Independence Day 2022: अमर जवान ज्योति का इतिहास

अमर जवान ज्योति 1971 के भारत-पाक युद्ध में हुए शहिदों की याद में उजागर की गई थी। ये ज्योति दिल्ली के इंडिया गेट पर सदा ही प्रज्वलित रहती है। हर साल गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और तीनों सेना के प्रमुख अमर जवान ज्योति पर माला अर्पित करते हैं। ये एक तरह का रिवाज है जिसके माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर स्थापित की किया गया था। 1972 में उस समय की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इस स्मारका का उद्घाटन किया गया। हर वर्ष गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर भारत के राष्टपति, प्रधानमंत्री और भारतीय सेना के तीनों प्रमुख माला अर्पित कर के युद्ध में शहिद हुए सैनिकों को श्रद्धाजंलि देते हैं। आइए इस स्वतंत्रता दिवस पर जाने अमर जवान ज्योति के इतिहास के बारे में।

Independence Day 2022: अमर जवान ज्योति का इतिहास

अमर जवान ज्योति का इतिहास

अमर जवान ज्योति 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान शहिद हुए सैनिकों के स्मारक के रूप में बनाया गया था। 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान कई भारतीय सैनिक इस युद्ध में शहिद हुए थे। जब भारत का विभाजन हुआ था तब दो हिस्सों के तौर पर पाकिस्तान बनाया गया था, पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान। पश्चिमी पाकिस्तान के अत्याचारों और जबरन कानून थोपने की वजह से वहां संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई और युद्ध की शुरूआत हुई जिसके लिए पूर्वी पाकिस्तान ने भारत से मदद मांगी और तब 1971 का युद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान भारत के कई सैनिक शहिद हुए और पूर्वी पाकिस्तान एक अलग देश बांग्लादेश के नाम से जाना गया। इस युद्ध के दौरान शहिद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए अमर जवान ज्योति को एक स्मारक के रूप में बनाया गया।

अमर जवान ज्योती में काले रंग के संगमरमर की कुरसी और एक कब्र बनाई गई है जो अज्ञात सैनिकों की कब्र के रूप में प्रदर्शित है। अमर जवान ज्योती में पूरे साल एक ही लौ जलती है लेकिन गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रात दिवस पर चारों लौ जलाई जाती हैं। साल 2006 तक अमर जवान ज्योति तरल पैट्रोलियम गैस के द्वारा जीवित रखी गई। उसके बाद इसे पाइप वाली प्राकृतिक गैस से बदला गया और अब ये प्राकृतिक गैस के जीवित रखी गई है।

अमर जवान ज्योति का अनावरण

1931 में इंडिया गेट का अनावरण किया गया था और अमर जवान ज्योति इंडिया गेट पर 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद स्थापित की गई। जिसका उद्घाट 1972 में उस समय की तत्कालिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था। अमर जवान ज्योति का आधार 4 फीट 3 इंच ऊंचा है और इसके साथ ये आधार 15 वर्ग फुट का है। केंद्र में स्थित कुरसी की ऊंचाई 3 फीट 2 इंच की है। अमरा ज्वान ज्योति काले संगमरमर प्लिंथ से बना है जिसमें एक सेनोटाफ है जिसे अज्ञात सैनिकों की कब्र के रूप में देखा जाता है। इस पर एक कुरसी है जिसपर L1A1 स्व-लोडिंग राइफल है और उसके ऊपर एक सैनिक का युद्ध हेलमेट है। अमर जवान ज्योति पर 4 कलश है जिनमें से लौ निकलती है।

25 फरवरी 2019 में युद्ध स्मारक का उद्घाटन प्राधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया और उसी दौरान अमर जवान ज्योति से आग की लपटों को युद्ध स्मारक में ले जाया गया।

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English summary
History of Amar Jawan Jyoti. Amar Jawan Jyoti is for those unknown army officer who martyr in 1971 india-pak war.
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