भारत में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि भारतीय सेना के जवान शत्रुतापूर्ण इलाकों में सेवा करते हैं और प्राकृतिक आपदाओं सहित मानवीय संकट के दौरान साथी नागरिकों की मदद करने में सबसे आगे रहते हैं। वे अपना सब कुछ त्याग कर देश की सेवा के लिए तैनात होते हैं, जहां समय आने पर वे अपनी जान तक देश के लिए न्यौछावर कर देते हैं।
दरअसल, भारत सरकार लोक सभा द्वारा 16 सितंबर 2020 को रक्षा मंत्रालय, सैन्य कार्य विभाग से वर्ष 2014 से ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सैन्य कर्मियों की संख्या और उनके परिवारों को भुगतान किए गए मुआवजे का ब्यौरा क्या है पर प्रश्न पूछा गया। जिसके जवाब में उत्तर कुमार रेड्डी ने निम्नलिखित आंकडें और मुआवजे का ब्यौरा पेश किया।
ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सैन्य कर्मी
2014 से 2020 तक ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सैन्य कर्मियों के आंकडें निम्न है
- वर्ष - शहीद हुए सैन्य कर्मियों की संख्या
- 2014 - 78
- 2015 - 109
- 2016 - 133
- 2017 - 137
- 2018 - 117
- 2019 - 57
- 2020 (14.9.2020 तक) - 738
ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सैन्य कर्मियों के परिवारों को कितना मुआवजा दिया गया?
युद्ध हताहत (घातक) के संबंधियों के लिए मौद्रिक लाभों/पात्रता का विवरण
बता दें कि ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सैन्य कर्मियों के परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे को तीन भागों में बांटा गया है।
1. सरकार द्वारा भुगता किया गया क्षतिपूर्ति/पेंशन/अंतिम बकाया
(क) उदारीकृत कुटुंब पेंशन (एलएफपी): जैसा कि युद्ध हताहतों के लिए लागू है जो मृतक द्वारा प्राप्त अंतिम पारिश्रमिक के बराबर है।
(ख) केन्द्रीय सरकार से अनुग्रह पर एक बार में दी जाने वाली क्षतिपूर्ति:
(i) सेवा के दौरान दुर्घटना से होने वाले शहीद सैनिकों के लिए 25 लाख रुपए।
(ii) आतंकवादियों आदि द्वारा हिंसा के चलते सेवा के दौरान हुई शहीद हुए सैनिकों के लिए 25 लाख रुपए।
(iii) युद्ध में या सीमा पर झड़प या उग्रवादियों, आतंकवादियों आदि के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के लिए 35 लाख रुपए।
(iv) निर्दिष्ट ऊंचे स्थानों, दुर्गम सीमा चौकियों आदि पर तैनाती से प्राकृतिक आपदाओं, खराब मौसम के चलते सेवा के दौरान शहीद सैन्य कर्मियों के लिए 35 लाख रुपए।
(v) अंतर्राष्ट्रीय युद्ध या युद्ध जैसी संलिप्तता में शत्रु कार्रवाई के दौरान शहीद सैनिक, जो खास तौर से अधिसूचित किए गए हैं उनके लिए 45 लाख रुपए।
(ग) मृत्यु- सह- सेवानिवृत्ति अनुग्रह राशि (डीसीआरजी): दी गई सेवा की अवधि और शहीद द्वारा प्राप्त अंतिम पारिश्रमिक के आधार पर।
(घ) पीसीडीए (पी) इलाहाबाद द्वारा यथा लागू जारी अशक्तता/युद्ध घायल व्यक्ति की पेंशन।
2. राज्य सरकार द्वारा देय क्षतिपूर्ति/पेंशन/अंतिम बकाया (अनुग्रह) जैसा कि लागू है।
3. सरकार द्वारा दिए जाने वाले अन्य लाभ इस प्रकार है-
(क) एनओके के लिए सहानुभूतिपूर्वक नियुक्ति: संबंधित लाइन डिटेस (सरकारी योजना के अनुसार) के द्वारा बीसी के एनओके की योग्यता और पात्रता के अनुसार।
(ख) शैक्षिक छूट: ट्यूशन की पूरी प्रतिपूर्ति। साथ ही, बोर्डिंग स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वालों के लिए छात्रावास शुल्कों की पूर्ण प्रतिपूर्ति।
(ग) किराया और रेलयात्रा में छूट: इंडियन एयर लाइन द्वारा मूल किराए और रेल द्वारा द्वितीय श्रेणी स्लीपर में यात्रा पर 75% छूट।
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