CISF Raising Day 2023: भारत की सुरक्षा में अपना अहम योगदान देेने वाली केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की स्थापना 10 मार्च 1969 में की गई थी। इसके स्थापना के दिन को चिन्हित करने के लिए प्रतिवर्ष 10 मार्च को सीआईएसएफ रैंजिंग डे या सीआईएसएफ स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। सीआईएसएफ की स्थापना भारतीय संसद द्वारा तीन बटालियन के साथ की गई थी और तब से आज तक सीआईएसएफ स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस साल यानी 2023 में भारत अपना 54वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है।
सीआईएसएफ भारत का एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है और राष्ट्र स्तर पर ये छह अर्धसैनिकल बलों में से एक माना जाता है। सीआईएसएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है और इसके लिए लगातार कार्य करते रहना है। हाल ही में सीआईएसएफ के एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ इस साल हैदराबाद में अपना स्थापना दिवस 12 मार्च को मनाने वाला है। ये पहली बार होगा की सीआईएसएफ द्वारा राजधानी दिल्ली के बाद स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया जाएगा।
सीआईएसएफ स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की स्थापना को चिन्हित करने के लिए प्रतिवर्ष सीआईएसएफ स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह भारत का प्रमुख रक्षा संगठन है। इसकी स्थापना भारतीय संसद द्वारा की गई थी। 10 मार्च 1969 में भारतीय संसद द्वारा एक सीआईएसएफ अधिनियम के माध्यम से इस की स्थापना की गई थी। इस अधिनियम के तहत इसकी स्थापना केवल तीन बटालियन के साथ की गई थी। लेकिन 15 जून 1983 में सीआईएसएफ को संसद में एक अधिनियम के माध्यम से सशस्त्र बल बनाया गया ताकि ये बेहतर रूप से अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए भारत को सुरक्षा प्रदान कर सके। सीआईएसएफ छह अर्धसैनिक बलों में से एक है। सीआईएसएफ को भारत की महत्वपूर्ण सरकारी और औद्योगिक भवनों को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य दिया गया है।
सीआईएसएफ अधिनियम के अंतर्गत 3,129 की पूर्व शक्ति के साथ लाया गया था। अपनी स्थापना के दिन से प्रतिवर्ष सीआईएसएफ स्थापना दिवस मनाया जाता है। ताकि उसमें कार्य कर देश की सुरक्षा के लिए योगदान देने वाले ऑफिसरों की सराहना की जाए सके। आंकडों की बात करते हुए बताएं तो वर्ष 2017 में सीआईएसएफ में भारतीय सरकारी की स्वीकृती से संख्या बढ़ कर 1,80,000 हो गई जो कि पहले 1,45,000 थी।
सीआईएसएफ स्थापना दिवस का महत्व
सीआईएसएफ देश की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जैसा की हमने आपको बताया की ये छह अर्धसैनिक बलों में से एक है और एक अनूठा संगठन भी है। सीआईएसएफ देश के समुद्री, वायु मार्गों के साथ -साथ महत्वपूर्ण सरकारी और औद्योगिक भवनों की सुरक्षा के लिए कार्य करता है। जिसमें हवाई अड्डे, बंगरदाह, मेट्रो सेवा और परमाणु और अंतरिक्ष प्रतिष्ठान के साथ अन्य 300 से अधिक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान भी शामिल है। सीआईएसएफ द्वारा भारत को निम्न स्तरों पर सुरक्षा प्रदान करने के कार्यों का योगदान देने और इनके द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को देखते हुए इन्हें सम्मानित करने के लिए सीआईएसएफ स्थापना दिवस मनाया जाता है।
कहां किया जाएगा 2023 में सीआईएसएफ स्थापना दिवस का आयोजन
यूं तो स्थापना दिवसका आयोजन गाजियाबाद सीआइएसएफ मैदान में किया जाता था। लेकिन इस वर्ष आयोजन हैदराबाद में किया जाएगा। सीआईएसएफ के एक अधिकारी की तरफ से आई जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ स्थापना दिवस आयोजित का आयोजन दिल्ली के बजाए हैदराबाद में किया जाएगा। ये पहली बार होगा की सीआईएसएफ स्थापना दिवस का आयोजन किसी अन्य शहर में किया जाएगा। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्र शिरकत करेंगे। ये जानकारी सीआईएसएफ के एक अधिकारि द्वारा दी गई। उन्होंने कहा कि "इस बार, यह हैदराबाद में राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी (एनआईएसए) में मनाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे।" उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ स्थापना दिवस के समारोह की तैयारी पूरे जोरों पर है, जिसमें मेहमानों की लंबी सूची तैयारी की गई है।
कैसे मनाया जाता है सीआइएसएफ स्थापना दिवस
स्थापना दिवस का सीआईएसएफ के अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है। कार्यक्रम में वैसे अधिकारिक जो देश प्रति निस्वार्थ भावों से सेवाओं करते हैं उन्हें उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन से सम्मानित करने के साथ-साथ सेवा पदक प्रदान किए जाते हैं। समारोह में सीआईएसएफ अधिकारियों की एक परेड आयोजीत की जाती है। इस समारोह में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें मुख्य तौर से मार्शल आर्ट प्रदर्शन, विशेष स्ट्राइ प्रदर्शन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम शामल है।
सीआईएसएफ में बढ़ती महिलाओं की भूमिका
हर क्षेत्र की तरह सीआईएसएफ में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं। आज करीब-करीब हर क्षेत्र में महिलाएं अवल हैं। और अब सीआईएसएफ में भी महिलाओं की संख्या बढ़ गई है। शुरुआत में सीआईएसएफ में पुरुषों को भर्ती की जाती था। लेकिन अब सीआईएसएफ में महिलाओं के लिए भी रास्ता खुला है और अब सीआईएसएफ की भर्ती में भी महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहीं है। सीआईएसएफ में महिलाओं की भर्ती का दौर 1990 के दशक में शुरू हुई थी। जिसमें वर्ष 1992 में आशा सिन्हा सीआईएसएफ की पहली महिला कमांडेंट बनीं थी और उनकी तैनाती कमांडेंट, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के रूप में की गई।
समय के साथ महिला सशक्तिकरण को देखते हुए संसदीय समिती द्वारा सीआईएसएफ में महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने के लिए सिफारिश की गई। जिस पर विचार करते हुए गृह मंत्रालय द्वारा कांस्टेबुलरी में महिलाओं के लिए आरक्षण की घोषणा की गई और उनके प्रतिनिधित्व को बढ़ा कर 15 प्रतिशत किया गया। 2016 में बढ़ती महिलाओं की भूमिका को देखते हुए 5 जनवरी को एक बार फिर महिलाओं के लिए कुछ आवश्यक बदलाव किए गए। सीआईएसएफ के साथ-साथ सीआरपीएफ में महिलाओं के लिए आरक्षण को 15 प्रतिशत से बढ़ा कर 33 प्रतिशत कर दिया गया।