में कुछ बदलाव किए गए थे। इंडिया गेट टूरिस्ट को काफि आकर्षित करता है। उससे भी ज्यादा ये दिल्ली वालों के लिए एक पिकनिक स्पॉट है। यहां से आपकों राष्ट्रपति भवन दिखता है। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति है जो हमेशा प्रज्वलित रहती है और अब तो वहां युद्ध स्मारक भी है जिसे देखने कई लोगो हर रोज जाते हैं। लोगो यहां बच्चों और परिवार के सदस्यों के साथ अधिकतर घुमने जाया करते हैं साथ में इसके आस पास स्थित अन्य स्मारक भी देख लेते हैं। इंडिया गेट का उद्घाटन 1931 में किया गया था और आजादि के बाद भारतीय सरकार ने इसमे कुछ जरूरी बदलाव किये थे। हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर इंडिया गेट पर स्थापित अमर जवान ज्योति पर भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ भारतीय सेना के तीनों प्रमुख युद्ध में शहिद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने जाते हैं। आइए जाने इस स्वतंत्रात दिवस पर इंडिया गेट के इतिहास के बारे में।
इंडिया गेट का इतिहास
इंडिया का नीव 1921 में रखी गई थी और ये स्मारक 1931 में बन कर तैयर हो गई थी। उसी साल इस स्मारक का उद्घाटन किया गया था। 12 फरवरी 1931 को वायसराय लॉर्ड इरविन के द्वावा इंडिया गेट का उद्घाटन किया गया था। इस स्मारक को बनने में 10 साल का समय लगा था। इस स्मारक को एंग्लो-अफगान युद्ध में शहिद हुए सैनिकों को सम्मान देने के लिए बनाया गया था।
प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो- अफगान युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना के करीब 90,000 सैनिक शहिद हुए थे। इन सैनिकों ने ब्रिटिश साम्राज्य की रक्षा करते हुए अपनी जान गवांई। इनके इस समर्पण के लिए इंडिया गेट का निर्माण किया गया। इंडिया गेट की दीवारों पर इन सभी सैनिकों के नाम खुदवाएं गए। इंडिया गेट के सामने किंग जॉर्ज की एक मूर्ति भी स्थापित की गई थी। इंडिया गेट को अखिल भारतीय युद्ध स्मारक के रूप में बनाया गया था, जिसका नाम बाद में बदल कर इंडिया गेट रखा गया। इंडिया गेट की आधारशीला ड्यूक ऑफ कनॉट के राजकुमार आर्थर द्वारा 10 फरवरी 1921 में रखी गई थी।
आजादी के बाद इंडिया गेट में हुए बदलाव
इंडिया गेट पर जॉर्ज पंचम की मूर्ती स्थापित थी जिसे आजादी के बाद हटा दिया गया था। आजादी के बाद इंडिया गेट स्वतंत्रता संग्राम में शहिद हुए स्वतंत्रता सेनानियों का स्थल बना। इस स्मारक में अमर जवान ज्योति को 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद स्थापित किया गया।
इंडिया गेट का स्ट्रक्चर
इंडिया गेट का डिजाइन सर एडवर्ड लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था। इंडिया गेट के पूरे परिसार का आकार हेक्सागोनल है और ये 306,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
इंडिया गेट की ऊंचाई 42 मीटर है। इसे राजस्थान के भरतपुर के लाल पत्थरों के आधार पर खड़ा किया गया था। शीर्ष पर जाने के लिए सीढ़ियों का निर्माण किया गया। इसके शीर्ष पर बीचों बीच इंडिया लिखा गया और इंडिया के बाईं ओर MCMXIV (1914) और दाईं ओर MCMXIX (1919) की तारीख लिखी हुई है।