NEET Paper Leak Update: नीट पेपर लीक के मामले को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इस बीच नीट पेपर लीक केस सीबीआई को सौंप दी गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर बीते 5 मई को आयोजित हुई मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2024 में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई ने एक प्राथमिकी दर्ज की।
बता दें कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा पेपर लीक के दावों की जांच के लिए छात्रों द्वारा देश भर में किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों और मुकदमों के बीच इस मामले ने नया रूप ले लिया है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने एजेंसी को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि परीक्षा के दौरान कुछ राज्यों में "कुछ अलग-थलग घटनाएं" हुईं। उन्होंने बताया कि मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सीबीआई ने गोधरा और पटना में विशेष टीमें भेजी हैं, जहां पुलिस ने नीट यूजी 2024 प्रश्न पत्र लीक के मामले दर्ज किए हैं।
गुजरात और बिहार में मामले दर्ज
इस बीच गुजरात सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ए के राकेश ने 8 मई को गोधरा तालुका पुलिस स्टेशन में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात सहित अन्य से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज मामले को सीबीआई को सौंपते हुए अधिसूचना जारी की। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी गुजरात और बिहार में पुलिस द्वारा दर्ज मामलों की जांच अपने हाथ में लेने की योजना बना रही है। सीबीआई की यह कार्रवाई मंत्रालय द्वारा कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की घोषणा के एक दिन बाद हुई है। बता दें कि इसकी मांग प्रदर्शनकारी छात्रों के एक वर्ग ने उठाई थी।
नीट यूजी की जांच CBI के हाथों
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने नीट यूजी पेपर लीक के मामले की जांच का जिम्मा केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई की सौंप दिया है। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, "शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से अनुरोध किया है कि वह कथित अनियमितताओं के पूरे मामले की व्यापक जांच करे। शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इसमें साजिश, धोखाधड़ी, प्रतिरूपण, विश्वासघात और उम्मीदवारों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा सबूतों को नष्ट करना शामिल है।"
अधिकारियों के अनुसार परीक्षा के संचालन से जुड़े लोक सेवकों की भूमिका और साथ ही घटनाओं के पूरे दायरे और बड़ी साजिश भी जांच के दायरे में होगी। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत अन्य के अलावा एक नया मामला दर्ज किया है।
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "5 मई को आयोजित नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं, धोखाधड़ी, प्रतिरूपण और कदाचार के कुछ मामले सामने आए हैं।" अधिकारी ने कहा, "परीक्षा प्रक्रिया के संचालन में पारदर्शिता के लिए, समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया कि मामले को व्यापक जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए।"
नीट यूजी अनियमितताओं को लेकर विरोध प्रदर्शन
नीट यूजी परीक्षा को लेकर तमाम अनियमितताओं को लेकर कई अलग-अलग तथ्य सामने आए हैं। मेडिकल प्रवेश परीक्षा अनियमितताओं और आरोपों ने कई शहरों में विरोध प्रदर्शन, मुकदमेबाजी और राजनीतिक वाद-विवाद को जन्म दिया। इसमें विपक्ष ने सरकार पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। दस उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसमें सीबीआई और ईडी को नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिका में बिहार पुलिस को मामले की जांच में तेजी लाने और शीर्ष अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। एक अलग मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, एनटीए और अन्य से विभिन्न याचिकाओं पर जवाब मांगा, जिनमें नीट-यूजी 2024 परीक्षा को रद्द करने और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
ग्रेस मार्क्स खत्म, दोबारा परीक्षा की घोषणा
पीटीआई की खबर के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में इसी तरह की याचिकाओं पर कार्यवाही भी रोक दी। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी बीते 5 मई को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्र शामिल थे।
इससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हुआ। छह केंद्रों पर समय के नुकसान की भरपाई के लिए छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स को लेकर भी विवाद हुआ। बाद में केंद्र ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि ग्रेस मार्क्स को खत्म किया जा रहा है और इन 1563 छात्रों को नीट रीटेस्ट का विकल्प दिया जायेगा। नीट यूजी रीटेस्ट 23 जून को आयोजित किया गया।
एनटीए महानिदेशक बदले गये
नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है। प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित विसंगतियों को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे केंद्र ने एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया और एजेंसी के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया। इसने हाल के दिनों में प्रभावित होने वाली चौथी प्रवेश परीक्षा, नीट पीजी प्रवेश को स्थगित कर दिया।