क्या अब बिहार में रुकेंगी पेपर लीक की घटनाएं! बिहार विधानसभा में पेपर लीक रोकथाम विधेयक पारित

बिहार विधानसभा ने बुधवार को राज्य में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक विधेयक पारित किया। बिहार सार्वजनिक परीक्षा (पीई) (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पेश किया और विपक्ष के बहिर्गमन के बीच ध्वनिमत से पारित कर दिया।

बिहार विधानसभा में पेपर लीक रोकने के लिए विधेयक पारित

सदन को संबोधित करते हुए बिहार के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह विधेयक केंद्रीय कानून के अनुरूप है। उन्होंने कहा, "हमें आश्चर्य है कि विपक्ष ने इसका विरोध क्यों किया, जबकि यह राज्य में नौकरी चाहने वालों के व्यापक हित में है।"

बिहार विधानसभा में पेपर लीक रोकने के लिए विधेयक क्या है?

बिहार विधानसभा ने परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए एक विधेयक पारित किया। इसके बाद बुधवार को उच्च सदन ने भी इसे पारित कर दिया। विपक्ष के वॉकआउट के बावजूद यह कदम उठाया गया। इसमें पिछले दो दशकों में "सॉल्वर गैंग" से निपटने में सरकार की विफलता का विरोध किया गया।

बिहार विधानसभा में पेपर लीक रोकने के लिए विधेयक के तहत नए कानून का उद्देश्य राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों के लीक होने सहित अन्य गड़बड़ियों पर अंकुश लगाना है, जो संयोग से नीट 2024 प्रश्नपत्र लीक विवाद का केंद्र रहा है।

पेपर लीक या परीक्षा अनियमिताता व कदाचार के लिए सजा

प्रस्तावित कानून बीपीएससी (BPSC), बीएसएससी (BSSC), बीटीएससी (BTSC), बीपीएसएससी (BPSSC) और अन्य सरकारी एजेंसियों सहित विभिन्न आयोगों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों के लिए तैयार किया गया है। इस विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे।

बिहार पेपर लीक विरोधी विधेयक में ऐसी गड़बड़ियों में शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है, जिसमें तीन से पांच साल की जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना शामिल है। बिहार सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि नीट यूजी पेपर लीक की वजह से यह कानून बनाया गया। इस साल की शुरुआत में, एक शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई थी और अभी तक इसे फिर से शेड्यूल नहीं किया गया है।

क्या है विपक्ष की चिंताएं?

विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, "लेकिन विपक्ष को विश्वास में लेना चाहिये था और इस पर बहस होनी चाहिये थी। आज कल विपक्ष के दृष्टिकोण पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।" बिहार लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा 2022 कथित पेपर लीक के कारण स्थगित कर दी गई थी।

इसी तरह कांस्टेबल परीक्षा 2022 को भी इसी तरह के आरोपों के कारण रद्द करना पड़ा। एक अधिकारी ने बताया, "नालंदा सॉल्वर गिरोह की संलिप्तता के कारण राज्य सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।" इस गिरोह की गतिविधियों के कारण इस साल की शुरुआत में परीक्षाओं में काफी व्यवधान उत्पन्न हुआ था। इस नए कानून का उद्देश्य परीक्षा लीक और सॉल्वर गिरोहों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान करके बिहार भर में सार्वजनिक परीक्षाओं में पारदर्शिता और पवित्रता को बहाल करना है।

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English summary
The Bihar Assembly on Wednesday passed a bill aimed at curbing question paper leaks and other malpractices in government recruitment exams in the state. The Bihar Public Examination (PE) (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024 was introduced by state parliamentary affairs minister Vijay Kumar Choudhary and passed by voice vote amid a walkout by the Opposition.
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