बिहार लोक सेवा आयोग बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में ईओयू की जांच में एक और खुलासा हुआ है। 8 मई को 67वीं बीपीएससी पीटी का प्रश्न पत्र केंद्र सरकार के एक क्लर्क ने दिल्ली से गिरफ्तार गैंग के शातिरों को सौंपा था। यह कर्मचारी इलाहाबाद में तैनात है। पहले भी प्रश्न पत्र लीक मामले में इसका नाम अ चुका है। यह सरकारी कर्मचारी खुद भी बीपीएससी पीटी का पेपर दे रहा था और उसका सेंटर डुमरांव में पड़ा था।
इस कर्मी ने बीपीएससी परीक्षा फार्म भरा था और इलाहाबाद का गलत पता दिया था। फिलहाल एसआईटी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। इस सरकारी कर्मचारी ने उत्तर प्रदेश के अभिषेक त्रिपाठी, मधुबनी के महेश पूर्वे और प्रवीण कुमार यादव को प्रश्न पत्र दिए थे। बीपीएससी परीक्षा से 1 घंटे पहले इन्हें प्रश्न पत्र मिल गया था। हालांकि अभी इस सरकारी कर्मचारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इलाहाबाद में तैनात यह कर्मचारी मध्य बिहार का रहने वाला है। प्रश्न पत्र लीक मामले में यह पुराना खिलाड़ी बताया जा रहा है। ईओयू की एसआईटी उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। फिलहाल यह दिल्ली और इलाहाबाद से फरार हो गया है। एसआईटी ने दावा किया है कि वह जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लेगी, ताकि इस मामले का पूरा खुलासा हो सके।
एसआईटी के अनुसार, इलाहाबाद में तैनात क्लर्क और दिल्ली से गिरफ्तार किए गए लोग पिछले तीन साल से एक-दूसरे के संपर्क में थे। दिल्ली की इस गैंग को बीपीएससी प्रश्न पत्र देने वाला सरकारी क्लर्क के पास एक कीमती क्रेटा कार है। उसने सरकारी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक कर और उन्हें बेच कर उसने काफी पैसा कमाया थे।
पिछले दिनों गिरफ्तार पिंटू यादव गिरोह के संजय कुमार के बैंक खातों को ईओयू ने जब खंगालना शुरू किया तो वह भी दंग रह गई। सूत्रों के अनुसार संजय के खातों में पिछले 6 महीने में 20 से 25 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन होने के सुराग मिले हैं।
इधर, पटना सिविल कोर्ट स्थित ईओयू की विशेष अदालत ने 8 जून 2022 को जेल में बंद वीर कुंवर सिंह कॉलेज आरा के प्राचार्य व केंद्र अधीक्षक योगेंद्र प्रसाद सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी। दूसरी ओर दिल्ली से गिरफ्तार लोगों को 10 जून तक जेल भेज दिया गया।