Career In Exhibition Designing Courses Institute Jobs Salary: फेशन डिजाइनिंग के बाद एग्जिबिशन डिजाइनिंग में करियर को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। बाजार में प्रतिस्पर्धा इतनी बड गई है कि उत्पादक और विक्रेता को ग्राहकों के लिए खुद ही उत्पाद का प्रमोशन करना पड़ रहा है। ऐसे में एग्जिबिशन डिजाइनिंग स्पेशलिस्ट की डिमांड काफी बढ़ गई है। अगर आप भी 12वीं के बाद एक अच्छे करियर की तलाश में हैं, तो आप एग्जिबिशन डिजाइनिंग में करियर बनाकर हर महीने लाखों रुपए कमा सकते है। करियर इंडिया हिंदी के इस लेख में आपको एग्जिबिशन डिजाइनिंग में करियर, कोर्स, इंस्टीट्यूट, जॉब और सैलरी की जानकारी दी गई है।
यकीनन वर्तमान समय में विभिन्न उत्पादों को बेचने के लिए प्रतिस्पर्धा इतनी अधिक बढ़ गई है कि बाजार में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए उत्पादक अथवा विक्रेता को उत्पाद को स्वयं ही प्रमोट अथवा प्रदर्शित करना पड़ रहा है। अब यदि उत्पादक द्वारा व्यक्तिगत रूप से ग्राहकों से संपर्क स्थापित किया जाए तो इससे वक्त एवं पैसे दोनों की बहुत अधिक बरबादी होती है और अपेक्षित लाभ भी नहीं मिल पता है। ऐसे में ट्रेड, फैशन, टूरिज्म, हेरिटेज, टेक्नोलॉजी आदि की एग्जिबिशन्स (प्रदर्शनियों) के माध्यम से एक ही स्थान पर लाखों उपभोक्ताओं का ध्यान खींचा जा सकता है तथा उन्हें उत्पाद खरीदने के लिए आकर्षित भी किया जा सकता है। बाजार की इसी माँग को देखते हुए आज उत्पाद की एग्जिबिशन्स का महत्व काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि वर्तमान समय में हर छोटे-बड़े शहरों में एग्जिबिशन्स का चलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि आर्ट गैलरी मार्केट प्लेस, मेलों, एक्सपो आदि में लगने वाली एग्जिबिशन्स को डिजाइन करने का काम एग्जिबिशन डिजाइनर करते हैं। एग्जिबिशन के लिए एग्जिबिशन डिजाइनर का कार्य एग्जिबिशन के पहले प्लानिंग करना, बजट बनाना, विभिन्न टीमों के साथ समन्वय स्थापित करना और प्रदर्शनी के लिए निर्माण करवाना तथा साज-सज्जा करना होता है। लेआऊट डिजाइन बनाना, प्लानिंग करना और प्रदर्शनी वाली वस्तुओं को सुव्यवस्थित करना भी एग्जिबिशन डिजाइनर का ही काम होता है। एग्जिबिशन डिजाइनर उक्त प्रदर्शनी किस प्रकार के लोगों के लिए लगाई जा रही है, उनकी सोच को समझते हुए वे अपने कार्य को अंजाम तक पहुँचाते हैं। प्रदर्शनी के लिए बजट और समय का भी एग्जिबिशन डिजाइनरों को विशेष ध्यान रखना होता है। साथ ही एग्जिबिशन डिजाइनर अपने क्लाइंट के विचारों को समझकर उन्हें आगंतुकों (कस्टमरों) तक बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करते हैं।
एग्जिबिशन डिजाइनर क्लाइंट से बात कर विभिन्न वस्तुओं की अहमियत को समझता है। जरूरतों को समझने के बाद एग्जिबिशन डिजाइनर कम्प्यूटर की मदद से ड्राइंग तथा स्केल मॉडल का प्रयोग करके डिजाइन तैयार करता है। इसके बाद क्लाइंट द्वारा डिजाइन फाइनल कर दिए जाने के बाद इसे साकार करने के लिए पूरी टीम मिलकर काम करती है। कभी-कभी एग्जिबिशन दूसरे राज्यों या विदेशों में भी आयोजित की जाती हैं। ऐसे में उस राज्य अथवा देश के लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए एग्जिबिशन डिजाइनर की जाती है।
एग्जिबिशन डिजाइनिंग को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, जिससे उम्मीदवार इस क्षेत्र की बारीकियों को बेहतर ढ़ंग से समझ सके। एग्जिबिशन डिजाइनिंग में करियर बनाने हेतु देश के प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद से चार वर्षीय ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइनिंग का कोर्स किया जा सकता है। इस कोर्स हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी विषय समूह से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना है। इस कोर्स के अतिरिक्त इंटीरियर डिजाइनिंग या इवेंट मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम भी किए जा सकते हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग तथा इवेंट मैनेजमेंट के पाठ्यक्रमों में भी एग्जिबिशन डिजाइनिंग विस्तार से सिखाई जाती है।
बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत एग्जिबिशन डिजाइनिंग में करियर बनाने के लिए डिजाइन थ्योरी, मॉडल मेकिंग, मैटीरियल परचेज, डिजाइन थिंकिंग, फैशन हिस्ट्री, फैशन साइकोलॉजी, ग्राफिक डिजाइन, फोटोग्राफी, विजुअल मर्केंडाइजिंग, पैकेजिंग डिजाइन, फैशन स्टाइलिंग, फैशन कंज्यूमर बिहेवियर, इवेंट डिजाइन, द वर्ल्ड ऑफ इवेंट डिजाइन, कलर कोड एंड पैलेट टेक्निक, इवेंट स्टाइल, साइट सिलेक्शन, सॉफ्टवेयर ऑटो कैड 2डी, डिजाइन एलिमेंट, लाइटनिंग, एग्जिबिशन डिजाइन, कॉस्टिंग एंड बजटिंग, इंडस्ट्रियल डिजाइन, आर्किटेक्चर, ड्राफ्टिंग, स्पेशल डिजाइन, इवेंट मैनेजमेंट, इंटीरियर डिजाइन, 3डी डिजाइन, ग्राफिक डिजाइन आदि विषयों में सर्टीफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री कोर्स भी किया जा सकता है। एग्जिबिशन डिजाइनिंग के कोर्स के तहत कलर थैरेपी, डिजाइन टेक्नोलॉजी, ड्रॉइंग टेक्निक, डिजाइन प्रैक्टिस आदि विषय भी पढ़ाए जाते हैं। इस क्षेत्र में टेक्निकल ड्राइंग स्किल तथा डिजाइन सॉफ्टवेयर में अनुभव आपके काम को आसान बनाता है।
अगर आप इस क्षेत्र में उजला करियर बनाना चाहते हैं तो इसके लिए एग्जिबिशन डिजाइनिंग का कोर्स अथवा संबंधित कोर्स करने के साथ ही आपके भीतर बेहतर डिजाइन तथा कलात्मक कौशल होना बहुत जरूरी है। इसके अतिरिक्त आपके सोचने की क्षमता भी रचनात्मक होनी चाहिए, ताकि आप एग्जिबिशन की थीम को शानदार तरीके से प्रस्तुत कर सकें जिससे आपके क्लाइंट को उसके द्वारा निर्धारित गोल को अचीव करने में सफलता मिल सके। इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए आपको सबसे अलग हमेशा कुछ न कुछ नया सोचते रहना होगा। इसके लिए आपको देश तथा दुनिया में हो रही गतिविधियों के बारे में पता होना चाहिए, ताकि आप कुछ नई थीम का उपयोग करके अपनी प्रदर्शनी को सबसे अलग एवं सुंदर बना सकें। इस क्षेत्र में आपको लगातार अपने क्लाइंट और अपनी पूरी टीम के साथ संवाद करते रहना पड़ता है, इसलिए आपका कम्युनिकेट कौशल अच्छा होने के साथ ही आपको सेल्स की भी थोड़ी जानकारी होनी चाहिए।
गौरतलब है कि किसी बड़ी एग्जिबिशन को डिजाइन करना किसी एक व्यक्ति का कार्य नहीं है, अपितु इसमें पूरी टीम को मिलकर काम करना पड़ता है। इसलिए आपमें टीम के साथ काम करने की क्षमता और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट स्किल भी होनी चाहिए। इस सबसे अधिक आपमें कम्युनिकेशन स्किल का बेहतर होना नितांत आवश्यक है। आप अपने इसी कौशल के चलते अपने क्लाइंट को संतुष्ट कर पाएँगे । चूंकि हर एग्जिबिशन की एक निश्चित तारीख होती है, इसलिए यहाँ सफल होने के लिए आपको डेंडलाइन पर भी काम करना पड़ता है। वैसे तो यह काम सुबह 10 से शाम 6 बजे तक की नौकरी की तरह ही होता है, लेकिन फिर भी आपको क्लाइंट की जरूरत के हिसाब से नियत समय पर बेहतरीन आइडिया के बारे में सोचना तथा अपनी सोच को सकारात्मक रूप देना होता है।
रोजगार की बात की जाए तो एग्जिबिशन के बढऩे के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के नए चमकीले अवसर निर्मित हो रहे हैं। एग्जिबिशन डिजाइनर को स्थाई या अस्थाई तौर पर कई तरह के संस्थानों में रोजगार मिलता है। इसमें आर्ट गैलरी, म्यूजियम, ऐतिहासिक स्थल, साइंस सेंटर, इंटरप्रेटिव सेंटर, थिएटर या टेलीविजन प्रोडक्शन कंपनी, आर्किटेक्चरल डिजाइन फर्म, अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियाँ या इवेंट कंपनियाँ, ट्रेड शो एंड कन्वेंशन, पार्क आदि की जिम्मेदारी संभालने वाली सरकारी एजेंसियाँ शामिल हैं। इस क्षेत्र में फिल्म और थिएटर सेट भी डिजाइन करने का अवसर प्राप्त होता है। साथ ही सरकारी और निजी सेक्टर के संगठन, ट्रेवल और टूरिज्म इंडस्ट्री, म्यूजियम, कल्चरल इंस्टीट्यूट, हेरिटेज संगठन, एनजीओ, सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र के कार्पोरेट तथा विजुअल मर्चेंडाइजिंग विभागों में एग्जिबिशन डिजाइनरों की भारी माँग है।
देश-विदेश में बड़े पैमाने पर फैली इवेंट मैनेजमेंट कंपनियाँ और इंटीरियर डिजाइनिंग कंपनियाँ एग्जिबिशन डिजाइनरों को रोजगार के उजले अवसर उपलब्ध कराती हैं। एग्जिबिशन डिजाइनिंग का कोर्स करने के उपरांत प्रारंभ में किसी प्रतिष्ठित एग्जिबिशन डिजाइनर, इंटीरियर डेकोरेटर, आर्ट डायरेक्टर अथवा सेट डिजाइनर के सहायक के रूप में भी काम किया जा सकता है। अनुभव बढऩे के साथ-साथ वेतन में भी वृद्धि होती जाती है। लंबा अनुभव हो जाने के उपरांत स्वयं की कंपनी भी प्रारंभ की जा सकती है।
यहाँ आपकी शुरुआती कमाई बहुत ज्यादा नहीं होगी, लेकिन जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ता जाएगा और क्लाइंट तथा कंपनियाँ आपके काम को पहचानने लगेंगी, आपकी कमाई भी बढ़ती जाएगी। शुरुआती दौर में एक एग्जिबिशन डिजाइनर 20 हजार से 25 हजार रुपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकता है। वहीं थोड़े अनुभव के बाद सैलरी में वृद्धि होती जाती है। अनुभव प्राप्त करने के बाद जब डिजाइन मैनेजर के पद पर पहुँचते हैं तो सैलरी एक लाख रुपए प्रतिमाह तक पहुँच जाती है। अगर आप कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं तो आपकी आमदनी आपको मिलने वाले कार्य पर निर्भर करती है।
एग्जिबिशन डिजाइनिंग तथा संबंधित कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पालडी, अहमदाबाद।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, रायबरेली,श्रीनगर,कांगड़ा, मुंबई, नई दिल्ली।
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे।
मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च, अहमदाबाद।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन इंडिया, नई दिल्ली।
एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, नई दिल्ली।